चंडीगढ़: पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में आज (सोमवार ) तड़के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने एक क्वाडकॉप्टर (quadcopter ) को मार गिराया. यह पाकिस्तान की ओर से आया था. इससे प्रतिबंधित सामग्री बरामद हुए हैं. पुलिस और सुरक्षा बलों ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है. वहीं, इस घटना की जांच की जा रही है और इस बात का पता लगाने की कोशिश की जा रही है इसके पीछे किसका हाथ है.
BSF के अनुसार फिरोजपुर सेक्टर में आज तड़के एक क्वाडकॉप्टर संदिग्ध देखा गया. सुरक्षा बलों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे मार गिराया. छानबीन के बाद उससे 5 पैकेट प्रतिबंधित सामग्री बरामद किए गए. यह क्वाडकॉप्टर पाकिस्तान की ओर से आया था.
गौरतलब है कि पंजाब सरकार के अधिकारियों ने हाल ही में संसदीय समिति (parliamentary committee on home affairs) को बताया कि पिछले दो वर्षों में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास 133 बार ड्रोन देखे गए हैं. ड्रोन मुद्दे का जिक्र करते हुए राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने संसद में अपनी 237 वीं रिपोर्ट में कहा कि ड्रोन द्वारा हथियारों और गोला-बारूद की पहली रिकॉर्ड डिलीवरी अगस्त 2019 में हुई थी.
इसी तरह के ड्रोन जम्मू-कश्मीर में भी देखे गये हैं. इसके अलावा देश में कोई प्रभावी ड्रोन-विरोधी तकनीक उपलब्ध नहीं है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि ड्रोन खतरे का मुकाबला करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने बड़ी चुनौती यह है कि पहचान और सुरक्षित निष्प्रभावीकरण नहीं हो पा रहा है. समिति ने रिपोर्ट में कहा कि प्रौद्योगिकी आधारित काउंटर ड्रोन उपाय समय की जरूरत है, जिसे केंद्र सरकार के संबंधित विभाग द्वारा विकसित किया जाना चाहिए. अपराध करने, ड्रग्स, हथियार और गोला-बारूद आदि के परिवहन के लिए ड्रोन के उपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए समिति ने कहा कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है.
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समिति ने सिफारिश की है कि गृह मंत्रालय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ राज्यों को सलाह दे सकता है. ड्रोन नियमों पर जमीनी स्तर के पुलिस कर्मियों को संवेदनशील बनाया जा सकता है. संसदीय समिति ने कहा कि इसमें ड्रोन का नागरिक उपयोग शामिल हो सकता है जो विरोधी ड्रोन का पता लगाने में मदद करेगा. समिति ने यह भी सिफारिश की है कि एमएचए संबंधित मंत्रालयों के साथ जल्द से जल्द एंटी-ड्रोन तकनीक का एक केंद्रीय पूल तैयार करे और ड्रोन के अवैध उपयोग के खतरे से निपटने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक इसे विस्तारित करे.