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Compensation To Farmers: पंजाब सरकार ने शुरू किया किसानों को मुआवजा देना

भारी बारिश से किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा पंजाब सरकार ने बांटना शुरू कर दिया. गुरुवार को CM भगवंत मान ने योजना की शुरुआत करते हुए पहले दिन 40 करोड़ रुपए बांटे. इस दौरान उन्होंने पिछली सरकारों पर तंज भी कसा.

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Published : Apr 13, 2023, 8:49 PM IST

फाजिल्का/नई दिल्लीः पिछले दिनों पंजाब में भारी बारिश के कारण किसानों को हुए नुकसान के बाद पंजाब सरकार सक्रिय हो गई है. गुरुवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मुआवजा बांटने की शुरुआत की और सरकार ने पहले दिन 40 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि बांटी. इस अवसर पर मान ने कहा कि फाजिल्का जिले के 362 गांव को मुआवजे के तौर पर कुल 12.9 4 रुपए में से 6 करोड़ रुपए खुद बांटे हैं.

उन्होंने कहा कि आज के दिन को खुशी वाला दिन नहीं कहा जा सकता क्योंकि मैं प्रकृति के कहर के कारण किसानों के हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए यहां आया हूं. संकट की इस घड़ी में प्रभावित हुए किसानों को राहत देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. लगातार बारिश होने के बाद जमीनी स्तर पर हालात का जायजा लेने के लिए बारिश प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था. भारी नुकसान को देखकर मन दुखी हो गया. इस बार की गिरदावरी में पिछली सरकार के मुकाबले निर्णायक परिवर्तन हुआ है, क्योंकि पहले केवल खोखले दावे ही होते थे और जमीनी स्तर पर लोगों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाता था.

CM मान ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान गिरदावरी केवल राजनीतिक रसूख वाले लोगों की मंजूरी पर निर्भर होती थी. जिस कारण किसी भी असली जरूरतमंद किसान को मदद नहीं मिलती थी. ऐसी गिरदावर या खेतों में जाकर करने की बजाय अमीर लोगों के घरों में ही पूरी कर ली जाती थी और जरूरतमंद लोग मदद से वंचित रह जाते थे. इस बार गिरदावरी को सुचारू ढंग से करवाने के लिए पूरी तरह से पारदर्शी विधि अपनाई गई है.

वादा पूरा कियाः उन्होंने वादा किया कि बैसाखी से पहले मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और यह बहुत ही संतोष की बात है कि आज निर्धारित समय से पहले इस मुहिम की शुरुआत हो गई. उन्होंने कहा कि इस फैसले का एकमात्र उद्देश्य किसानों को लाभ पहुंचाना है. जिन्होंने देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

यह भी पढ़ेंः Military exercise in France : फ्रांस में भारतीय वायुसेना करेगी अभ्यास, चार राफेल भी जाएंगे

मुआवजा राशि में 25% की बढ़ोत्तरीः उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों को फसलों के हुए नुकसान की मुआवजा राशि में 25% बढ़ोतरी की है. यदि नुकसान 75% से अधिक होता है तो राज्य सरकार किसानों को 15,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देगी. यदि नुकसान 33 से 75 फीसदी तक होता है तो किसानों को 6800 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा. कृषि मजदूरों को भी नुकसान का उपयुक्त मुआवजा दिया जाएगा. घरों के थोड़े बहुत नुकसान का भी मुआवजा दिया जा रहा है.

पिछली सरकार पर कसा तंजः मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार फसलों के हुए नुकसान के 20 दिनों के भीतर मुआवजा बांटने की मुहिम शुरू की गई है, क्योंकि इससे पहले किसी भी सरकार ने इस संबंध में बिल्कुल भी जरूरतमंदों की फिक्र नहीं की. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने व्यंग्य करते हुए कहा कि पिछली सरकारों के दौरान मुआवजे में इतनी देरी हुई थी कि ज्यादातर मंत्री और विधायक यह भूल ही जाते थे कि वह कौन सी फसल के मुआवजे के चेक बांट रहे हैं. अब AAP की सरकार में फसल अभी खेतों में है, परंतु पैसा खातों में डाल दिया गया है.

यह भी पढ़ेंः Supreme Court News: कर्नाटक सरकार को बड़ा झटका, अदालत ने मुस्लिमों के लिए ओबीसी कोटे को खत्म करने के फैसले को बताया गलत

केंद्र पर साधा निशानाः मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार बारिश के कारण किसानों का भारी नुकसान हुआ है, परंतु केंद्र सरकार की बेरुखी ने किसानों का हाल जानने के लिए कुछ नहीं किया. बल्कि किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने के लिए केंद्र सरकार ने खराब हुए अनाज के मूल्य में कटौती कर दी. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पंजाबी किसानों के बिना राष्ट्रीय अनाज भंडार भरना संभव नहीं है.

इस मौके पर राज्य सरकार के खिलाफ अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा दिए गए बयान की तीखी आलोचना की. कहा कि राज्य सरकार का हर एक फैसला आम आदमी के भले के लिए होता है. उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि जो व्यक्ति खुद दोपहर 12: बजे जागता है वह कभी भी दफ्तरों का समय सुबह 7:30 से दोपहर 2: बजे तक बदलने के लाभ की उम्मीद नहीं लगा सकता.

फाजिल्का/नई दिल्लीः पिछले दिनों पंजाब में भारी बारिश के कारण किसानों को हुए नुकसान के बाद पंजाब सरकार सक्रिय हो गई है. गुरुवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मुआवजा बांटने की शुरुआत की और सरकार ने पहले दिन 40 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि बांटी. इस अवसर पर मान ने कहा कि फाजिल्का जिले के 362 गांव को मुआवजे के तौर पर कुल 12.9 4 रुपए में से 6 करोड़ रुपए खुद बांटे हैं.

उन्होंने कहा कि आज के दिन को खुशी वाला दिन नहीं कहा जा सकता क्योंकि मैं प्रकृति के कहर के कारण किसानों के हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए यहां आया हूं. संकट की इस घड़ी में प्रभावित हुए किसानों को राहत देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. लगातार बारिश होने के बाद जमीनी स्तर पर हालात का जायजा लेने के लिए बारिश प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था. भारी नुकसान को देखकर मन दुखी हो गया. इस बार की गिरदावरी में पिछली सरकार के मुकाबले निर्णायक परिवर्तन हुआ है, क्योंकि पहले केवल खोखले दावे ही होते थे और जमीनी स्तर पर लोगों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाता था.

CM मान ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान गिरदावरी केवल राजनीतिक रसूख वाले लोगों की मंजूरी पर निर्भर होती थी. जिस कारण किसी भी असली जरूरतमंद किसान को मदद नहीं मिलती थी. ऐसी गिरदावर या खेतों में जाकर करने की बजाय अमीर लोगों के घरों में ही पूरी कर ली जाती थी और जरूरतमंद लोग मदद से वंचित रह जाते थे. इस बार गिरदावरी को सुचारू ढंग से करवाने के लिए पूरी तरह से पारदर्शी विधि अपनाई गई है.

वादा पूरा कियाः उन्होंने वादा किया कि बैसाखी से पहले मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और यह बहुत ही संतोष की बात है कि आज निर्धारित समय से पहले इस मुहिम की शुरुआत हो गई. उन्होंने कहा कि इस फैसले का एकमात्र उद्देश्य किसानों को लाभ पहुंचाना है. जिन्होंने देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

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मुआवजा राशि में 25% की बढ़ोत्तरीः उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों को फसलों के हुए नुकसान की मुआवजा राशि में 25% बढ़ोतरी की है. यदि नुकसान 75% से अधिक होता है तो राज्य सरकार किसानों को 15,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देगी. यदि नुकसान 33 से 75 फीसदी तक होता है तो किसानों को 6800 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा. कृषि मजदूरों को भी नुकसान का उपयुक्त मुआवजा दिया जाएगा. घरों के थोड़े बहुत नुकसान का भी मुआवजा दिया जा रहा है.

पिछली सरकार पर कसा तंजः मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार फसलों के हुए नुकसान के 20 दिनों के भीतर मुआवजा बांटने की मुहिम शुरू की गई है, क्योंकि इससे पहले किसी भी सरकार ने इस संबंध में बिल्कुल भी जरूरतमंदों की फिक्र नहीं की. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने व्यंग्य करते हुए कहा कि पिछली सरकारों के दौरान मुआवजे में इतनी देरी हुई थी कि ज्यादातर मंत्री और विधायक यह भूल ही जाते थे कि वह कौन सी फसल के मुआवजे के चेक बांट रहे हैं. अब AAP की सरकार में फसल अभी खेतों में है, परंतु पैसा खातों में डाल दिया गया है.

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केंद्र पर साधा निशानाः मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार बारिश के कारण किसानों का भारी नुकसान हुआ है, परंतु केंद्र सरकार की बेरुखी ने किसानों का हाल जानने के लिए कुछ नहीं किया. बल्कि किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने के लिए केंद्र सरकार ने खराब हुए अनाज के मूल्य में कटौती कर दी. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पंजाबी किसानों के बिना राष्ट्रीय अनाज भंडार भरना संभव नहीं है.

इस मौके पर राज्य सरकार के खिलाफ अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा दिए गए बयान की तीखी आलोचना की. कहा कि राज्य सरकार का हर एक फैसला आम आदमी के भले के लिए होता है. उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि जो व्यक्ति खुद दोपहर 12: बजे जागता है वह कभी भी दफ्तरों का समय सुबह 7:30 से दोपहर 2: बजे तक बदलने के लाभ की उम्मीद नहीं लगा सकता.

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