जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आतंकवादी संगठन आईएस को भारत व बांग्लादेश सहित यूएई से धन एकत्रित करके सीरिया, तुर्की, इस्तांबुल व लेबनान में आतंकियों को हवाला के जरिए फंडिंग के आरोपी जमील अहमद की जमानत अर्जी पर 27 जुलाई तक सुनवाई टाल दी है.
सुनवाई के दौरान एनआईए के अधिवक्ता टीपी शर्मा ने कहा कि यह मामला जांच के लिए उनके पास आ रहा है. इसलिए एक महीने का समय दें, ताकि केस की फाइल एनआईए के पास आ जाए और वे अपना वकालतनामा पेश कर दें. वहीं, राज्य सरकार के एएजी राजेश महर्षि ने कहा कि राज्य सरकार ने यह मामला एनआईए को भेजने के लिए पत्र लिखा है. इस मामले में दो देशों में अनुसंधान बाकी है, जहां पर जमील ने रुपए भेजे थे और वहां से रुपए प्राप्त किए थे.
पढे़ं : Terror funding case: जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग मामले में एनआईए की कई जगहों पर छापेमारी
वहीं, जमील का मामला जमानत ले चुके सह आरोपी इकबाल से अलग है. दूसरी ओर जमील की ओर से कहा कि मामले के सह आरोपी इकबाल की जमानत हो चुकी है और इस मामले में दो बार तारीखें दी जा चुकी हैं, इसलिए जमानत अर्जी पर बहस सुनी जाए. अदालत ने सभी पक्षों को सुनकर एनआईए को अंतिम मौका देते हुए सुनवाई 27 जुलाई तक टाल दी.
बता दें कि एसओजी ने नवंबर 2016 में जमील अहमद को गिरफ्तार किया था और 2017 में उसके खिलाफ चालान पेश किया. वह जयपुर की सेंट्रल जेल में बंद है, जयपुर की निचली कोर्ट ने 11 सितंबर 2020 को उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, जिसे उसने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. दूसरी ओर मुंबई सहित छह राज्यों में 1993 में सीरियल ट्रेन बम ब्लास्ट मामले में अभियुक्त मोहम्मद एजाज अकबर व शमशुद्दीन की पैरोल याचिका सुनवाई 27 जुलाई तक टल गई है.