चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Punjab Chief Minister Bhagwant Mann) ने मंगलवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव (confidence motion) पेश किया. राज्य विधानसभा का सत्र आयोजित करने को लेकर राजभवन और आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार के बीच टकराव के बाद रविवार को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने 27 सितंबर को सत्र आहूत करने की अनुमति दी.
मुख्यमंत्री ने विश्वास प्रस्ताव पेश किया. इससे पहले, विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह सांधवान ने घोषणा की थी कि मुख्यमंत्री विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो विधायक अश्विनी शर्मा और जंगी लाल महाजन (Ashwani Sharma and Jangi Lal Mahajan) ने सदन से बर्हिमन किया.
मान ने कहा, 'पंजाब के तीन करोड़ लोगों को हम पर भरोसा है... मुझे अपने 91 सैनिकों (आप विधायकों) पर पूरा भरोसा है.' आप ने हाल ही में दावा किया था कि उसके कम से कम 10 विधायकों को भाजपा ने 25 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ संपर्क किया था, ताकि छह महीने पुरानी सरकार को उसके 'ऑपरेशन लोटस' के तहत गिराया जा सके.
117 सदस्यीय विधानसभा में आप के 92, कांग्रेस के 18, शिअद के 3, भाजपा के 2, बसपा के 1 जबकि 1 निर्दलीय हैं. गौरतलब है कि राज्यपाल ने शुक्रवार को सत्र में उठाए जाने वाले विधायी कार्य का विवरण मांगा था, जिस पर मुख्यमंत्री भगवंत मान (Chief Minister Bhagwant Mann) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि 'यह अति हो गई है.' राज्यपाल ने पलटवार करते हुए मान से कहा था कि उनके कानूनी सलाहकार उन्हें पर्याप्त जानकारी नहीं दे रहे हैं.
सत्तारूढ़ 'आप' ने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर काम कर रहे हैं. इससे पहले राज्यपाल ने सरकार को 22 सितंबर को 'विश्वास प्रस्ताव' लाने के लिए विशेष सत्र आहूत करने से रोक दिया था.
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