जयपुर : राजस्थान में कांग्रेस के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन (Rajasthan Congress Training Camp) अपने संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर (Rahul Gandhi Targeted PM Modi) बड़ा हमला बोला. राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा का सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है.
राहुल गांधी ने कहा (Rahul Gandhi Big Statement) कि यदि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री होते और चाइना जमीन पर कब्जा कर लेता तो मैं गारंटी से कह रहा हूं कि उसी दिन मनमोहन सिंह अपना इस्तीफा दे देते. लेकिन नरेंद्र मोदी और आरएसएस के लोग उनका सामना नहीं कर सकते. नरेंद्र मोदी ने पूरे हिंदुस्तान में नफरत फैला दी है. इसके साथ ही राहुल गांधी ने बिना नाम लिए हुए पार्टी छोड़ने वाले नेताओं पर भी प्रहार किया.
उन्होंने कहा कि हमारी लक्ष्मण रेखा सत्य है. जहां हमें सत्य दिखेगा वहां हम रहेंगे. सवाल ये उठता है कि (Rahul Targeted Leaders who Left Congress) घर से भागता कौन है. हम गुस्सा हो सकते हैं, भाग नहीं सकते. हम नफरत और डर को निकाल देंगे. आज समाज में नफरत और डर फैलाए जा रहे हैं. सच्चाई को दबाया जा रहा है. नोटबंदी, जीएसटी जैसे गलत कदम उठाए गए.
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राहुल ने कहा कि ऐसे में हमारी जिम्मेदारी नफरत से लड़ना और देश को सच्चाई बताना है. राहुल गांधी ने कहा कि कृषि कानूनों की सच्चाई देश को बतानी है. हर लेवल पर इस तरह की ट्रेनिंग होनी चाहिए. सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को यह ट्रेनिंग लेनी चाहिए.
इस आयोजन में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश को धर्म के नाम पर बांटने का प्रयास कर रहे लोगों की पोल खुलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आज देश को कांग्रेस संगठन एवं उसकी नीतियों की पहले से भी ज्यादा जरूरत है.
गहलोत ने साथ ही कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हिंदू बनाम हिंदुत्व की जो बहस छेड़ी है, उसका मर्म समझने की आवश्यकता है. उन्होंने कांग्रेस स्थापना दिवस पर कहा, 'यह देश हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी और जैन- सभी समुदायों का है और सबने मिलकर आजादी की जंग लड़ी थी. अब जो धर्म के नाम पर बंटवारा करने का प्रयास कर रहे हैं, मैं समझता हूं कि उनकी पोल खुलती जा रही है.'
उन्होंने कहा, 'अभी राहुल गांधी ने जो हिंदू बनाम हिंदुत्व की बहस छेड़ी है, उसके मर्म को समझने की आवश्यकता है. उसका मर्म यही था कि एक तरफ तो हिंदू हैं, जिनके महान संस्कार, संस्कृति एवं परंपराएं सदियों से हैं, जिनका भाव प्रेम, भाईचारा और मोहब्बत है और दूसरी ओर वे ताकतें हैं, जो हिंदुत्व के नाम पर राजनीति कर रही हैं.'
गहलोत ने हाल में कुछ कार्यक्रमों के दौरान साधु-संतों द्वारा दिए गए विवादास्पद बयानों की निंदा करते हुए कहा कि हरिद्वार एवं रायपुर में अभी कुछ साधु-संतों ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया, वह शर्मनाक है.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार शाम दो दिवसीय 'धर्म संसद' के अंतिम दिन हिंदू धार्मिक नेता कालीचरण महाराज ने अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रशंसा की थी. इससे पहले, यति नरसिंहानंद गिरि ने गोडसे को सत्य और धर्म का प्रतीक बताते हुए उसकी प्रशंसा की थी.
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गहलोत ने कहा, 'देश बड़े अजीब दौर से गुजर रहा है और मेरा मानना है कि देश को ऐसे वक्त में कांग्रेस संगठन, उसकी विचारधारा, उसकी नीतियों और उसके कार्यक्रमों की और भी ज्यादा जरूरत है.'