करनाल: पंजाब के संगरूर से नवनिर्वाचित सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है. हरियाणा के करनाल जिले में पहुंचे सिमरनजीत ने भगत सिंह को आतंकवादी (simranjit singh controversial statement on bhagat singh) बताया. उन्होंने कहा कि भगत सिंह ने एक अंग्रेज नौवजान अफसर को मार दिया था. अमृतधारी सिख चनन सिंह को मार दिया था. नेशनल असेंबली में बम फेंक दिया था. अब भगत सिंह आतंकवादी नहीं तो क्या है?
इसी बीच पत्रकारों ने सवाल किया कि भिंडरावाला पर आपकी क्या राय है. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि भिंडरावाला सिखों के लीडर थे. जो आजादी दिलवाना चाहते थे. हरियाणा पर पूछे गये सवाल के जवाब में संगरूर सांसद ने कहा कि हरियाणा को बड़ा बनाओ. सहारनपुर, आगरा, भरतपुर को बड़ा बनाओ. सिरसा का हिस्सा पंजाब में चला जाएगा. हरियाणा बना था, हरियाणवियों के लिए. यहां पंजाबी लाला सीएम बना हुआ है.
सिद्धू मूसेवाला मेरा आदमी था- पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड पर पंजाब के सांसद ने कहा कि वो तो मेरा आदमी था. आम आदमी पार्टी की सरकार ने उसका मर्डर करवाया है. सांसद सिमरनजीत ने कहा कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड को लेकर पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के ऊपर केस दर्ज करने की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि सिद्धू मूसेवाला का कत्ल हरियाणा ने किया है. अभी तक हरियाणा ने इस मामले में कोई तफ्तीश नहीं की.
सांसद सिमरनजीत ने कहा कि कुछ लोग सिद्धू मूसेवाला को लीडर नहीं बनने देना चाहते थे. इसलिए उसको मरवा दिया. उन्होंने कहा कि हरियाणा में गैंग बढ़ रहा है. सभी हरियाणा वाले पंजाब में गैंगवार कर रहे हैं. भले ही सिद्धू मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी गोल्डी बराड़ ने ली है, लेकिन उसे मारने वाले तो सारे हरियाणा के हैं. पंजाब का माहौल भी हरियाणा के युवाओं ने खराब किया हुआ है.
कौन हैं सांसद सिमरनजीत सिंह मान? सिमरनजीत सिंह मान पंजाब के संगरूर से सांसद हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में उन्होंने अकाली दल के उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की. संगरूर लोकसभा उपचुनाव में उन्होंने आम आदमी पार्टी को करारी मात दी थी. साल 1945 में शिमला में पैदा हुए सिमरनजीत सिंह मान एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने ऑपरेशन ब्लूस्टार के विरोध में सेवा से त्यागपत्र दे दिया था. उस समय सिमरनजीत सिंह मान फरीदकोट के एसपी थे. सिमरनजीत सिंह मान खालिस्तान समर्थक माने जाते हैं. वो खालिस्तान की स्थापना की मांग भी लगातार करते रहे हैं. इससे पहले भी वो कई बार विवादित बयान दे चुके हैं.