शिमला: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उद्योगपति गौतम अडानी पर तीखा हमला बोला है. हिमाचल में सेब खरीद को लेकर कथित तौर पर अडानी समूह की मनमानी पर प्रियंका वाड्रा ने एक्स (Tweet) किया है. प्रियंका ने लिखा कि हिमाचल के बागवान पहले से ही परेशानियों से जूझ रहे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री जी के मित्र बागवानों की परेशानी और बढ़ा रहे हैं. प्रियंका ने लिखा है कि प्रधानमंत्री जी अपने मित्र की इस लूट को रोकने के लिए कुछ कर क्यों नहीं रहे हैं.
दरअसल, अडानी समूह के हिमाचल में एप्पल स्टोर हैं. सेब सीजन में अडानी बागवानों से सेब खरीदता है. आरोप है कि इस बार अडानी ने सेब के रेट काफी कम खोले हैं. शुरुआत में जब मार्केट में सेब 135 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा था, उस समय अडानी एग्रो फ्रेश के रेट 96 रुपये प्रति किलो थे. बाद में ये रेट करीब 10 रुपये बढ़ाए गए, लेकिन बागवान नए कीमतों से भी खुश नहीं हैं. आलम ये है कि अब बागवान अडानी को सेब बेचने से गुरेज कर रहे हैं. इसी मुद्दे पर प्रियंका वाड्रा ने एक्स के जरिए अडानी पर हमला बोला है.
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आपदा के इस कठिन दौर में जहाँ हिमाचल प्रदेश के बाग़बानों पर पहले से ही परेशानियों का पहाड़ टूट रहा था, प्रधानमंत्री जी के मित्र अडानी उनकी परेशानियों को क्यों बढ़ा रहे हैं?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
खबरों के मुताबिक़ अडानी के दाम जारी करने के बाद सेब की पेटियाँ पहले से एक तिहाई दाम में बिक रही हैं।
आपदा…
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— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 6, 2023
खबरों के मुताबिक़ अडानी के दाम जारी करने के बाद सेब की पेटियाँ पहले से एक तिहाई दाम में बिक रही हैं।
आपदा…आपदा के इस कठिन दौर में जहाँ हिमाचल प्रदेश के बाग़बानों पर पहले से ही परेशानियों का पहाड़ टूट रहा था, प्रधानमंत्री जी के मित्र अडानी उनकी परेशानियों को क्यों बढ़ा रहे हैं?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 6, 2023
खबरों के मुताबिक़ अडानी के दाम जारी करने के बाद सेब की पेटियाँ पहले से एक तिहाई दाम में बिक रही हैं।
आपदा…
हिमाचल में अडानी समूह करीब दो दशक से सेब कारोबार में सक्रिय है. अडानी के हिमाचल में तीन सीए स्टोर यानी कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर स्टोर हैं. इन स्टोर्स की क्षमता अधिकतम 25 हजार मीट्रिक टन है. इस साल हिमाचल सरकार ने भी मंडियों में किलो के हिसाब से सेब बेचने के लिए आदेश जारी किए थे. इस तरह बागवानों को एहसास हुआ कि अडानी के यहां उन्हें कम दाम मिल रहे हैं.
हालांकि अडानी समूह सेब खरीद के बाद एक निश्चित अवधि में बागवानों को पेमेंट कर देता है और बागवानों की पेमेंट डूबने के कोई चांस नहीं होते, लेकिन इस दफा बागवान सेब के कम दाम खोलने को लेकर अडानी समूह से नाराज हैं. बताया जा रहा है कि इस समय तक अडानी 500 मीट्रिक टन सेब खरीद चुका है. हालांकि तीन सीए स्टोर की क्षमता 25 हजार मीट्रिक टन से करीब है.
ऐसे में अभी तक नाममात्र सेब ही खरीदा गया है. कारण ये है कि बागवान खुद अडानी को सेब बेचने के लिए उत्सुक नहीं हैं. बागवानों की प्रतिनिधि संस्थाओं में से एक प्रोग्रेसिव ग्रोअर एसोसिएशन के पदाधिकारी लोकेंद्र बिष्ट का कहना है कि अडानी समूह अभी भी 110 रुपए प्रति किलो के हिसाब से सेब खरीद रहा है. वहीं, मार्किट रेट 120 रुपये से अधिकतम 135 रुपये तक भी है. इस तरह बागवानों को नुकसान है.
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