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राजीव गांधी हत्या मामले के चार दोषियों को जल्द श्रीलंका भेजा जाएगा: त्रिची कलेक्टर - राजीव गांधी हत्या मामला

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में रिहा किए गए दोषियों में से चार त्रिची के एक विशेष शिविर में हैं. त्रिची के जिला कलेक्टर प्रदीप कुमार ने कहा कि इन्हें जल्द श्रीलंका भेज दिया जाएगा.

त्रिची कलेक्टर
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Published : Nov 14, 2022, 10:53 PM IST

त्रिची (तमिलनाडु): सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को रिहा कर दिया गया है. इसमें मुरुगन, शांतन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस नाम के चार व्यक्ति श्रीलंका के हैं और उन्हें त्रिची विशेष शिविर में रखा गया है. राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी श्रीहरन सोमवार को (14 नवंबर) अपने पति मुरुगन से मिलने के लिए त्रिची स्पेशल कैंप गई. उनके दौरे को लेकर पुलिस विभाग ने भारी सुरक्षा व्यवस्था की थी.

त्रिची के जिला कलेक्टर प्रदीप कुमार ने विशेष शिविर में सुरक्षा उपायों की समीक्षा की. उसके बाद जिला कलेक्टर ने कहा कि मंजूरी मिलने के बाद चार लोगों को बहुत जल्द इनके गृह देश श्रीलंका भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इससे पहले, ऐसी सूचना थी कि चारों दोषी बुनियादी सुविधाओं को लेकर भूख हड़ताल करेंगे. इसके बाद एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को उस परिसर का दौरा किया. प्रदीप कुमार ने विशेष शिविर का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से कहा कि बुनियादी सुविधाओं से संबंधित मुद्दों का हल कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि चारों लोगों के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं.

राजीव गांधी हत्या मामले में चार दोषियों- श्रीहरन उर्फ ​​मुरुगन, संथन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार- को तमिलनाडु की अलग-अलग जेलों से रिहा किए जाने के बाद 12 नवंबर की रात को यहां विशेष शिविर में लाया गया था. ये चारों श्रीलंकाई नागरिक हैं. जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसी 'सूचना' थी कि चारों लोग सुविधाओं के लिए भूख हड़ताल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि, ऐसा नहीं था और चार लोगों में से दो- रॉबर्ट पायस और जयकुमार ने टहलने के लिए स्थान मुहैया कराने का अनुरोध किया. यह सुविधा जल्दी ही दी जाएगी और इस प्रकार कोई भी व्यक्ति अनशन पर नहीं जा रहा है.

उन्होंने कहा कि विशेष शिविर के प्रभारी से अनुमति लेने के बाद परिवार के सदस्य या रिश्तेदार के उनसे मुलाकात कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि रिहा किए गए चारों दोषियों के लिए भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. इस शिविर में विदेशी नागरिकों को उनके निर्वासन तक रखा जाता है. शिविर के कैदियों को अपना खाना खुद बनाने की अनुमति है. हालांकि, शिविर के अंदर मोबाइल फोन या अन्य गैजेट की अनुमति नहीं है. शिविर में 100 से अधिक कैदी हैं, जिनमें से ज्यादातर श्रीलंकाई नागरिक हैं. (इनपुट-भाषा)

त्रिची (तमिलनाडु): सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को रिहा कर दिया गया है. इसमें मुरुगन, शांतन, जयकुमार और रॉबर्ट पायस नाम के चार व्यक्ति श्रीलंका के हैं और उन्हें त्रिची विशेष शिविर में रखा गया है. राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी श्रीहरन सोमवार को (14 नवंबर) अपने पति मुरुगन से मिलने के लिए त्रिची स्पेशल कैंप गई. उनके दौरे को लेकर पुलिस विभाग ने भारी सुरक्षा व्यवस्था की थी.

त्रिची के जिला कलेक्टर प्रदीप कुमार ने विशेष शिविर में सुरक्षा उपायों की समीक्षा की. उसके बाद जिला कलेक्टर ने कहा कि मंजूरी मिलने के बाद चार लोगों को बहुत जल्द इनके गृह देश श्रीलंका भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इससे पहले, ऐसी सूचना थी कि चारों दोषी बुनियादी सुविधाओं को लेकर भूख हड़ताल करेंगे. इसके बाद एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को उस परिसर का दौरा किया. प्रदीप कुमार ने विशेष शिविर का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से कहा कि बुनियादी सुविधाओं से संबंधित मुद्दों का हल कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि चारों लोगों के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं.

राजीव गांधी हत्या मामले में चार दोषियों- श्रीहरन उर्फ ​​मुरुगन, संथन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार- को तमिलनाडु की अलग-अलग जेलों से रिहा किए जाने के बाद 12 नवंबर की रात को यहां विशेष शिविर में लाया गया था. ये चारों श्रीलंकाई नागरिक हैं. जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसी 'सूचना' थी कि चारों लोग सुविधाओं के लिए भूख हड़ताल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि, ऐसा नहीं था और चार लोगों में से दो- रॉबर्ट पायस और जयकुमार ने टहलने के लिए स्थान मुहैया कराने का अनुरोध किया. यह सुविधा जल्दी ही दी जाएगी और इस प्रकार कोई भी व्यक्ति अनशन पर नहीं जा रहा है.

उन्होंने कहा कि विशेष शिविर के प्रभारी से अनुमति लेने के बाद परिवार के सदस्य या रिश्तेदार के उनसे मुलाकात कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि रिहा किए गए चारों दोषियों के लिए भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. इस शिविर में विदेशी नागरिकों को उनके निर्वासन तक रखा जाता है. शिविर के कैदियों को अपना खाना खुद बनाने की अनुमति है. हालांकि, शिविर के अंदर मोबाइल फोन या अन्य गैजेट की अनुमति नहीं है. शिविर में 100 से अधिक कैदी हैं, जिनमें से ज्यादातर श्रीलंकाई नागरिक हैं. (इनपुट-भाषा)

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