नई दिल्ली : किसानों के प्रदर्शन को लेकर राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी किसानों के समर्थन में है. उन्होंने एक ट्वीट कर मोदी सरकार को अहंकारी करार दिया है.
राहुल ने अपने ट्वीट में लिखा, 'PM को याद रखना चाहिए था जब-जब अहंकार सच्चाई से टकराता है, पराजित होता है. सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती.'
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को किसानों की माँगें माननी ही होंगी और काले क़ानून वापस लेने होंगे. राहुल ने चेतावनी भरे लहजे में लिखा, 'ये तो बस शुरुआत है!'
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भाजपा ने जनरल डायर का रूप धारण कर लिया है : शेरगिल
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने किसानों के मुद्दे पर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, 'देश के लिए काला दिन है, जो किसान-दिनरात मेहनत कर देश की थाली भरता है, आज उसकी ही थाली खाली करने पर और उस पर ही गोली चलाने पर भाजपा सरकार लगी है.' उन्होंने कहा, 'भाजपा ने किसानों के प्रति ईस्ट इंडिया कंपनी और जनरल डायर का रूप धारण कर लिया है. ये किसान के प्रति जिम्मेदार नहीं, जालिम सरकार है. ये किसान से ज्यादा तो आतंकवाद समर्थक पाकिस्तान सेना का सम्मान करती है. पाकिस्तान की आईएसआई को लाल कालीन बिछाकर पंजाब ले आए और पंजाब के किसानों को पानी, लाठी, गैस के गोलों से धक्के मारे जा रहे हैं. अब जगजाहिर है भाजपा किसानों की नहीं बल्कि बेईमानों की सरकार है. जिस किसान का लाल गुलाब देकर स्वागत करना चाहिए उसका लहू बहा रही है,'
उन्होंने कहा, अगर किसानों के लिए आवाज उठाना राजनीति करना है, तो कांग्रेस पार्टी राजनीति करती थी, राजनीति करती है और राजनीति करती रहेगी. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कृषि मंत्री के पास एक गज भी जमीन नहीं है और उन्हें कृषि मंत्री बना दिया गया है. उन्हें खेती का कोई ज्ञान नहीं है. कृषि मंत्री ये मत भूलें जनता उनकी नहीं बल्कि वह किसानों के नौकर हैं. मंत्री किसानों की दहलीज पर जाएं और माफी मांगें.' शेरगिल ने प्रधानमंत्री पर भी सवाल उठाए.
किसान विरोध में क्यों?
किसानों को डर है कि नए कानून से एपीएमसी मंडिया समाप्त हो जाएंगी. कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन सुविधा) विधेयक 2020 में कहा गया है कि किसान एपीएमसी मंडियों के बाहर बिना टैक्स का भुगतान किए किसी को भी बेच सकता है. वहीं कई राज्यों में इस पर टैक्स का भुगतान करना होता है. इसलिए किसानों में डर है कि बिना किसी अन्य भुगतान के कारोबार होगा, तो कोई मंडी नहीं आएगा. साथ ही उनको यह भी डर है कि सरकार एमएसपी पर फसलों की खरीद बंद कर देगी.
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