नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आवास के बाहर पंजाब के अलग-अलग जिले से आए 180 प्राथमिक शिक्षक धरने पर (punjab teachers dharna outside rahul gandhi house) बैठ गए. सभी शिक्षक एलिमेंट्री ट्रेंड टीचर्स (ETT) हैं. पांच साल पहले इन शिक्षकों की बहाली पंजाब सरकार के अंतर्गत हुई थी, लेकिन अब इनकी शिकायत है कि बीते एक साल से उन्हें आधी तन्ख्वाह दी जा रही है. शिक्षकों का आरोप है कि अधिकारी वेतन कटौती का कारण भी नहीं बता रहे.
राहुल के घर के बाहर धरने पर बैठे शिक्षकों का कहना है कि पंजाब के शिक्षा मंत्री सरदार परगट सिंह के यहां बार बार गुहार लगाने के बाद भी जब कोई समाधान नहीं किया गया. ऐसे में वे दिल्ली पहुंचे हैं. उनका कहना है कि राहुल गांधी कांग्रेस के बड़े नेता हैं और पंजाब में कांग्रेस की सरकार है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि राहुल गांधी के आदेश पर उन्हें पूरी तन्ख्वाह जरूर मिलेगी.
धरना देने वाले शिक्षकों में ज्यादातर महिलाएं हैं जो अपने छोटे बच्चों को भी साथ लाई हैं. हाथों में गुलाब का फूल लिए शिक्षक राहुल के घर के बाहर बैठे हैं. शिक्षकों ने धरने को पूरी तरह शान्तिपूर्ण रखा है और किसी तरह की नारेबाजी नहीं की गई है. शिक्षकों के समूह का नेतृत्व कर रहे कमल ठाकुर बताते हैं कि वर्ष 2016 में 4500 ETT शिक्षकों की बहाली की गई थी और सभी नियमित शिक्षक हैं.
कमल ठाकुर बताते हैं कि चार साल तक उन्हें सामान्य वेतन मिला लेकिन पिछले एक साल से उनके वेतन में 50% की कटौती कर दी गई. उन्होंने कहा कि पंजाब के शिक्षकों की वेतन कटौती शिक्षा विभाग की गलती के कारण हुआ है. पंजाब के शिक्षा मंत्री सरदार परगट सिंह ने भी यह माना है कि इन 180 शिक्षकों के साथ गलत हो रहा है लेकिन कारवाई के नाम पर अब तक कुछ नहीं हुआ.
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दिल्ली पहुंचने पर कुछ कांग्रेस नेताओं ने शिक्षकों का प्रतिनिधित्व कर रहे नेताओं से फोन पर बातचीत की. नेताओं ने धरना दे रहे शिक्षकों को आश्वासन दिया कि उनकी मुलाकात पंजाब के मुख्यमंत्री से करवा कर समस्या का निदान करेंगे. शिक्षकों का कहना है कि पंजाब सरकार की तरफ से उन्हें लंबे समय के कोरे आश्वासन ही दिए जा रहे हैं.