नई दिल्ली: देश में खनिज अन्वेषण की प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को दूर करने के उद्देश्य से, खान मंत्रालय (Ministry of Mines) ने राज्य सरकारों को 60 दिनों के भीतर प्रस्तावित ब्लॉक क्षेत्र और भूमि की वास्तविक स्थिति के संबंध में प्रमाण पत्र प्रदान करने के साथ ही उनकी वास्तविकता बताने के लिए कहा है. रिपोर्ट में सामने आया है कि संबंधित राज्य प्राधिकरण से प्रस्तावित ब्लॉक क्षेत्र और भूमि (चाहे फ्री होल्ड, लीजहोल्ड या राज्य द्वारा आरक्षित) की वास्तविक स्थिति का प्रमाण पत्र प्रदान करने में कई मामलों में काफी देरी हुई है.
इससे देश में खनिज अन्वेषण शुरू करने में अनावश्यक विलंब हुआ है. नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (NMET) फंड के लिए परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए सामान्य निर्देश जारी किए गए हैं. इसके अनुसार, खनिज अन्वेषण निगम लिमिटेड (MECL) और अन्य अधिसूचित सीपीएसयू प्रस्तावित ब्लॉक क्षेत्र/भूमि (चाहे फ्री होल्ड/लीज होल्ड/राज्य द्वारा आरक्षित) की वास्तविक स्थिति के संबंध में प्रमाण पत्र के लिए राज्य सरकार को अनुरोध पत्र भेजेंगे.
मंत्रालय ने कहा, 'राज्य सरकार 60 दिनों के भीतर प्रस्तावित ब्लॉक क्षेत्र/भूमि (फ्री होल्ड/लीज होल्ड के बारे में) की वास्तविक स्थिति के संबंध में प्रमाण पत्र प्रदान करेगी.' 60 दिनों के बाद राज्य सरकार से प्रमाण पत्र प्राप्त न होने की स्थिति में, परियोजना प्रस्ताव तकनीकी सह लागत समिति (TCC) में तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन के लिए एनएमईटी सचिवालय को प्रस्तुत किया जा सकता है.
मंत्रालय ने कहा, 'निदेशक, खान और भूविज्ञान विभाग (Department of Mines and Geology) के द्वारा राज्य सरकार को परियोजना प्रस्ताव के तकनीकी मूल्यांकन के दौरान प्रस्तावित ब्लॉक क्षेत्र की स्थिति स्पष्ट करने के लिए टीसीसी बैठक में भाग लेने के लिए उन्हें आमंत्रित किया जाएगा.' इसमें आगे कहा गया है कि तकनीकी-आर्थिक उपयुक्तता के आधार पर परियोजना प्रस्ताव के लिए अन्वेषण कार्य करने की स्वीकृति दी जाएगी.
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अन्वेषण कार्य शुरू करने से पहले, एमईसीएल और अन्य अधिसूचित सीपीएसयू इस बात की पुष्टि करेंगे कि ब्लॉक क्षेत्र किसी पट्टे के अधीन नहीं है और किसी अन्य राज्य, केंद्रीय और निजी अन्वेषण एजेंसियों ने प्रस्तावित ब्लॉक क्षेत्र में अन्वेषण कार्य नहीं किया है. केंद्र सरकार द्वारा स्थापित, एनएमईटी देश भर में अन्वेषण परियोजनाओं को पूरा करने के लिए विभिन्न अधिसूचित अन्वेषण एजेंसियों को वित्त पोषित कर रहा है.