पटना: इसमें कोई दो राय नहीं है कि बिहार में हिट एंड रन के मामलों में इजाफा हुआ है. ऐसे में रोड सेफ्टी को लेकर हिट एंड रन का नया कानून कारगर साबित हो सकता है. इस नए कानून के अनुसार अगर कोई ड्राइवर एक्सीडेंट के बाद फरार होता है और हादसे में किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो चालक को 10 साल की सजा और 7 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इस नए कानून का विरोध भी शुरू हो गया है. पटना में गांधी सेतु समेत कई मुख्य सड़कों पर ट्रकों का लंबा जाम लगा हुआ है.
हिट एंड रन कानून खिलाफ बिहार में प्रदर्शन: आमतौर पर एक्सीडेंट के बाद ड्राइवर भीड़ के डर से मौके से भाग जाते हैं क्योंकि उन्हें मॉब लिंचिंग का खतरा रहता है, लेकिन अब नए कानून के अनुसार एक्सीडेंट के बाद उनका मौके से भागना ड्राइवर के लिए मुश्किलों का पहाड़ खड़ा कर देगा. बिहार में भी ट्रक और बसों के पहिए थम गए हैं. चालक वर्ग का कहना है कि ट्रैफिक एक्ट उनके लिए काला कानून के समान है. किसी भी दुर्घटना में चालक के साथ दुर्घटना के पीड़ित की भी गलती हो सकती है. ऐसे में सिर्फ चालक के विरुद्ध कानूनी तौर पर जेल की सजा का प्रावधान लाना गैर संवैधानिक है.
दरभंगा में आगजनी और नारेबाजी: वहीं नए ट्रैफिक कानून के खिलाफ दरभंगा में भी हंगामा जारी है. बस और ट्रक चालकों ने सोमवार को बिरौल अनुमंडल के दरभंगा-सहरसा मुख्य पथ को कोठी चौक के पास अहले सुबह सड़क पर आगजनी की. नए यातायात कानून को वापस लेने की मांग करते हुए ड्राइवरों ने सड़क जाम कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया.
"हम लोगों के पास 7 लाख रुपया होता तो हम लोग गाड़ी क्यों चलाते. हमलोग तो रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं. अगर गाड़ी से एक्सीडेंट होता है तो 7 लाख कहां से लाएंगे? इसी के कारण हम लोग 1 जनवरी से 3 जनवरी तक बंदी का ऐलान किए हैं. अगर सरकार हम लोगों की मांगों पर विचार नहीं करती है तो यह बंदी बढ़ेगी."- मो बदरुल जमा, बस चालक, दरभंगा
"पहले के कानून में एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर भी जेल जाता था और गाड़ी भी थाने पर जाती थी. उस कानून में पहले ड्राइवर की बेल होती थी. फिर गाड़ी की बेल होती थी. नए कानून के अनुसार अब एक्सीडेंट होने पर गाड़ी मालिक पर कुछ नहीं होगा और सारी जिम्मेदारी गाड़ी चालक पर आएगी. चालक को भारी जुर्माना और सजा होगी. आज की तारीख में चालकों की सैलरी 10 से 25 हजार रुपया महीना है."- ट्रक ड्राइवर, दरभंगा
पटना में थमे पहिए : वहीं प्रदर्शन के दूसरे दिन पटना के मसौढ़ी में भी भदौरा के पास सभी चालकों ने सड़क पर टायर चला कर आगजनी करते हुए जमकर हो हंगामा किया. कई घंटों से सड़क जाम है, जिससे यातायात बाधित रही. इसके अलावा कल यानी 3 जनवरी को पूरे देश भर में बंदी का ऐलान किया है. चालक वर्ग का कहना है कि ट्रैफिक एक्ट उनके लिए काला कानून के समान है.
"नए नियम में जो प्रावधान है उसे गरीब ड्राइवर पूरा नहीं कर पाएंगे. हम भुखमरी के शिकार हो जाएंगे. यह नया नियम नहीं चलेगा."-संतोष कुमार, आक्रोशित चालक,मसौढ़ी
"भाकपा माले ड्राइवरों के साथ है. हम मांग करते हैं कि जो नया कानून बनाया गया है, उसे अविलंब वापस लिया जाए. पुराना कानून ड्राइवरों के हित में है."- कमलेश कुमार, जिला सचिव, भाकपा माले
कैमूर में सड़क जाम: कैमूर जिले में भी ट्रक और बस चालकों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. शहर में बड़े वाहन चालकों ने बीच रास्ते में ही वाहन खड़ा कर दिया है. वहीं ड्राइवर केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए हिट एंड रन के नए कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वाहन चालकों और वाहन मालिकों के द्वारा कैमूर जिले के रामगढ़ मोहनिया भभुआ सहित सभी शहरों में सड़क पर वाहन को खड़ा कर पूरी तरह जाम कर दिया गया है. इस दौरान पुलिस की बात भी आक्रोशित सुनने को तैयार नहीं है.
"केंद्र सरकार के नए कानून की हम लोग घोर निंदा करते हैं. क्योंकि पहले जो कानून था वही ठीक था. नए कानून के अनुसार हम लोग काम नहीं सकते. जितना कमाएंगे नहीं उससे ज्यादा भरपाई करनी पड़ सकती है. 10 साल की सजा और 7 लाख का जुर्माना देना है, इसी के विरोध में हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. हमेशा बड़े वाहन चालकों की गलती नहीं होती है."- दिनेश कुमार,ट्रक ड्राइवर, कैमूर
बांका में कई किलोमीटर तक गाड़ियों की लंबी कतार: बांका जिले के भागलपुर बांका मुख्य मार्ग पर ट्रक ड्राइवरों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए नए कानून का विरोध करते हुए हड़ताल जारी रखा है. ट्रक ड्राइवरों ने मुख्य सड़क HS 25 पर अपनी गाड़ियों को बीच सड़क पर खड़ा करके सरकार का विरोध किया है. इधर सूचना मिलते ही अमरपुर थाने के इंस्पेक्टर विनोद कुमार पुलिस बल की टीम के साथ जाम स्थल पर पहुंचे, जहां सभी ट्रक ड्राइवर को समझा बुझाकर मामले को शांत कराया गया.
"केंद्र सरकार की तरफ से यह जो काला कानून लाया गया है, वह बिल्कुल गलत है. हम लोग गरीब आदमी हैं और ये जो सरकार की तरफ से 10 साल की सजा और पांच से सात लाख का जुर्माना लगाया गया है, हम लोग कैसे भरपाई करेंगे? कोई जरूरी नहीं की हर वाहन का चालक जानबूझकर एक्सीडेंट करता है. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि लोग वाहन के सामने आ जाते हैं."- ट्रक ड्राइवर, बांका
'मॉब लिंचिंग का रहता है डर': बेतिया में भी हिट एंड रन के नए कानून के खिलाफ बस और ट्रक ड्राइवरों ने हड़ताल कर दिया है. उनके अंदर केंद्र सरकार के खिलाफ रोष है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार का यह काला कानून है. इसे हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. इस कानून को सरकार को वापस लेना पड़ेगा. वरना हमारा पूरा परिवार बर्बाद हो जाएगा और यह हड़ताल जारी रहेगी. केंद्र सरकार हमारे बारे में नहीं सोचती. जब कोई घटना होती है तो हमारी मॉब लिंचिंग कर दी जाती है. हमारी पीट-पीटकर हत्या कर दी जाती है.
"अगर हमारे साथ मॉब लिंचिंग जैसी घटना होती है तो उस समय हमारे परिवार का क्या होगा? केंद्र सरकार इसके बारे में कोई कदम आज तक नहीं उठाई. हम प्रतिदिन एक से दो हज़ार कमाने वाले मजदूर, ट्रक ड्राइवर हैं. अगर कभी कोई घटना घट जाए तो हमारा सब कुछ बर्बाद हो जाएगा. हमारा परिवार बिखर जाएगा. हम सड़क पर आ जाएंगे. केंद्र सरकार का यह कानून कहीं से भी उचित नहीं है."- ट्रक ड्राइवर, बेतिया
सारण में भी हंगामा: वहीं सोमवार को नए साल के पहले दिन छपरा में ट्रक चालकों ने नए कानून का विरोध करते हुए मेहिया फोरलेन के समीप सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दिया. जिसके कारण आवागमन पूरी तरह ठप हो गया. ट्रक ड्राइवर सड़क पर उतर आए और ड्राइवरों की यूनियन ने इस कानून का विरोध किया है. उन्होंने बताया कि कैसे ये कानून उनके लिए संकट बन जाएगा. इस नये कानून को लेकर जगह-जगह विरोध शुरू हो गया है.
"अगर केंद्र सरकार हिट एंड रन के नए कानून को वापस नहीं लेती है तो ड्राइवर स्टेयरिंग छोड़ हड़ताल करने मजबूर होंगे. एक्सीडेंट की घटना ड्राइवर कभी भी जानबूझकर नहीं करते हैं. घटना के बाद मौके से नहीं भागे तो जमा हुई भीड़ ड्राइवरों को मारपीट करने सहित कई बार जान तक ले लेती है. सरकार द्वारा जो जुर्माना और सजा का प्रावधान है, वह जायज नहीं है."- ड्राइवर, सारण
बिहार में हिट एंड रन के मामले बढ़े : देश के दूसरे राज्यों से बिहार के तुलना करें तो रोड एक्सीडेंट में सबसे अधिक मौत बिहार में हो रही है. केंद्र सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में बिहार में कुल 9553 सड़क हादसे हुए, जिसमें करीब 7660 लोगों की मौत हुई.
बिहार की सड़कों पर पैदल चलना खतरनाक: एक सर्वे में यह भी पता चला है कि बिहार के सड़क दुर्घटना में हो रही मौतों में सबसे अधिक पैदल चलने वाले शिकार होते हैं. एक तिहाई से अधिक मौतें पैदल चलने वाले की हो रही है. इसके बाद दोपहिया सवार हादसे का शिकार हो रहे हैं. एक तिहाई मौत मोटरसाइकिल सवारों की हो रही है.
क्या है अभी प्रावधान: अब तक हिट एंड रन मामले में आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है. इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है. खास मामलों में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ी जाती है.
क्या है हिंट एंड रन कानून?: दरअसल केंद्र सरकार ने अपराध को लेकर नए कानून बनाए हैं, जिसके तहत अगर कोई ट्रक या डंपर चालक किसी को कुचलकर भागता है तो उसे 10 साल की जेल होगी. इसके अलावा 7 लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा. बस और ट्रक ड्राइवर इसके खिलाफ तीन दिनों का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बुधवार को भी आंदोलन जारी रहेगा.
बजट पर पड़ सकता है असर: बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल और कई अन्य राज्यों में ट्रक और बस चालक हड़ताल पर हैं. इससे कई शहरों में फ्यूल की कमी हो गई है जबकि हड़ताल के कारण बड़ी संख्या में यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. ट्रकों की हड़ताल के कारण पेट्रोल के साथ-साथ सब्जी की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है.
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