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पंजाब-हरियाणा ने गांवों में कोरोना की स्थिति पर हाईकोर्ट में दी जानकारी - पंजाब हरियाणा

हरियाणा और पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि गांवों में कोरोना के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं. साथ ही पूरी कोशिश की जा रही है कि प्रत्येक गांव में इसकी निगरानी की जाए और उसके साथ ही ब्लॉक स्तर पर टीमों का गठन भी कर दिया गया है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि गांव में कोरोना के मरीज जो होम आइसोलेशन में है उन्हें टेलीफोन के जरिए पूरी जानकारी दी जाए।

पंजाब-हरियाणा
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Published : May 19, 2021, 4:45 AM IST

चंडीगढ़ : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में मंगलवार को कोरोना के मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान सीनियर एडवोकेट रुपिंदर खोसला ने पंजाब और हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए जवाब पर सवाल उठाते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर दोनों सरकारों से गांव में कोरोना के बढ़ते मामलों पर जानकारी मांगी थी, लेकिन दोनों ही सरकारें सिर्फ यह बता रही हैं कि उनकी ओर से क्या कार्रवाई की जा रही है. यह नहीं बताया जा रहा कि गांव में कैसे टेस्टिंग की जा रही है और अब तक कितने लोगों की बिना टेस्टिंग के मौत हो चुकी है.

उन्होंने कहा कि दोनों राज्य सरकारें सिर्फ इतना ही बता दें कि हाल ही में गांव में कितनी मौतें हुई हैं और वह कैसे हुई हैं तो स्थिति को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है. इसके अलावा खोसला ने एक बार फिर गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठाया.

गांवों में हैं 2500 हेल्थ वेलनेस केंद्र
पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि गांव में कोरोना वायरस से निपटने के लिए इस समय पूरे राज्य में 2500 हेल्थ वेलनेस केंद्र हैं. इनमें बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मी सहित आशा कर्मी और आंगनवाड़ी कर्मियों की सेवाएं ली जा रही हैं. यह सभी गांव में कोरोना की निगरानी कर रहे हैं, जो घरों में होम आइसोलेशन में हैं.

पंजाब सरकार के मुताबिक, राज्य में इस समय 3316 आईसीयू बेड और 1421 वेंटिलेटर हैं, जो कि अलग-अलग अस्पतालों में स्थित हैं.

हरियाणा ने फिर उठाया ऑक्सीजन का मुद्दा
हरियाणा सरकार ने एक बार फिर राज्य में ऑक्सीजन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उसे अलॉट कोटे से ऑक्सीजन मिल रही है, लेकिन उसे अधिकतर ऑक्सीजन दूर-दराज से मंगवानी पड़ रही है. जिससे समय काफी खर्च हो रहा है. जबकि उसे पानीपत प्लांट से पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सकती है.

इसके साथ ही सरकार ने वैक्सीन की बर्बादी पर अपना जवाब देते हुए कहा कि पूरी कोशिश की जा रही है कि वैक्सीन बर्बाद न हो, इसके लिए ठोस कदम भी उठाए जा रहे हैं. हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि गांव में कोरोना के मरीजों की जांच और निगरानी के लिए प्रत्येक गांव में रैपिड एक्शन टीम बनाई गई है, जो टेस्ट कर रही है और जो मरीज होम आइसोलेशन में हैं उनकी पूरी निगरानी की जा रही है.

पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को भेजे गए वेंटिलेटर
केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि मौजूदा हालात में केंद्र पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के साथ मिलकर काम कर रहा है. हाल ही में केंद्र ने 675 पंजाब को, 548 हरियाणा कौर चंडीगढ़ को 65 वेंटिलेटर भेजे हैं. साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर इन वेंटिलेटर में कोई दिक्कत आ जाती है तो वे तत्काल बताएं ताकि उन्हें तत्काल ठीक किया जा सके.

चंडीगढ़ : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में मंगलवार को कोरोना के मामले पर सुनवाई हुई. इस दौरान सीनियर एडवोकेट रुपिंदर खोसला ने पंजाब और हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए जवाब पर सवाल उठाते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर दोनों सरकारों से गांव में कोरोना के बढ़ते मामलों पर जानकारी मांगी थी, लेकिन दोनों ही सरकारें सिर्फ यह बता रही हैं कि उनकी ओर से क्या कार्रवाई की जा रही है. यह नहीं बताया जा रहा कि गांव में कैसे टेस्टिंग की जा रही है और अब तक कितने लोगों की बिना टेस्टिंग के मौत हो चुकी है.

उन्होंने कहा कि दोनों राज्य सरकारें सिर्फ इतना ही बता दें कि हाल ही में गांव में कितनी मौतें हुई हैं और वह कैसे हुई हैं तो स्थिति को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है. इसके अलावा खोसला ने एक बार फिर गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठाया.

गांवों में हैं 2500 हेल्थ वेलनेस केंद्र
पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि गांव में कोरोना वायरस से निपटने के लिए इस समय पूरे राज्य में 2500 हेल्थ वेलनेस केंद्र हैं. इनमें बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मी सहित आशा कर्मी और आंगनवाड़ी कर्मियों की सेवाएं ली जा रही हैं. यह सभी गांव में कोरोना की निगरानी कर रहे हैं, जो घरों में होम आइसोलेशन में हैं.

पंजाब सरकार के मुताबिक, राज्य में इस समय 3316 आईसीयू बेड और 1421 वेंटिलेटर हैं, जो कि अलग-अलग अस्पतालों में स्थित हैं.

हरियाणा ने फिर उठाया ऑक्सीजन का मुद्दा
हरियाणा सरकार ने एक बार फिर राज्य में ऑक्सीजन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उसे अलॉट कोटे से ऑक्सीजन मिल रही है, लेकिन उसे अधिकतर ऑक्सीजन दूर-दराज से मंगवानी पड़ रही है. जिससे समय काफी खर्च हो रहा है. जबकि उसे पानीपत प्लांट से पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सकती है.

इसके साथ ही सरकार ने वैक्सीन की बर्बादी पर अपना जवाब देते हुए कहा कि पूरी कोशिश की जा रही है कि वैक्सीन बर्बाद न हो, इसके लिए ठोस कदम भी उठाए जा रहे हैं. हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि गांव में कोरोना के मरीजों की जांच और निगरानी के लिए प्रत्येक गांव में रैपिड एक्शन टीम बनाई गई है, जो टेस्ट कर रही है और जो मरीज होम आइसोलेशन में हैं उनकी पूरी निगरानी की जा रही है.

पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को भेजे गए वेंटिलेटर
केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि मौजूदा हालात में केंद्र पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के साथ मिलकर काम कर रहा है. हाल ही में केंद्र ने 675 पंजाब को, 548 हरियाणा कौर चंडीगढ़ को 65 वेंटिलेटर भेजे हैं. साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर इन वेंटिलेटर में कोई दिक्कत आ जाती है तो वे तत्काल बताएं ताकि उन्हें तत्काल ठीक किया जा सके.

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