लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को कहा कि संवेदनशील लखीमपुर खीरी कांड में विपक्ष ने नकारात्मक रवैया अपनाया है और चेतावनी दी है कि किसी को भी माहौल खराब करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. कई कांग्रेस नेताओं के सवालों का सामना कर रहा गांधी परिवार लखीमपुर खीरी त्रासदी को अपने डूबते जहाज को बचाने के अवसर के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी का जिक्र करते हुए सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल एक फोटो अवसर के लिए लखीमपुर खीरी जाना चाहते हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'सरकार ने कानून के अनुसार (अनुमति देने से इनकार करके) निर्णय लिया है और उनसे (राहुल गांधी) से भी नहीं आने का अनुरोध किया है.' सिंह ने कहा कि राज्य सरकार लखीमपुर खीरी हिंसा की गहराई तक जाएगी. उन्होंने कहा, लखीमपुर मामले में कानून अपना काम करेगा और दोषी पकड़े जाएंगे. सिंह ने आरोप लगाया कि संवेदनशील लखीमपुर घटना पर विपक्ष का रवैया 'नकारात्मक' है. उन्होंने कहा, 'उन्हें फोटो खिंचवाने का मौका मिला और वे घर बैठे ही ट्विटर पर राजनीति करते हैं. उनका मकसद फोटो खींचना और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करना है.'
उन्होंने कहा, 'किसी को भी माहौल खराब करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. सिंह ने कहा, 'अगर वे (विपक्षी नेता) लखीमपुर जाना चाहते हैं, तो वे कुछ दिनों के बाद पीड़ित परिवारों से मिल सकते हैं. हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है.'
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का जिक्र करते हुए राहुल गांधी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, 'अब एक पार्टी के युवराज ने भी राजनीतिक पर्यटन के लिए फैसला किया है क्योंकि उनकी बहन पहले से ही वहां हैं. प्रियंका गांधी सोमवार सुबह से सीतापुर में पीएसी परिसर में नजरबंद हैं. सिंह ने कहा कि उन्हें (राहुल गांधी को) शायद याद न हो कि आपातकाल के दौरान जब नरसंहार हुआ था तब कांग्रेस की सरकार थी और 1984 के दंगों में सिख मारे गए थे.
उन्होंने कहा कि राहुल कहते हैं कि वह जमीनी हकीकत जानने के लिए लखीमपुर जाना चाहते हैं. अगर उन्हें कुछ नहीं पता है, तो आप और आपकी बहन इस मुद्दे पर क्यों कूद रहे हैं. आपने सीतापुर में इस्तेमाल किए जा रहे ड्रोन की तस्वीर लगाई. इसमें गलत क्या है यह वह तकनीक है जिसका इस्तेमाल पुलिस कर रही है. पीड़ितों के पोस्टमार्टम को लेकर राहुल गांधी के आरोप पर सिंह ने कहा, 'सभी परिवार इसकी रिपोर्ट पर सहमत हुए. एक परिवार के अनुरोध पर, जिसे आपत्ति थी, चार डॉक्टरों का एक पैनल दोबारा पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया था.'
उन्होंने दावा किया कि जांच पूरी 'पारदर्शिता' के साथ की जा रही है, उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासित पंजाब और राजस्थान में किसानों पर अत्याचार हो रहे हैं.