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Modi Surname Row : राहुल गांधी के वकील ने अदालत से कहा, सुनवाई निष्पक्ष नहीं हुई, 20 अप्रैल को फैसला - राहुल गांधी सदस्यता रद्द

गुजरात में सूरत के एक अदालत में आज राहुल गांधी के मोदी सरनेम पर टिप्पणी मामले की सुनवाई हुई, जिसमें उनके वकील ने तर्क दिया कि मामले की सुनवाई निष्पक्ष रूप से नहीं हुई थी और इस मामले में अधिकतम सजा सुनाए जाने की भी जरूरत नहीं. राहुल गांधी की याचिका पर सूरत की अदालत 20 अप्रैल को फैसला सुनाएगी.

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Published : Apr 13, 2023, 4:39 PM IST

Updated : Apr 13, 2023, 8:30 PM IST

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सूरत : गुजरात में सूरत की एक अदालत में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी 'मोदी उपनाम' संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका की सुनवाई हुई. इस दौरान राहुल गांधी के वकील ने दलील दी कि 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर कांग्रेस नेता के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले की सुनवाई निष्पक्ष नहीं हुई थी और इस मामले में अधिकतम सजा दिए जाने की कोई आवश्यकता नजर नहीं आ रही है. सूरत मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि के मामले में उन्हें 23 मार्च को दोषी ठहराते हुए दो साल के जेल की सजा सुनाई थी. राहुल ने चुनावी रैली में कहा था कि सभी चोरों का मोदी सरनेम ही कैसे है?" राहुल गांधी की याचिका पर सूरत की अदालत 20 अप्रैल को फैसला सुनाएगी.

अतिरिक्त सत्र जज आर. पी. मोगेरा की अदालत में दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क पेश किये. राहुल गांधी की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील आर एस चीमा ने जज से कहा कि सुनवाई निष्पक्ष नहीं हुई थी. जज का आदेश अजीब है, क्योंकि निचली कोर्ट के न्यायाधीश ने रिकॉर्ड में उपलब्ध सभी सबूतों को घालमेल कर दिया. उन्होंने कहा कि पूरा मामला इलेक्ट्रॉनिक सबूत पर आधारित है, जिसमें मैंने चुनाव के दौरान एक भाषण दिया और 100 किलोमीटर दूर बैठे एक व्यक्ति ने समाचारों में इसे देखने के बाद शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में अधिकतम सजा दिए जाने की जरूरत नहीं थी. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी की (राफेल अवमानना मामले में) बिना शर्त माफी को शिकायतकर्ता ने इस मामले के साथ गलत तरीके से जोड़ा.

दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली राहुल की याचिका के खिलाफ दलील देते हुए पूर्णेश मोदी के वकील हर्षित तोलिया ने कहा कि गांधी ने अपनी टिप्पणी के माध्यम से मोदी उपनाम वाले सभी लोगों को अपमानित करने की कोशिश की थी. इसलिए उनके मुवक्किल को बुरा लगा. उन्होंने कहा कि जब राहुल गांधी भाषण दिया, उस समय वह दूसरे सबसे बड़े दल के अध्यक्ष थे. उनके भाषण ने देश की जनता को प्रभावित किया और उन्होंने अपने भाषण को सनसनीखेज बनाने की भी कोशिश की."

वकील तोलिया ने कहा कि राहुल ने अपने संबोधन में पीएम नरेन्द्र मोदी के बारे में बात की, लेकिन वह यहीं नहीं थमे. उन्होंने यह तक कहा कि सभी चोरों का नाम मोदी ही क्यों है? ढूंढो और भी मोदी मिलेंगे. मेरे मुवक्किल भाषण के इस हिस्से से आहत हुए और इसलिए उन्होंने शिकायत की. उन्होंने अदालत को सूचित किया कि राहुल गांधी ने अपने भाषण के लिए माफी मांगने से भी इनकार कर दिया. वकील ने कहा कि राहुल देश में इसी तरह के मानहानि के अन्य कई केस का भी सामना कर रहे हैं और अतीत में (राफेल मामले में) सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगने के बावजूद वह इस तरह के अपमानजनक बयान दे रहे हैं.

(एजेंसी-इनपुट)

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सूरत : गुजरात में सूरत की एक अदालत में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी 'मोदी उपनाम' संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका की सुनवाई हुई. इस दौरान राहुल गांधी के वकील ने दलील दी कि 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर कांग्रेस नेता के खिलाफ दर्ज मानहानि मामले की सुनवाई निष्पक्ष नहीं हुई थी और इस मामले में अधिकतम सजा दिए जाने की कोई आवश्यकता नजर नहीं आ रही है. सूरत मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि के मामले में उन्हें 23 मार्च को दोषी ठहराते हुए दो साल के जेल की सजा सुनाई थी. राहुल ने चुनावी रैली में कहा था कि सभी चोरों का मोदी सरनेम ही कैसे है?" राहुल गांधी की याचिका पर सूरत की अदालत 20 अप्रैल को फैसला सुनाएगी.

अतिरिक्त सत्र जज आर. पी. मोगेरा की अदालत में दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क पेश किये. राहुल गांधी की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील आर एस चीमा ने जज से कहा कि सुनवाई निष्पक्ष नहीं हुई थी. जज का आदेश अजीब है, क्योंकि निचली कोर्ट के न्यायाधीश ने रिकॉर्ड में उपलब्ध सभी सबूतों को घालमेल कर दिया. उन्होंने कहा कि पूरा मामला इलेक्ट्रॉनिक सबूत पर आधारित है, जिसमें मैंने चुनाव के दौरान एक भाषण दिया और 100 किलोमीटर दूर बैठे एक व्यक्ति ने समाचारों में इसे देखने के बाद शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में अधिकतम सजा दिए जाने की जरूरत नहीं थी. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी की (राफेल अवमानना मामले में) बिना शर्त माफी को शिकायतकर्ता ने इस मामले के साथ गलत तरीके से जोड़ा.

दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली राहुल की याचिका के खिलाफ दलील देते हुए पूर्णेश मोदी के वकील हर्षित तोलिया ने कहा कि गांधी ने अपनी टिप्पणी के माध्यम से मोदी उपनाम वाले सभी लोगों को अपमानित करने की कोशिश की थी. इसलिए उनके मुवक्किल को बुरा लगा. उन्होंने कहा कि जब राहुल गांधी भाषण दिया, उस समय वह दूसरे सबसे बड़े दल के अध्यक्ष थे. उनके भाषण ने देश की जनता को प्रभावित किया और उन्होंने अपने भाषण को सनसनीखेज बनाने की भी कोशिश की."

वकील तोलिया ने कहा कि राहुल ने अपने संबोधन में पीएम नरेन्द्र मोदी के बारे में बात की, लेकिन वह यहीं नहीं थमे. उन्होंने यह तक कहा कि सभी चोरों का नाम मोदी ही क्यों है? ढूंढो और भी मोदी मिलेंगे. मेरे मुवक्किल भाषण के इस हिस्से से आहत हुए और इसलिए उन्होंने शिकायत की. उन्होंने अदालत को सूचित किया कि राहुल गांधी ने अपने भाषण के लिए माफी मांगने से भी इनकार कर दिया. वकील ने कहा कि राहुल देश में इसी तरह के मानहानि के अन्य कई केस का भी सामना कर रहे हैं और अतीत में (राफेल मामले में) सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगने के बावजूद वह इस तरह के अपमानजनक बयान दे रहे हैं.

(एजेंसी-इनपुट)

Last Updated : Apr 13, 2023, 8:30 PM IST
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