जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर में शुक्रवार को बड़ा धमाका करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के घर छापेमारी की है. एसीबी ने मेयर के पति सुशील गुर्जर को दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि पट्टे जारी करवाने की एवज में दो दलालों के जरिए रिश्वत मांगी गई थी. प्रारंभिक तौर पर मेयर की इस पूरे प्रकरण में अभी तक संलिप्तता की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन तलाशी में सुशील गुर्जर के घर से नकद रुपये मिले हैं.
सुशील गुर्जर के घर तलाशी में मिले 41.55 लाख नकद : एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी के अनुसार, एसीबी की स्पेशल इंवेस्टिगेशन विंग ने दो लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में सुशील गुर्जर (मेयर के पति) और दो दलाल नारायण सिंह व अनिल दुबे को गिरफ्तार किया है. सुशील गुर्जर के घर से तलाशी में 41,55,400 लाख रुपये की नकदी मिली है. रुपये गिनने के लिए एसीबी को रुपये गिनने वाली मशीन मंगवानी पड़ी, जबकि दलाल नारायण सिंह के घर से भी 8.95 लाख रुपये नकद मिले हैं. परिवादी के पट्टे की फाइल भी सुशील गुर्जर के घर से मिली है.
पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत : एसीबी के सूत्रों के मुताबिक, परिवादी ने पट्टे बनवाने के बदले दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने की शिकायत की थी. इस पर शुक्रवार को एसीबी की टीम ने एएसपी ललित शर्मा के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए दलाल नारायण और अनिल को गिरफ्तार किया था. इसके बाद एसीबी की टीम रात को मेयर मुनेश गुर्जर के घर पहुंची, जहां उनके पति सुशील गुर्जर को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और बाद में गिरफ्तार किया गया. एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी का कहना है कि पट्टे जारी करने की एवज में दलालों के जरिए दो लाख रुपए घूस मांगने के आरोप में सुशील गुर्जर को गिरफ्तार किया गया है.
अतिरिक्त आयुक्त से विवाद भी रहा था चर्चा में : मेयर मुनेश गुर्जर और उनके समर्थक पार्षदों ने पिछले दिनों जयपुर हेरिटेज नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए करीब सात दिन तक धरना दिया था. उन्होंने अतिरिक्त आयुक्त वर्मा पर मनमानी करने और जरूरी फाइलों पर दस्तखत नहीं करने का आरोप लगाया था. इस मामले में बाद में अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा ने मेयर और उनके समर्थक पार्षदों पर उन्हें कमरे में बंधक बनाने, एससी-एसटी एक्ट और राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज करवाया था.