धौलपुर. राजस्थान के धौलपुर जिले के बाड़ी उपखंड के गांव कोयला के रहने वाले गजेंद्र सिंह मीणा ने आईएफएस -2022 की परीक्षा को क्लियर कर लिया है. इस परीक्षा को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) आयोजित कराता है. जिसमें गजेंद्र सिंह मीणा ने ऑल इंडिया में 142वीं रैंक हासिल की है. गजेंद्र सिंह मीणा धौलपुर जिले से आईएफएस की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले पहले व्यक्ति हैं. गजेंद्र सिंह परीक्षा पास करने के बाद पहली बार अपने गांव कोयला आए तो बाड़ी, उमरेह, सुनीपुर और कोयला के ग्रामीणों ने गर्मजोशी के साथ फूल माला और डीजे की धुन पर डांस करते हुए उनका स्वागत किया.
यूपीएससी की आईएफएस परीक्षा-2022 में गजेंद्र सिंह मीणा को अखिल भारतीय रैंक 142 मिली है. गजेंद्र सिंह धौलपुर जिले के गांव कोयला के रहने वाले हैं. अधिकारी बनने की प्रेरणा उन्हें बचपन में अपने दादाजी से मिली थी. वह 10 वीं और 12वीं में भी टॉपर्स रहे थे. उन्होंने वर्ष 2016 में आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है, जहां पर भी वे टॉपर थे. उन्हें आईआईटी कानपुर में बीज बोने की मशीन का पेटेंट भी मिला है, जो छोटे और सीमांत किसानों को आसानी से बीज बोने में मदद करती है.
यूपीएससी की भारतीय इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा 2017 में उन्हें अखिल भारतीय रैंक 49 वां स्थान प्राप्त किया. वर्तमान में वह केंद्रीय जल आयोग नई दिल्ली में उप निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, उनके पिता रामप्रकाश मीणा एक शिक्षक हैं. उनकी बहन राजेश्वरी डॉक्टर हैं और उनके भाई लवकुश भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड रक्षा मंत्रालय में उप प्रबंधक हैं. गजेंद्र सिंह को सफलता पाने के लिए कड़ा संघर्ष और मेहनत करनी पड़ी है.
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गजेंद्र सिंह की यह सर्विस जनता से जुडी नहीं होने के कारण उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. आईएएस की चार बार परीक्षा दी, जिसमें से तीन बार मुख्य परीक्षा पास कर वह इंटरव्यू में पहुंचे परंतु अंतिम सफलता हाथ नहीं लगी. परंतु आईएफएस की परीक्षा पहले टर्म में क्लियर किया है. शिक्षक रामप्रकाश के परिवार की स्थिति दयनीय होने के बाद भी उन्होंने अपने तीनों बच्चो को अच्छी शिक्षा के लिए अच्छे स्कूलों में पढ़ाया. उन्हीं की मेहनत का फल है कि शिक्षक रामप्रकाश के तीनों बच्चे सरकारी सेवा में हैं.