लखनऊ : इजरायल और हमास जंग को लेकर पूरी दुनिया दो खेमों में बंट गई है. इजरायल और फिलस्तीनी संगठन हमास के बीच चल रहे युद्ध का असर भारत समेत उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है. इस बीच शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इजरायल के विरोध में प्रदर्शन किए गए. युद्ध में फिलिस्तीन में मारे गए लोगों के लिए लखनऊ के आसिफी मस्जिद और ऐशबाग ईदगाह में जुम्मे की नमाज के बाद यौमे दुआ पढ़ी गई.
लखनऊ में शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद ने हमास की तुलना भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान जैसे देशभक्तों से करते हुए कहा कि अंग्रेजों के लिए यह आतंकी थे उसी तरह से हमास को आतंकी बताया जा रहा है. असल में वे देशभक्त हैं. उन्होंने कहा कि बमबारी चाहे इधर से हो या उधर से हो रही हो, बंद होनी चाहिए. बेगुनाह लोगों की जाने जा रही हैं. गाजा पट्टी वालों का पानी बंद कर दिया गया है. बिजली बंद कर दी गई है. इजरायल ने 30 साल तक पानी और दवा बंद रखा था तो क्या वह पीछे हट गए थे. वह फिर खड़े हो गए. आज उनको मार देंगे कल वह फिर खड़े हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि जब अंग्रेजों से लड़ाई हो रही थी तो गांधी जी, सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह भी आतंकी थे. अशफाक उल्ला भी आतंकी थे. आप उनको आतंकी मानेंगे, हमारे लिए देशभक्त थे उनके लिए आतंकी थे. जो भी अमेरिका के खिलाफ होता है वो उसे आतंकी बता देते हैं.
मोदी से की जंग रुकवाने की अपील
मौलाना जवाद ने कहा कि इजरायल को अगर अमन चैन से रहना है तो उन्हें फिलिस्तीनियों के अधिकार देने होंगे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी इजरायल को आक्रमणकारी देश कहा था. उन्होंने मौजूदा केंद्र सरकार अपील करते हुए कहा कि सबसे पहले हमारे मोदी जी जंग बंद करवाएं, उसके बाद टेबल टॉक के जरिए बात करें, जो हक है, अधिकार है वह फिलिस्तीनियों को मिलना चाहिए. इस युद्ध में हमास के लोग कहां मारे गए हैं, क्या 2 साल के बच्चे हमास के मेंबर थे, एक भी हमास वाला नहीं मरा है, सब लोग मरे हैं.