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Sanjay Raut on Shiv Sena : भाजपा का आरोप, संजय राउत ने सदन को 'चोर मंडली' कहा, विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश - विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव

उद्धव गुट के नेता संजय राउत को महाराष्ट्र विधानसभा की ओर से विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस जारी किया गया है. आरोप है कि संजय राउत ने सदन को 'चोर मंडली' कहा.

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संजय राउत
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Published : Mar 1, 2023, 5:12 PM IST

नई दिल्ली : उद्धव सेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कथित तौर पर सत्तारूढ़ शिवसेना को फर्जी और 'चोर मंडली' (चोरों का गिरोह) करार दिया, जिसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव की मांग को लेकर भारी हंगामा हुआ. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सदन को 'चोर मंडली' कहना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह विधायिका का अपमान है.

उन्होंने आग्रह किया कि यह किसी एक पार्टी या सदस्य का मामला नहीं है, बल्कि निर्वाचित प्रतिनिधियों की गरिमा पर हमला है, यह एक मिसाल कायम कर सकता है और भविष्य में कोई भी कुछ भी कह कर बच के निकल सकता है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अतुल भातकलकर ने राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस पेश किया और इसे 'बेहद गंभीर मामला' बताया.

स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि वो राउत के बयानों की पूरी तरह से जांच करेंगे और 8 मार्च को इस मामले में फैसला लेंगे और सदन को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया. चारों ओर से घिरे राउत ने अपनी ओर से दावा किया कि उनकी 'टिप्पणियों का गलत अर्थ निकाला गया'. उन्होंने कहा कि वह इस मामले में किसी भी जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं.

इससे पहले, भाजपा विधायक आशीष शेलार, नितेश राणे और अन्य ने राउत की आलोचना की और उनके बयान को महाराष्ट्र के साथ 'विश्वासघात' बताया. नेता प्रतिपक्ष (विधानसभा) अजीत पवार और नेता प्रतिपक्ष (विधान परिषद) अंबादास दानवे ने कहा कि उनकी पार्टी के सहयोगी का बयान 'गलत' था. दोनों पक्षों के भारी हंगामे के बीच, सदन को कम से कम तीन बार स्थगित किया गया, और अंत में लगभग 1 बजे, इसे दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया.

इसके तुरंत बाद, सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा सदस्यों ने विधानमंडल के बाहर सीढ़ियों पर जोरदार प्रदर्शन किया और राउत के बयानों की निंदा करते हुए नारेबाजी की. राउत फिलहाल 'शिवगर्जना' और 'शिवसंवाद' पहल के लिए कोल्हापुर में हैं. उन्होंने कथित रूप से यह कहते हुए प्रतिद्वंद्वी गुट पर निशाना साधा कि विधायिका में एक नकली शिवसेना है, यह चोरों का गिरोह है.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे का प्रभाव मिटा रही है, उसका जिक्र करते हुए राउत ने कहा कि अगर उन्हें किसी पद से हटाया भी जाता है तो वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने उन्हें ऐसे कई पद दिए थे और पार्टी सर्वोच्च है. शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने यह भी बताया कि कैसे उनकी पार्टी ने मंगलवार को धाराशिव (उस्मानाबाद) में 'शिवगर्जना' की शानदार सफलता हासिल की, और अब इसे पूरे महाराष्ट्र में दोहराया जाएगा क्योंकि पार्टी मजबूत हो रही है.

ये भी पढे़ं : MLAs defying whip SC क्या शिंदे गुट का सदन में पार्टी के अनुशासन का पालन नहीं करना अयोग्य के दायरे में आता है: न्यायालय

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : उद्धव सेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कथित तौर पर सत्तारूढ़ शिवसेना को फर्जी और 'चोर मंडली' (चोरों का गिरोह) करार दिया, जिसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव की मांग को लेकर भारी हंगामा हुआ. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सदन को 'चोर मंडली' कहना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह विधायिका का अपमान है.

उन्होंने आग्रह किया कि यह किसी एक पार्टी या सदस्य का मामला नहीं है, बल्कि निर्वाचित प्रतिनिधियों की गरिमा पर हमला है, यह एक मिसाल कायम कर सकता है और भविष्य में कोई भी कुछ भी कह कर बच के निकल सकता है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक अतुल भातकलकर ने राउत के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस पेश किया और इसे 'बेहद गंभीर मामला' बताया.

स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि वो राउत के बयानों की पूरी तरह से जांच करेंगे और 8 मार्च को इस मामले में फैसला लेंगे और सदन को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया. चारों ओर से घिरे राउत ने अपनी ओर से दावा किया कि उनकी 'टिप्पणियों का गलत अर्थ निकाला गया'. उन्होंने कहा कि वह इस मामले में किसी भी जांच में शामिल होने के लिए तैयार हैं.

इससे पहले, भाजपा विधायक आशीष शेलार, नितेश राणे और अन्य ने राउत की आलोचना की और उनके बयान को महाराष्ट्र के साथ 'विश्वासघात' बताया. नेता प्रतिपक्ष (विधानसभा) अजीत पवार और नेता प्रतिपक्ष (विधान परिषद) अंबादास दानवे ने कहा कि उनकी पार्टी के सहयोगी का बयान 'गलत' था. दोनों पक्षों के भारी हंगामे के बीच, सदन को कम से कम तीन बार स्थगित किया गया, और अंत में लगभग 1 बजे, इसे दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया.

इसके तुरंत बाद, सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा सदस्यों ने विधानमंडल के बाहर सीढ़ियों पर जोरदार प्रदर्शन किया और राउत के बयानों की निंदा करते हुए नारेबाजी की. राउत फिलहाल 'शिवगर्जना' और 'शिवसंवाद' पहल के लिए कोल्हापुर में हैं. उन्होंने कथित रूप से यह कहते हुए प्रतिद्वंद्वी गुट पर निशाना साधा कि विधायिका में एक नकली शिवसेना है, यह चोरों का गिरोह है.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे का प्रभाव मिटा रही है, उसका जिक्र करते हुए राउत ने कहा कि अगर उन्हें किसी पद से हटाया भी जाता है तो वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने उन्हें ऐसे कई पद दिए थे और पार्टी सर्वोच्च है. शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने यह भी बताया कि कैसे उनकी पार्टी ने मंगलवार को धाराशिव (उस्मानाबाद) में 'शिवगर्जना' की शानदार सफलता हासिल की, और अब इसे पूरे महाराष्ट्र में दोहराया जाएगा क्योंकि पार्टी मजबूत हो रही है.

ये भी पढे़ं : MLAs defying whip SC क्या शिंदे गुट का सदन में पार्टी के अनुशासन का पालन नहीं करना अयोग्य के दायरे में आता है: न्यायालय

(आईएएनएस)

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