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कोरोना ने छीना माता-पिता का साया, फिर भी डॉक्टर कर रही है कोरोना मरीजों की सेवा

कोरोना से माता-पिता को खो देने के कुछ दिन ही बाद डॉक्टर अपेक्षा कोरोना मरीजों की सेवा में लग गईं. लोगों के माता-पिता को बचा कर वह अपने माता-पिता को श्रद्धांजलि देना चाहती हैं.

RAJKOT BASED COVID WARRIOR  CONTINUES SERVING CORONA PATIENTS EVEN AFTER LOSING HER PARENTS
कोरोना ने छीना माता-पिता का साया, फिर भी डॉक्टर कर रही है कोरोना मरीजों की सेवा
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Published : May 1, 2021, 2:47 PM IST

राजकोट : डॉक्टर अपेक्षा मारडियाए ने हाल ही में कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खो दिया, लेकिन इसके बावजूद वह अपने फर्ज से पीछे नहीं हटीं और तुरंत कोरोना मरीजों की सेवा में लग गईं.

पी.डी.यू. मेडिकल कॉलेज में दूसरे वर्ष में पढ़ने वाली अपेक्षा डॉक्टर होने के नाते अपने कर्तव्य को समझती हैं. अपेक्षा का कहना है कि उनके माता-पिता नहीं रहे उन्हें इस बात का दुख है, लेकिन इस महामारी के दौर में वह लोगों कि मदद करना चाहती हैं. लोगों के माता-पिता को बचा कर वह अपने माता-पिता को श्रद्धांजलि देना चाहती हैं.

पढ़ें : 18+ वैक्सीनेशन: जानिए दिल्ली के किन अस्पतालों में हुई शुरुआत, क्या है रेट

बता दें कि अपेक्षा के पिता का 6 अप्रैल को कोरोना से निधन हुआ, जबकि मां का 10 अप्रैल को निधन हो गया था. इस कोरोना वॉरियर का एक छोटो भाई है जो कि 10वीं कक्षा में पढ़ता है.

माता-पिता के निधने के कुछ दिन ही बाद, 27 अप्रैल को अपेक्षा ने कोविड सेन्टर पर कोरोना मरीजों की सेवा शुरू कर दी. ऐसे कोरोना वॉरियर के जज्बे को हम सलाम करते हैं.

राजकोट : डॉक्टर अपेक्षा मारडियाए ने हाल ही में कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खो दिया, लेकिन इसके बावजूद वह अपने फर्ज से पीछे नहीं हटीं और तुरंत कोरोना मरीजों की सेवा में लग गईं.

पी.डी.यू. मेडिकल कॉलेज में दूसरे वर्ष में पढ़ने वाली अपेक्षा डॉक्टर होने के नाते अपने कर्तव्य को समझती हैं. अपेक्षा का कहना है कि उनके माता-पिता नहीं रहे उन्हें इस बात का दुख है, लेकिन इस महामारी के दौर में वह लोगों कि मदद करना चाहती हैं. लोगों के माता-पिता को बचा कर वह अपने माता-पिता को श्रद्धांजलि देना चाहती हैं.

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बता दें कि अपेक्षा के पिता का 6 अप्रैल को कोरोना से निधन हुआ, जबकि मां का 10 अप्रैल को निधन हो गया था. इस कोरोना वॉरियर का एक छोटो भाई है जो कि 10वीं कक्षा में पढ़ता है.

माता-पिता के निधने के कुछ दिन ही बाद, 27 अप्रैल को अपेक्षा ने कोविड सेन्टर पर कोरोना मरीजों की सेवा शुरू कर दी. ऐसे कोरोना वॉरियर के जज्बे को हम सलाम करते हैं.

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