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किसानों के नाम राहुल का खुला पत्र, कहा- दोबारा 'दुस्साहस' न करें पीएम - farm laws latest news

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने काे लेकर किसानों-मजदूरों के नाम खुला पत्र लिखा है. उन्हाेंने लिखा है कि अब प्रधानमंत्री मोदी को आगे ऐसा 'दुस्साहस' नहीं करना चाहिए.

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Published : Nov 19, 2021, 10:17 PM IST

Updated : Nov 19, 2021, 10:34 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद शुक्रवार को कहा कि देश के अन्नदाताओं ने अपने सत्याग्रह से सरकार के अहंकार को झुका दिया है और अब प्रधानमंत्री मोदी को आगे ऐसा 'दुस्साहस' नहीं करना चाहिए.

किसानों-मजदूरों के नाम लिखे खुले पत्र में राहुल गांधी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को अगले साल तक किसानों की आय दोगुनी करने का खाका सामने रखना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा, 'आपके तप, संघर्ष और बलिदान के दम पर मिली ऐतिहासिक जीत की बहुत-बहुत बधाई. करीब 12 महीने से ठिठुरती ठंड, भीषण गर्मी, बरसात, तमाम परेशानियों व जुल्मों के बावजूद तीनों खेती विरोधी काले कानूनों को खत्म कराने का जो सत्याग्रह आपने जीता है, उसकी दूसरी मिसाल आजाद भारत के इतिहास में नहीं मिलती. मैं आपके इस संघर्ष में 700 से अधिक किसान-मज़दूर भाई-बहनों द्वारा दी गई कुर्बानी के लिए नतमस्तक हूं.'

उन्होंने जोर देकर कहा, 'एक तानाशाह शासक के अहंकार से लड़ते हुए जिस गांधीवादी तरीके से आपने उन्हें फैसला वापस लेने को मजबूर किया, यह असत्य पर सत्य की विजय का एक बेजोड़ उदाहरण है.'

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राहुल गांधी के मुताबिक, 'आज के इस ऐतिहासिक दिन हम उन शहीद किसान-मज़दूर भाई-बहनों को याद करते हैं, जिन्होंने अपनी जान का बलिदान देकर इस सत्याग्रह को मजबूत किया. काश, ये नौबत ही न आती, अगर केंद्र सरकार ने शुरू ही में किसानों की मांगों पर ध्यान दिया होता.'

उन्होंने किसानों का आह्वान किया, 'साथियों, संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है. कृषि उपज का लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले, विवादास्पद बिजली संशोधन कानून खत्म हो, खेती की जोत में इस्तेमाल होने वाली हर चीज़ पर लगाए गए टैक्स का बोझ घटे, डीज़ल के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि कम हो तथा खेत-मज़दूर पर कमरतोड़ कर्ज के बोझ का हल निकालना खेतिहर किसान के संघर्ष के गंभीर विषय हैं.'

कांग्रेस नेता ने कहा, 'मैं आप सबको भरोसा दिलाता हूं कि मौजूदा आंदोलन की ही भांति भविष्य में भी आपके सभी जायज संघर्षों में मैं और कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता आपके कंधे से कंधा मिलाकर आपकी आवाज को बुलंद करेंगे.'

राहुल गांधी ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री से मांग करता हूं कि किसान अपना फ़ायदा और नुकसान सबसे बेहतर समझता है. चंद पूंजीपतियों के हाथ में खेलकर किसान को अपने ही खेत-खलिहान में गुलाम बनाने की साजिश कर व उसे (फैसले) सही साबित करने का दोबारा दुस्साहस न करें.'

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री को अपने वादे के मुताबिक साल 2022 तक किसान की दोगुनी आय सुनिश्चित करनी चाहिए. इसके लिए उन्हें जल्दी से जल्दी भविष्य की योजनाओं का रोडमैप भी जारी करना चाहिए.'

(एक्स्ट्रा इनपुट- एजेंसी)

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद शुक्रवार को कहा कि देश के अन्नदाताओं ने अपने सत्याग्रह से सरकार के अहंकार को झुका दिया है और अब प्रधानमंत्री मोदी को आगे ऐसा 'दुस्साहस' नहीं करना चाहिए.

किसानों-मजदूरों के नाम लिखे खुले पत्र में राहुल गांधी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को अगले साल तक किसानों की आय दोगुनी करने का खाका सामने रखना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा, 'आपके तप, संघर्ष और बलिदान के दम पर मिली ऐतिहासिक जीत की बहुत-बहुत बधाई. करीब 12 महीने से ठिठुरती ठंड, भीषण गर्मी, बरसात, तमाम परेशानियों व जुल्मों के बावजूद तीनों खेती विरोधी काले कानूनों को खत्म कराने का जो सत्याग्रह आपने जीता है, उसकी दूसरी मिसाल आजाद भारत के इतिहास में नहीं मिलती. मैं आपके इस संघर्ष में 700 से अधिक किसान-मज़दूर भाई-बहनों द्वारा दी गई कुर्बानी के लिए नतमस्तक हूं.'

उन्होंने जोर देकर कहा, 'एक तानाशाह शासक के अहंकार से लड़ते हुए जिस गांधीवादी तरीके से आपने उन्हें फैसला वापस लेने को मजबूर किया, यह असत्य पर सत्य की विजय का एक बेजोड़ उदाहरण है.'

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राहुल गांधी के मुताबिक, 'आज के इस ऐतिहासिक दिन हम उन शहीद किसान-मज़दूर भाई-बहनों को याद करते हैं, जिन्होंने अपनी जान का बलिदान देकर इस सत्याग्रह को मजबूत किया. काश, ये नौबत ही न आती, अगर केंद्र सरकार ने शुरू ही में किसानों की मांगों पर ध्यान दिया होता.'

उन्होंने किसानों का आह्वान किया, 'साथियों, संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है. कृषि उपज का लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले, विवादास्पद बिजली संशोधन कानून खत्म हो, खेती की जोत में इस्तेमाल होने वाली हर चीज़ पर लगाए गए टैक्स का बोझ घटे, डीज़ल के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि कम हो तथा खेत-मज़दूर पर कमरतोड़ कर्ज के बोझ का हल निकालना खेतिहर किसान के संघर्ष के गंभीर विषय हैं.'

कांग्रेस नेता ने कहा, 'मैं आप सबको भरोसा दिलाता हूं कि मौजूदा आंदोलन की ही भांति भविष्य में भी आपके सभी जायज संघर्षों में मैं और कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता आपके कंधे से कंधा मिलाकर आपकी आवाज को बुलंद करेंगे.'

राहुल गांधी ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री से मांग करता हूं कि किसान अपना फ़ायदा और नुकसान सबसे बेहतर समझता है. चंद पूंजीपतियों के हाथ में खेलकर किसान को अपने ही खेत-खलिहान में गुलाम बनाने की साजिश कर व उसे (फैसले) सही साबित करने का दोबारा दुस्साहस न करें.'

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री को अपने वादे के मुताबिक साल 2022 तक किसान की दोगुनी आय सुनिश्चित करनी चाहिए. इसके लिए उन्हें जल्दी से जल्दी भविष्य की योजनाओं का रोडमैप भी जारी करना चाहिए.'

(एक्स्ट्रा इनपुट- एजेंसी)

Last Updated : Nov 19, 2021, 10:34 PM IST
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