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पंजाब के ट्रांसपोर्ट मंत्री ने निजी बसों पर लगाई रोक, विपक्ष ने कहा सब चुनावी ड्रामा

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Published : Oct 4, 2021, 10:31 PM IST

आगामी विधानसभा चुनाव-2022 को लेकर पंजाब की राजनीति गरमा गई है. आज पंजाब के ट्रांसपोर्ट मंत्री ने लुधियाना बस स्टैंड पहुंचकर 40 निजी बसों को बंद करने का आदेश दिया. जिसके बाद से आम आदमी पार्टी और आकाली दल ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और कहा बसों को बंद करना आम आदमी के पेट पर लात मारना है.

पंजाब में निजी बसों पर रोक
पंजाब में निजी बसों पर रोक

चंडीगढ़ : पंजाब में 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. वहीं पंजाब के ट्रांसपोर्ट मंत्री ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 40 प्राइवेट बसों को बंद करवा दिया है. ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा वडिंग पंजाब के गिदड़बाहा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. मंत्री पद संभालने के बाद राजा वडिंग ने बस स्टैंड की सफाई की और उसके बाद सरकारी बस चालकों के निवेदन पर बस स्टैंड से चलने वाली करीब 40 प्राइवेट बसों को बंद करवा दिया.

क्या है पूरा मामला

निजी बसों के बंद किए जाने के फैसले पर राजनीतिक गलियारे में बहस छिड़ गई है. ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग पहले से ही पंजाब में चलने वाली बादलों की बसों को लेकर बयानबाजी करते आए हैं और उन्होंने कहा था कि मंत्री पद संभालने के बाद वह ट्रांसपोर्ट माफिया का ख़ात्मा करेंगे. जबकि विरोधी दलों के नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ चुनावी स्टंट है इसके अलावा और कुछ भी नहीं है. यहां तक कि प्राइवेट बस के ऑपरेटरों ने कहा कि अगर कार्यवाही करनी है तो बड़े माफिया पर करें.

पंजाब के ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की ओर से लुधियाना में 40 निजी बसों को बंद करने के बाद विरोधी पार्टियों में हलचल तेज हो गई है. अकाली दल के लुधियाना से जिलाध्यक्ष गुरदीप सिंह गोशा ने कहा कि ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग राजा का यह सब चुनावी स्टंट हैं.

गुरदीप सिंह गोशा ने कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र के बस स्टैड पर सफाई का अभियान क्यों नहीं शुरू किया, बसों को लेकर उन्होंने कहा कि राजा वडिंग ने उन बसों के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर दी जिनके पास कागजात पूरे थे और उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण पहले ही लोगों का काम नहीं चल रहा है. बसों के मालिकों पर इस तरह से कार्रवाई करने से कांग्रेस सरकार को क्या मिलेगा.

विपक्षी दल ने कहा इससे प्रदेश में बेरोजगारी और क्राइम और बढ़ेगा, जबकि दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता मीत हेयर ने कहा कि अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की बसों के ख़िलाफ़ इस बयानबाजी से यह जाहिर हो गया है कि पंजाब में पिछले साढ़े 4 साल से कांग्रेस के राज में भी ट्रांसपोर्ट माफिया चरम पर था और ऐसे में इतने सालों में इन ट्रांसपोर्ट माफिया पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई, इसका जवाब भी राजा वडिंग को देना चाहिए.

निजी बसों चालकों ने दी दलीले

निजी बस चालकों ने कहा कि अगर कार्यवाही करनी है तो पूर्व सीएम बादलों की बसों पर की जाए, निजी बस ऑपरेटरों ने कहा है हम तो ड्राइवर हैं कार्रवाई उन बसों पर की गई जिनके पास कागजात पूरे थे. उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई होनी चाहिए तो बड़े माफिया पर होनी चाहिए. प्राइवेट बस चालक और सरकारी बस अधिकारियों ने भी उठाए सवाल है कि ट्रांसपोर्ट मंत्री की इस कार्रवाई के बाद सिर्फ प्राइवेट बस चालकों नहीं बल्कि सरकारी बस चालकों ने भी सवाल खड़े किए है.

ट्रांसपोर्ट मंत्री ने कहा माफिया के खिलाफ होगी कार्रवाही

इस पूरी कार्रवाई करने के बाद हालांकि मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रांसपोर्ट मंत्री पंजाब अमरिंदर राजा वडिंग ने कहा कि उनकी लड़ाई प्राइवेट बसों के खिलाफ नहीं बल्कि ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट माफिया पर वह नकेल कसेंगे. प्राइवेट बस चालकों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी और वह चाहे जितना भी काम करे उनको कोई परेशानी नहीं होगी. ट्रांसपोर्ट मंत्री ने कहा कि क़ानून के दायरे में रहकर हर कोई काम कर सकता है और सबको काम करने का अधिकार है लेकिन, माफिया के खिलाफ वह जो मुहिम छेड़ रखी है उसको अंतिम रूप देकर ही बंद किया जाएगा.

अकाली दल की सरकार में निजी बसों का राज

अकाली दल की सरकार बनने के बाद शिरोमणि अकाली दल की ओर से चलाई जा रही कई निजी बसें पंजाब में चल रही थी. साल 2014 में इन बसों की गिनती लगभग 60 के करीब थी लेकिन, शिरोमणि अकाली दल और भाजपा की सरकार के दौरान इन बसों की संख्या बढ़कर 400 के करीब हो गई. इन बसों में एसी वॉल्वो, सेमी एसी, स्लीपर बसें और आम बसें भी शामिल थी. आज भी ये बसें पंजाब के लगभग सभी रूट्स पर चलती हैं.

परिवाहन विभाग की ओर से गैरकानूनी परमिट पर शिकंजा हालांकि पंजाब के नए ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के मंत्रालय संभालने से पहले ही पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग ने 806 गैरकानूनी परमिट से चल रही बसों का परमिट रद्द करने के लिए नोटिस भी भेजा था. जिसको लेकर प्राइवेट ट्रांसपोर्टरों की तरफ से पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में 1 पटीशन में डाली गई, जिन 806 बसों की बात की जा रही है उनमें से 191 बसें बादल एसोसिएट से सम्बन्धित बताई जा रही हैं.

इसे भी पढ़ें-त्योहारों के सीज़न में ठगों से सावधान ! नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं साइबर ठग

चंडीगढ़ : पंजाब में 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. वहीं पंजाब के ट्रांसपोर्ट मंत्री ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 40 प्राइवेट बसों को बंद करवा दिया है. ट्रांसपोर्ट मंत्री राजा वडिंग पंजाब के गिदड़बाहा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. मंत्री पद संभालने के बाद राजा वडिंग ने बस स्टैंड की सफाई की और उसके बाद सरकारी बस चालकों के निवेदन पर बस स्टैंड से चलने वाली करीब 40 प्राइवेट बसों को बंद करवा दिया.

क्या है पूरा मामला

निजी बसों के बंद किए जाने के फैसले पर राजनीतिक गलियारे में बहस छिड़ गई है. ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग पहले से ही पंजाब में चलने वाली बादलों की बसों को लेकर बयानबाजी करते आए हैं और उन्होंने कहा था कि मंत्री पद संभालने के बाद वह ट्रांसपोर्ट माफिया का ख़ात्मा करेंगे. जबकि विरोधी दलों के नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ चुनावी स्टंट है इसके अलावा और कुछ भी नहीं है. यहां तक कि प्राइवेट बस के ऑपरेटरों ने कहा कि अगर कार्यवाही करनी है तो बड़े माफिया पर करें.

पंजाब के ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की ओर से लुधियाना में 40 निजी बसों को बंद करने के बाद विरोधी पार्टियों में हलचल तेज हो गई है. अकाली दल के लुधियाना से जिलाध्यक्ष गुरदीप सिंह गोशा ने कहा कि ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग राजा का यह सब चुनावी स्टंट हैं.

गुरदीप सिंह गोशा ने कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र के बस स्टैड पर सफाई का अभियान क्यों नहीं शुरू किया, बसों को लेकर उन्होंने कहा कि राजा वडिंग ने उन बसों के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर दी जिनके पास कागजात पूरे थे और उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण पहले ही लोगों का काम नहीं चल रहा है. बसों के मालिकों पर इस तरह से कार्रवाई करने से कांग्रेस सरकार को क्या मिलेगा.

विपक्षी दल ने कहा इससे प्रदेश में बेरोजगारी और क्राइम और बढ़ेगा, जबकि दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता मीत हेयर ने कहा कि अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की बसों के ख़िलाफ़ इस बयानबाजी से यह जाहिर हो गया है कि पंजाब में पिछले साढ़े 4 साल से कांग्रेस के राज में भी ट्रांसपोर्ट माफिया चरम पर था और ऐसे में इतने सालों में इन ट्रांसपोर्ट माफिया पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई, इसका जवाब भी राजा वडिंग को देना चाहिए.

निजी बसों चालकों ने दी दलीले

निजी बस चालकों ने कहा कि अगर कार्यवाही करनी है तो पूर्व सीएम बादलों की बसों पर की जाए, निजी बस ऑपरेटरों ने कहा है हम तो ड्राइवर हैं कार्रवाई उन बसों पर की गई जिनके पास कागजात पूरे थे. उन्होंने कहा कि अगर कार्रवाई होनी चाहिए तो बड़े माफिया पर होनी चाहिए. प्राइवेट बस चालक और सरकारी बस अधिकारियों ने भी उठाए सवाल है कि ट्रांसपोर्ट मंत्री की इस कार्रवाई के बाद सिर्फ प्राइवेट बस चालकों नहीं बल्कि सरकारी बस चालकों ने भी सवाल खड़े किए है.

ट्रांसपोर्ट मंत्री ने कहा माफिया के खिलाफ होगी कार्रवाही

इस पूरी कार्रवाई करने के बाद हालांकि मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रांसपोर्ट मंत्री पंजाब अमरिंदर राजा वडिंग ने कहा कि उनकी लड़ाई प्राइवेट बसों के खिलाफ नहीं बल्कि ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट माफिया पर वह नकेल कसेंगे. प्राइवेट बस चालकों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी और वह चाहे जितना भी काम करे उनको कोई परेशानी नहीं होगी. ट्रांसपोर्ट मंत्री ने कहा कि क़ानून के दायरे में रहकर हर कोई काम कर सकता है और सबको काम करने का अधिकार है लेकिन, माफिया के खिलाफ वह जो मुहिम छेड़ रखी है उसको अंतिम रूप देकर ही बंद किया जाएगा.

अकाली दल की सरकार में निजी बसों का राज

अकाली दल की सरकार बनने के बाद शिरोमणि अकाली दल की ओर से चलाई जा रही कई निजी बसें पंजाब में चल रही थी. साल 2014 में इन बसों की गिनती लगभग 60 के करीब थी लेकिन, शिरोमणि अकाली दल और भाजपा की सरकार के दौरान इन बसों की संख्या बढ़कर 400 के करीब हो गई. इन बसों में एसी वॉल्वो, सेमी एसी, स्लीपर बसें और आम बसें भी शामिल थी. आज भी ये बसें पंजाब के लगभग सभी रूट्स पर चलती हैं.

परिवाहन विभाग की ओर से गैरकानूनी परमिट पर शिकंजा हालांकि पंजाब के नए ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के मंत्रालय संभालने से पहले ही पंजाब ट्रांसपोर्ट विभाग ने 806 गैरकानूनी परमिट से चल रही बसों का परमिट रद्द करने के लिए नोटिस भी भेजा था. जिसको लेकर प्राइवेट ट्रांसपोर्टरों की तरफ से पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में 1 पटीशन में डाली गई, जिन 806 बसों की बात की जा रही है उनमें से 191 बसें बादल एसोसिएट से सम्बन्धित बताई जा रही हैं.

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