चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए 15 लाख परिवारों के लिए मुफ्त हेल्थ बीमा की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने वर्चुअल कैबिनेट बैठक में अपने फैसले की घोषणा की है.
स्वास्थ्य विभाग ने इन परिवारों को सह-साझाकरण आधार पर सरकारी योजनाओं के कवर में लाने का प्रस्ताव दिया है, जिसके लिए लाभार्थियों को खर्च के हिस्से का भुगतान करना होगा. हालांकि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सुझाव दिया कि इन परिवारों के लिए बीमा कवर भी पंजाब के लोगों के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा के उनकी सरकार के वादे के अनुरूप पूरी तरह से मुफ्त है.
एक सरकारी प्रवक्ता ने बैठक के बाद कहा कि सरकारी कर्मचारियों/पेंशनभोगियों के परिवारों को छोड़कर, जो पहले से ही पंजाब मेडिकल अटेंडेंस रूल्स के तहत आते हैं, राज्य के लगभग 55 लाख परिवार अब इस योजना के दायरे में आएंगे.
राज्य सरकार अब 55 लाख परिवारों को बीमा कवर प्रदान करने के लिए 593 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की कुल लागत वहन करेगी. पैनल में शामिल सार्वजनिक और निजी अस्पतालों में माध्यमिक और तृतीयक देखभाल उपचार के लिए प्रति परिवार प्रति परिवार 5 लाख का भुगतान किया जाएगा.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को योजना के तहत इन छूटे हुए परिवारों के नामांकन के लिए संचालन प्रक्रिया तैयार करने के लिए कहा गया है. विशेष रूप से 2011 की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) के अनुसार पहचाने गए 14.64 लाख परिवारों सहित लगभग 39.38 लाख परिवार, 16.15 लाख स्मार्ट राशन कार्ड धारक परिवार और 5.07 लाख किसान परिवार, 3.12 लाख निर्माण श्रमिक परिवार, 4481 मान्यता प्राप्त पत्रकार परिवार और 33,096 छोटे व्यापारी परिवार, 20 अगस्त 2019 से इस योजना के तहत पहले से ही इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. उन्हें पिछले दो वर्षों में 913 करोड़ रुपये से अधिक का कैशलेस चिकित्सा उपचार मिला है.
आतंकवाद-दंगा प्रभावितों के लिए सहायता बढ़ाई
कैबिनेट ने आतंकवाद/दंगा प्रभावित परिवारों और कश्मीरी प्रवासियों की एक लंबित मांग को पूरा करते हुए उनके निर्वाह भत्ते को बढ़ाने को भी मंजूरी दी. जबकि आतंकवादियों/दंगा प्रभावित परिवारों के जीवन निर्वाह भत्ते को एक हजार रुपये से बढ़ा दिया गया है.
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5000 से रुपये कश्मीरी प्रवासियों को राहत के रूप में दी जा रही सहायता 6000 रुपये प्रतिमाह बढ़ा दी गई है. 2000 रुपये से 2500 प्रति माह प्रति परिवार कर दिया गया. इस कदम से 5100 आतंकवादियों/दंगा प्रभावित परिवारों और 200 कश्मीरी प्रवासियों को लाभ होगा, जिनका वार्षिक परिव्यय 6.16 करोड़ रूपये है.