चंडीगढ़ : पंजाब में शनिवार को अबोहर से भाजपा विधायक अरुण नारंग पर गुस्साए किसानों द्वारा हमला किए जाने की घटना की सीेएम अमरिंदर सिंह ने कड़ी निंदा की है. उन्होंने राज्य में शांति भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
इसके साथ ही पंजाब के सीएम ने किसानों से यह अपील भी की कि वे ऐसे हिंसा वाले कार्यो में शामिल न हों. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की कि कानून व्यवस्था की स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए किसानों के मसलों का जल्द से जल्द हल करें. मुख्यमंत्री ने राज्य के डीजीपी दिनकर गुप्ता को उन अपराधियों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जो विधायक को बचाने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों से भी भिड़ गए थे.
वहीं, पुलिस ने मामले में 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर दिया है. इसी मामले पर पंजाब बीजेपी अध्यक्ष आज राज्यपाल से मुलाकात करेंगे.
मलोट में अबोहर के भाजपा विधायक अरुण नारंग पर हुए हमले के बाद एसपी हेडक्वार्टर गुरमेल सिंह के बयानों के आधार पर थाना सिटी मलोट में लक्षण पाल शर्मा उर्फ लखा शर्मा, सुखदेव सिंह बूड़ागुज्जर, निर्मल सिंह जस्सेआना, कुलविन्दर सिंह दानेवाला, नानक सिंह फकरसर, अवतार सिंह फकरसर और राजविन्दर सिंह जंडवाला समेत 250-300 और अनजान हमलावरों के विरुद्ध, 353, 186, 188, 332, 342, 506, 148, 149 के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया गया है.
इस घटनाक्रम के दौरान गुरमेल सिंह (एसपी मुख्यालय, फरीदकोट) विधायक को विरोध करने वाली भीड़ से बचाने की कोशिश करते हुए घायल हो गए थे. उनके सिर पर लाठी से प्रहार हुआ, जिससे उनकी पगड़ी भी उतर गई. उन्हें मलोट के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया हैॉ. घटना के बाद डीजीपी ने कहा कि विधायक और पुलिस अधिकारियों के साथ मारपीट करने वाले संदिग्धों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्थानीय भाजपा नेताओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और इसके आधार पर कानून की संबंधित धाराएं लगाई जाएंगी.
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई में केंद्र सरकार और बीते चार महीनों से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे किसानों के बीच जारी तनाव के दौरान, पंजाब के कई हिस्सों में शनिवार को भाजपा नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया.
पढ़ें: पंजाब के मुक्तसर में भाजपा विधायक की ‘किसानों ने की पिटाई'
सीएम अमरिंदर ने की भाजपा विधायक पर हमले की निंदा
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि विरोध करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को किसी भी कीमत पर बिगड़ने नहीं दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक पर हमले को रोकने का प्रयास करते हुए घटनास्थल से पुलिस ने अन्य भाजपा नेताओं को सुरक्षित निकाला है. तनाव को हल करने के लिए प्रधानमंत्री के तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से किसी भी तरह की देरी से आंदोलनकारी किसानों के बीच अशांति बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि किसान 4 महीने से सड़कों पर हैं, वहीं केंद्र सरकार द्वारा मसला सुलझाने के लिए कोई कदम नहीं उठाने के संकेत के कारण किसानों में गुस्सा बढ़ रहा है.
पढ़ें : गेहूं खरीद के मसले पर पंजाब के सीएम ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र
भाजपा विधायक पर हमले की घटना को लेकर मुख्यमंत्री से इस्तीफे की पंजाब भाजपा नेताओं द्वारा की गई मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिंह ने कहा कि इस घटना से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करने के बजाय, भाजपा नेताओं को विवादास्पद कानून वापस लेने के लिए अपने केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव डालना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों के बीच पैदा हुए गुस्से के बारे में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया जाना चाहिए.