नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Defence Minister Rajnath Singh) ने आयुध निर्माणी बोर्ड (Ordnance Factory Board (OFB)) (ओएफबी) के निगमीकरण से संबंधित मुद्दों पर शुक्रवार को तीन मान्यता प्राप्त रक्षा नागरिक कर्मचारी संघों के साथ संवाद किया.
रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि इस बैठक में तीन कर्मचारी संघों अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी संघ, भारतीय राष्ट्रीय रक्षा कर्मचारी संघ और भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ ने भाग लिया.
'आत्मानिर्भर भारत' पैकेज के तहत केंद्र सरकार ने 16 मई, 2020 को घोषणा की थी कि वह ओएफबी के निगमीकरण द्वारा आयुध आपूर्ति में स्वायत्तता, जवाबदेही और कुशलता में सुधार करेगी. ओएफबी रक्षा मंत्रालय की इकाई है और तीनों सैन्य बलों तथा अर्धसैनिक बलों को महत्वपूर्ण हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करती है.
बयान में कहा गया, 'बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण माहौल में आयोजित की गयी, जिसमें रक्षा मंत्री ने ओएफबी निगमीकरण पर कर्मचारी संघों द्वारा व्यक्त की गयी चिंताओं को धैर्यपूर्वक सुना.'
तीनों कर्मचारी संघों ने मुख्य रूप से ओएफबी के प्रदर्शन में सुधार के लिए अंतिम अवसर की मांग करते हुए कुछ और वर्षों के लिए वर्तमान सेट-अप को जारी रखने, आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 को अधिनियम में परिवर्तित नहीं किये जाने की मांग की. उन्होंने निगमीकरण के बाद ओएफबी कर्मचारियों की सेवा शर्तों की रक्षा करने तथा नई कॉरपोरेट संस्थाओं के लिए काम का बोझ सुनिश्चित करने की भी मांग की.
बयान के मुताबिक, 'राज कुमार, सचिव (रक्षा उत्पादन) ने स्पष्ट किया कि नयी कॉरपोरेट संस्थाएं 100 प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली होंगी और सुझाव दिया कि विशिष्ट मुद्दों की पहचान करने के लिए कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ आगे की चर्चा विभाग के साथ जारी रहनी चाहिए, जिन्हें मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह के सामने समय समय पर लाया जा सकता है.'
बयान में कहा गया कि राजनाथ सिंह ने आश्वासन दिया कि ओएफबी निगमीकरण के निर्णय को लागू करते समय कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जाएगी. उन्होंने कर्मचारी संघों से विभाग के साथ चर्चा जारी रखने की अपील की और कहा कि उनकी अध्यक्षता में यूनियन द्वारा बताए गए विषयों पर मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह द्वारा सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा.
(पीटीआई भाषा)