कलबुर्गी (कर्नाटक): अवैध पीएसआई परीक्षा मामले की जांच सीआईडी कर रही है. अपराधी कैसे अवैध रूप से शामिल हुए यह जानकर सीआईडी अधिकारी हैरान हैं. यह पहले ही पता चला है कि यह टीम ब्लूटूथ डिवाइस का उपयोग करके परीक्षा के उत्तर लिख रही थी.
इस केस से जुड़े आरडी पाटिल, महंतेश पाटिल और कई को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने मैक्रो ब्लूटूथ और माइक्रो डिवाइस का उपयोग करके उम्मीदवारों के लिए उत्तर बताने की योजना बनाई. यह भी पता चला है कि परीक्षा के लिए इस डिवाइस का इस्तेमाल विशेषज्ञ टीम द्वारा किया जा रहा था. प्रत्याशी ढूंढकर आरडी पाटिल सौदा तय करता था. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पाटिल भाइयों ने 60 लाख प्रति प्रत्याशी रकम तय की थी. यदि कोई उम्मीदवार अपनी जाति का है तो वे 30 लाख में ही सौदा तय कर रहे थे.
पीएसआई परीक्षा अवैधता में ब्लूटूथ डिवाइस का उपयोग कैसे करें, इस पर वीडियो साक्ष्य उपलब्ध है. सीआईडी की टीम ने वीडियो साक्ष्य लेकर जांच को आगे बढ़ाया है. अवैध नेटवर्क के साथ परीक्षार्थी को ब्लूटूथ के साथ परीक्षा हॉल में भेजा गया. फिर वे पास के एक लॉज में बैठ गये और डिवाइस के माध्यम से जवाब देने लगे. वे एक छोटे बच्चे की तरह मदद कर रहे थे और एक सवाल का जवाब तीन बार बता रहे थे. ऐसा ही एक वीडियो अभी सामने आया है. अधिकारी वीडियो में जवाब देने वाले शख्स के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं.
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सीआईडी पहले ही रुद्रगौड़ा पाटिल, महंतेश पाटिल, मल्लुगौड़ा बिदानुरा और विधायक एम वाई पाटिल गुनमन हयाल देसाई सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. PSI परीक्षा में दो प्रकार की अवैधता होती है. एक टीम ने अवैध रूप से ओएमआर शीट में उत्तर लिखा जबकि दूसरी टीम ने अवैध तरीके से परीक्षा का उत्तर लिखने के लिए ब्लूटूथ डिवाइस का उपयोग किया.