नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा किए मानहानि के मामले में शनिवार के सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने गहलोत को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने के लिए दी गई राहत बरकरार रखी. गहलोत एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल के कोर्ट में 21 अगस्त को होने वाली सुनवाई में फिर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश हो सकेंगे.
गहलोत की ओर से निचली अदालत के व्यक्तिगत पेशी के आदेश से छूट देने के मामले की सुनवाई कर रहे सेशन जज एमके नागपाल के शनिवार को छुट्टी पर रहने के चलते दूसरे सेशन जज विकास ढुल ने मामले की सुनवाई करते हुए सेशन कोर्ट के पूर्व के आदेश को बरकरार रखा. अब सेशन कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी. इस दिन भी गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हो सकेंगे.
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इससे पहले सात अगस्त को भी गहलोत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश हुए थे. सुनवाई के बाद एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल ने मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को तय की थी जबकि 19 अगस्त को सेशन कोर्ट में इस मामले को सुनवाई लिए सूचीबद्ध किया गया था. शेखावत द्वारा कथित मानहानि के लिए कांग्रेस नेता के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई थी. साथ ही कथित संजीवनी घोटाले से संबंधित टिप्पणियों पर शेखावत की शिकायत के बाद गहलोत को तलब किया था. यह मामला संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा हजारों निवेशकों को कथित तौर पर लगभग 900 करोड़ रुपये का चूना लगाने से संबंधित है.
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