जयपुर. रविवार को सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह बात कही. गहलोत से जब पूछा गया कि अब राजस्थान में क्या 'ऑल इज वेल' माना जाए तब मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं तो मेरा काम करते जा रहा हूं बाकी जो निर्णय करना है वो आलाकमान को करना है. गहलोत ने कहा हमने तो सोनिया गांधी जी को जा कर कह दिया 50 साल की राजनीति में पहली बार देखा कि एक लाइन का प्रस्ताव पास नहीं करवा पाया, इसका मुझे वास्तव में आज भी दुख है और इसके लिए मैंने आलाकमान से माफी भी मांगी ली.
मैडम और माकन: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा मैंने अगस्त में ही मैडम सोनिया गांधी और प्रभारी अजय माकन से कहा था कि प्रदेश में सर्वे करा लिया जाए क्योंकि हम सबका ध्येय राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को रिपीट कराना है. गहलोत ने कहा राजस्थान में चुनाव जीतना हमारे लिए बहुत आवश्यक है यदि हम यहां चुनाव जीतेंगे तो आगे भी कांग्रेस की संभावना बनेगी क्योंकि आज कांग्रेस की देश को जरूरत है.
गहलोत ने कहा मैंने उन्हें कह दिया था मैं मुख्यमंत्री रहूं या ना रहूं, मैं विड्रॉ भी कर सकता हूं आप सर्वे कराएं और लगे कि किस तरह हम राजस्थान में वापस सरकार बना सकते हैं मैं उसमें अपना पूरा सहयोग करूंगा. गहलोत ने कहा मैं मुख्यमंत्री रहूं और सरकार न बने तो क्या मतलब इसलिए हमारी सरकार बने और हम सब मिलकर बनाएं,यहीं हम सबका प्रयास रहना चाहिए और वही सच्चा कांग्रेसी माना जाएगा.
पढ़ें-माकन का वीडियो वायरल, विधायकों के रुख पर कही ये बात
अजय माकन पर टारगेट: दरअसल, पिछले दिनों अजय माकन का एक वीडियो वायरल हुआ था. इस वायरल वीडियो में सीएम अशोक गहलोत का जिक्र हुआ था और ठहाके लगाते माकन दिखे थे. इसकी चर्चा खूब हुई. गहलोत कभी भी कोई बात अकारण न कहने के लिए जाने जाते हैं. यहां मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने माकन के साथ सर्वे वाली बात कही.
विधायकों को कैसे करता नाराज?: गहलोत ने One Line Resolution के पारित न होने पर दुख जताते हुए विधायकों की पीड़ा साझा की (Gehlot on Maken). कहा- राजस्थान में इस परंपरा का पालन नहीं किया है.इसका मुझे दुख है। आखिर 102 विधायक नाराज क्यों हो गए. इस पर रिसर्च होना चाहिए, आखिर इस्तीफा देनें की नौबत क्यों आई? गहलोत ने कहा जिन 102 विधायकों ने मुझ पर विश्वास किया मेरी सरकार बचाई मैं उन्हें कैसे धोखा दे सकता था इसलिए मैंने आलाकमान से माफी मांगना मंजूर किया. गहलोत ने कहा कांग्रेस प्रेसिडेंट व्यक्तित्व की धनी है और हम सब उनका सम्मान करते हैं.
क्या अगस्त से ही चल रहा था यह सियासी खेल: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान इस बात का भी इशारा कर रहा है कि राजस्थान मौजूदा हालातों को लेकर अगस्त में ही पार्टी आलाकमान से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बात हो चुकी थी. तब गहलोत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह मुख्यमंत्री रहे या न रहें या विड्रॉ करें लेकिन अगली कांग्रेस की सरकार रिपीट कैसे हो इस दृष्टि से ही पार्टी को काम करना चाहिए.
पढ़ें-गहलोत को मुख्यमंत्री पद की लालसा, राजस्थान में राजनीतिक अस्थिरता का दौर : राठौड़
शाह ने खिलाई थी मिठाई: मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी की तो हमेशा कोशिश रहती है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिरा दे. पूरी घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अमित शाह ने तो हमारे विधायकों को तब खूब मिठाई खिलाई थी. कहा था थोड़ा इंतजार थोड़ा इंतजार लेकिन हमारी सरकार नहीं गिरी और जीत सच्चाई की हुई. इसलिए 102 विधायकों को मैं नहीं भूल सकता चाहे मैं रहूं या नहीं रहूं.
मैंने उनसे वादा किया कि मैं आपका भी बाबा हूं इसलिए मैं उनको नहीं भूल सकता गहलोत ने कहा आज उन विधायकों में से दो चार लोग यदि मेरे खिलाफ कोई बयान भी देते हैं तभी उनका एहसान नहीं भूल सकता क्योंकि उन्होंने तब हमारी सरकार बचाई थी. गहलोत ने कहा उस समय सरकार गिराने के लिए विधायकों को 10 करोड़ का ऑफर था और जब राज्यपाल ने सदन बुलाने की तारीख घोषित कर दी उसके बाद तो यह कीमत 50 करोड़ तक पहुंच गई थी. गहलोत ने कहा भाजपा लोकतंत्र की हत्यारी है.
एलिट क्लास के थरूर: कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर उम्मीदवारों को लेकर पूछे गए सवाल पर भी सीएम बोले. उन्होंने थरूर के लिए कहा कि- शशि थरूर एक अच्छे इंसान हैं और जिस तरह यूएएन के कैंपेन में उन्होंने अपने विचार रखे वह भी मैंने देखा था. वो एक अलग एलिट क्लास के हैं. मुख्यमंत्री के अनुसार शशि थरूर अपने फन के मास्टर हो सकते है लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता क्या सोचता है, ब्लॉक,बूथ और जिला स्तर तक कांग्रेस कैसे मजबूत होगी और ये सब अनुभव खड़गे साहब को है इसलिए शशि थरूर और मल्लिका अर्जुन खड़गे को आपस में कंपेयर नहीं किया जा सकता. गहलोत ने कहा कि पूरे देश के पीसीसी डेलीगेट्स जिस तरह बनते हैं. ठीक उसी ढंग से खड़गे साहब भी बने हैं. ऐसे में स्वाभाविक रूप से उनकी एकतरफा जीत होगी.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक बने हैं. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 22 सितंबर को अधिसूचना जारी हुई थी. नामांकन के बाद मुख्य मुकाबला मल्लिका अर्जुन खड़के और शशि थरूर के बीच माना जा रहा है. हालांकि नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर रखी गई है. वहीं मतदान 17 अक्टूबर को होगा जबकि चुनाव परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किया जाएगा.
पढ़ें- Rajasthan crisis : पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में गहलोत को 'क्लीन' चिट, तीन नेताओं पर कार्रवाई