कोलकाता : माहवारी (पीरिएड्स) सामान्य घटना है. इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकारें काफी प्रचार-प्रसार भी कर रही हैं, लेकिन आम जनमानस पर इसका कितना असर पड़ा है, ये इस घटना से साफ पता चलता है. पश्चिम मिदनापुर जिले के एक होटल ने एक महिला प्रोफेसर से सिर्फ इसलिए ज्यादा भुगतान करने को कहा, क्योंकि जिस कमरे में वह ठहरी थीं, चेकआउट करते समय उसकी बेडशीट पर पीरिएड्स के दाग थे (Professor fined at hotel for Period stains in bedsheet).
पीड़ित मालविका दास ने बताया कि रविवार की रात वह अपने चाचा के साथ एक रिश्तेदार के घर घूमने गई थीं. उन्होंने होटल बुकिंग एप के जरिए वेस्ट मिदनापुर के एक होटल में कमरे बुक किए. अगली सुबह चेक आउट करते समय उस कमरे में बेडशीट को लेकर समस्या शुरू हो गई. मालविका दास ने कहा, ' होटल से चेक आउट करते समय जब मुझे बिल दिया गया तो मैं हैरान रह गई. 400 रुपये लॉन्ड्री सेक्टर के लिए लिखे थे, क्योंकि चादर पर मासिक धर्म के दाग थे.'
इसे धोया नहीं जा सकता : बिल पर अतिरिक्त पैसे देने के लिए कहा गया. साथ ही लिखा था कि इसे धोया नहीं जा सकता और इस शीट का अब उपयोग नहीं किया जा सकता है, इसलिए पैसा लिया गया है. मालविका का कहना है कि उन्होंने पूछा कि क्या उस दाग के स्थान पर टमाटर केचप या कुछ और गिरा होता तो क्या उससे अतिरिक्त पैसे लिए जाते!' मालविका दास का कहना है कि, 'यह प्रकृति का सामान्य नियम है, इसलिए आप इस मामले के लिए मुझसे या किसी और से अतिरिक्त पैसे न लें. पहले भी एक होटल में ऐसा ही हुआ था, लेकिन अधिकारियों ने कुछ नहीं कहा.' उन्होंने कहा कि 'अगर मैं बीमार होती और बिस्तर पर उल्टी कर देती तो क्या तब भी वे मुझसे अतिरिक्त पैसे लेते?'
इसलिए अतिरिक्त पैसा लिया : इस मामले में जब होटल से संपर्क किया गया तो होटल अधिकारियों ने कहा, 'होटल का नियम है कि अगर भाड़े पर लेने वाले व्यक्ति से संपत्ति को नुकसान पहुंचता है तो उस सेक्टर में पैसा लिया जाएगा. चादरों पर खून के धब्बे थे जो धोने से साफ नहीं हो सकते थे, इसलिए अतिरिक्त पैसा लिया गया.' होटल के अधिकारियों में से एक ने कहा, 'हम हमेशा यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि जो भी यहां ठहरे उसे होटल की सफाई को लेकर कोई शिकायत न हो.' होटल अधिकारियों के मुताबिक, वे कई सालों से इस धंधे में हैं, इसलिए उन्हें पता है कि कौन से दाग धुलेंगे और कौन से नहीं.
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