सूरत: गुजरात की सूरत अपराध निवारण शाखा (पीसीबी) ने पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की सीमा पर नकली भारतीय मुद्रा नोट छापने और देश के विभिन्न बाजारों में प्रवेश कराने वाले नेटवर्क में काम करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. यह आरोपी इस नेटवर्क में लंबे समय से काम कर रहा है और पिछले सात सालों ने वांछित है.
पीसीबी टीम को सूचना मिली कि भारतीय मुद्रा के नकली नोट छापने और उन्हें देश के विभिन्न बाजारों में प्रवेश कराने वाले नेटवर्क में शामिल आरोपी और पुलिस का वांछित सूरत में छिपा हुआ है. सूचना के आधार पर, टीम ने निगरानी रखी और कपड़ा बाजार क्षेत्र से 29 वर्षीय सुमित उर्फ दीपू श्रीमनु वर्मा को दबोच लिया. आरोपी सुमित जिला चतरा, झारखंड का रहने वाला है और गुजरात में आरकेटी मार्केट, सहारा दरवाजा, सूरत के पास रहा था.
पीसीबी पुलिस इंस्पेक्टर राजेश सुवेरा ने बताया कि 2016 में वराछा पुलिस ने शंकर सुशील मंडल को 500 रुपए के 172 नोटों के साथ गिरफ्तार किया था. वे पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की सीमा पर नकली नोट छापते थे और वहां से अन्य आरोपी मुरसलीम जयमत मंडल और सोहरबली मंडल को सूरत में सुमित को नकली नोट पहुंचाना थे.
उन्होंने आगे बताया कि जाली नोट रैकेट में सुमित मध्यस्थ की भूमिका में था. 60:40 के अनुपात में नकली नोट मिलते थे. सुमित अपने गृहनगर से भागकर रांची आ गया. हमें जानकारी मिली कि सुमीत फिर से सूरत आया है, जिसके बाद हमने एक टीम बनाई और निशानदेही के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया.