जोधपुर. हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती के मौके पर सोमवार को लूणी विधानसभा क्षेत्र के पाल गांव में राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक 2022 का राज्य स्तरीय शुभारंभ (Rajiv Gandhi Rural Olympic Games 2022) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने झंडारोहण कर किया. गहलोत ने खिलाड़ियों की परेड की सलामी भी ली. राष्ट्रीय खेल दिवस पर शुरू हुए चार दिवसीय ग्रामीण ओलंपिक में स्थानीय विधायक महेंद्र सिंह विश्नोई ने पाल गांव में स्टेडियम बनाने की मांग रखी.
क्रीड़ा परिषद की अध्यक्ष कृष्णा पूनिया ने कहा की यह खेल दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन है. इससे कई प्रतिभाएं सामने आएंगी. यह खेल क्यों शुरू हुए इसको लेकर उन्होंने बताया कि कॉमन वेल्थ में जब मैंने पदक जीता था तो सीएम अशोक गहलोत ने तय किया था कि राजस्थान में खेलों को बढ़ावा मिलेगा. खेल में पदक जीतने वालों को आउट ऑफ टर्न नियुक्तियां मिल रही है. अनुदान दिया जा रहा है.
चार स्तर पर होगी प्रतियोगिता : सबसे पहले आज से 11 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में छह खेलों की प्रतियोगिताएं हो रही है. इनमें कबड्डी, खो खो, बॉलीबाल, टेनिस बाल क्रिकेट, हॉकी व शूटिंग बाल शामिल हैं. इस प्रतियोगित में पूरे प्रदेश से तीस लाख खिलाड़ियों के पंजीकरण हुए है. सबसे ज्यादा कबड्डी में हुए हैं. दूसरे चरण में 12 सितंबर से ब्लॉक स्तर की प्रतियोगिताएं होगी. इसके बाद 22 सितंबर से जिला स्तरीय और दो से पांच अक्टूबर तक राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं होगी. इसके साथ यह ओलंपिक खत्म होगा.
राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल से जुड़ी जानकारी:
- 29 अगस्त से ग्राम पंचायत स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं शुरू होंगी
- 12 सितंबर से ब्लॉक स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं
- 22 सिंतबर से जिला स्तर पर प्रतियोगिताएं
- 2 अक्टूबर से राज्य स्तर पर प्रतियोगिताएं
- कुल चालीस करोड़ रुपए का बजट का प्रावधान.
कबड्डी खेलते नजर आए CM गहलोत : मुख्यमंत्री गहलोत मैदान में कबड्डी खेलते नजर आए. जहां एक टीम में सीएम और कृष्णा पूनिया थीं और वहीं दूसरी टीम में खेल मंत्री अशोक चांदना थे. यह रोचक नजारा सोमावार को जोधपुर में राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल के शुभारंभ के दौरान देखने को मिला. मुख्यमंत्री गहलोत प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करने मैदान में पहुंचे. इस दौरान बेहद रोचक नजारा देखने को मिला. मुख्यमंत्री खुद मैदान में उतर आए और कबड्डी खेलने लगे.
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एक पाले में सीएम तो दूसरे में खेल मंत्री : खेल के शुभारंभल से पहले सीएम गहलोत खिलाड़ियों से मिलने और उनका हौसला अफजाई करने के लिए मैदान में पहुंचे थे. इस दौरान खेल मंत्री अशोक चांदना ने सीएम से कबड्डी खेलने के लिए कहा. जिसपर मुख्यमंत्री राजी हो गए. इसके बाद कबड्डी के दो पाले बने. जिसमें मुख्यमंत्री के पाले में राज्य खेल परिषद की अध्यक्ष कृष्णा पूनिया खुद जाकर खड़ी हो गईं. वहीं सामने के पाले में खेल मंत्री अशोक चांदना, प्रभारी मंत्री डा. सुभाष गर्ग और विधायक महेंद्र विश्नोई थे.
पूनिया और चांदना की खींचतान: खेल मंत्री अशोक चांदना ने ही ग्रामीण ओलंपिक के लिए मुख्यमंत्री को राजी किया था. इस बीच उन्होंने सीएम के सचिव को लेकर टिप्पणी कर सबको हैरान कर दिया. सरकार ने खेल परिषद की अध्यक्ष के रूप में विधायक कृष्णा पूनिया को नियुक्ति दे दी. इससे भी चांदना परेशान हो गए. वहीं दोनों के बीच खींचतान रहने लगी.
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बता दें कि हाल ही में जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में भी चांदना नाराज नजर आए जिसमें गहलोत भी मौजूद थे. सोमवार को जोधपुर में भी उन्हें कृष्णा पूनिया के बाद में संबोधन के लिए बुलाया गया जिसपर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आजकल सच कम बोला जाता है, झूठ बार-बार बोला जाता है. उन्होंने कहा कि सच ये है कि प्रदेश में खिलाड़ियों को आउट आफ टर्म नौकरी देने की पॉलिसी बनी हुई थी, लेकिन उन्हें मिली नहीं थी. इसकी शुरुआत के लिए बहुत परिश्रम किया गया.
खेलों को लेकर गांव-गांव में उत्साह : खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि खेलों को लेकर गांव-गांव के लोगो में उत्साह है. मैं मांग करता हूं कि हर साल इस प्रतियोगिता आयोजन कराएं. पूरा एक माह खेल माह घोषित करना चाहिए. साथ ही शहरी खेल ओलंपिक की भी घोषणा करें. मुख्यमंत्री की सोच के अनुरूप खेलों का वातावरण बनेगा तो लोग नशे से दूरी बनाएंगे. लोग वापस खेल में रुचि लेंगे. वहीं क्रीड़ा परिषद की अध्यक्ष कृष्णा पूनिया ने कहा की यह खेल दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन है. इससे कई प्रतिभाएं सामने आएंगी. अबतक यह प्रतियोगिता शुरू नहीं होने का कारण बताया हुए कहा कि कॉमन वेल्थ में जब मैंने पदक जीता था तो सीएम अशोक गहलोत ने तय किया था कि राजस्थान में खेलों को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि खेल में पदक जीतने वालों को आउट ऑफ टर्न नियुक्तियां मिल रही है. अनुदान दिया जा रहा है.