ETV Bharat / bharat

अगर मंत्री सही नहीं, तो प्रधानमंत्री इस संबंध में कार्रवाई करेंगे, कोर्ट कुछ नहीं कर सकती: SC - कोर्ट कुछ नहीं कर सकती

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्रीय मंत्री वीके सिंह के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया है कि चीन के साथ एलएसी पर भारत का आधिकारिक स्थिति पर उनके द्वारा की गई टिप्पणी अपनी शपथ का उल्लंघन है.

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट
author img

By

Published : Jul 2, 2021, 3:46 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने केन्द्रीय मंत्री वीके सिंह के खिलाफ दायर उस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत की आधिकारिक स्थिति पर टिप्पणी कर उन्होंने अपनी शपथ का उल्लंघन किया है.

न्यायालय ने कहा, 'अगर मंत्री सही नहीं है, तो प्रधानमंत्री इस संबंध में कार्रवाई करेंगे, अदालत कुछ नहीं कर सकती.' प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की एक पीठ ने इस टिप्पणी के साथ ही तमिलनाडु के निवासी याचिकाकर्ता चंद्रशेखरन रामासामी की याचिका खारिज कर दी। रामासामी खुद को एक वैज्ञानिक बताते हैं.

पीठ ने कहा, 'अगर आपको किसी मंत्री का बयान पसंद नहीं आया, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप याचिका दायर कर उसे बयान वापस लेने के लिए कहेंगे. अगर मंत्री सहीं नहीं है, तो प्रधानमंत्री इस संबंध में कार्रवाई करेंगे, अदालत कुछ नहीं कर सकती.'

ये भी पढ़ें - कुत्ते को पीटकर मार डालने के मामले में केरल हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, कार्रवाई में तेजी के दिए निर्देश

पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आप वैज्ञानिक हैं, 'इसलिए आपको अपनी क्षमता का उपयोग देश के लिए कुछ करने के लिए करना चाहिए। हम याचिका खारिज कर रहे हैं.' याचिका में केन्द्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि वह यह घोषणा करे कि केन्द्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की स्थिति के संबंध में कथित टिप्पणी कर अपनी शपथ का उल्लंघन किया है.

बता दें कि फरवरी 2021 में वापस, सिंह ने कहा था कि भारत ने एलएसी में कम से कम 50 बार उल्लंघन किया है यदि चीनियों ने इसे 10 बार किया है क्योंकि दोनों देशों के लिए धारणा अलग है. मंत्री ने कहा था कि उन्हें गलत तरीके से, संदर्भ से बाहर उद्धृत किया गया था और बाद में अपना पूरा बयान दिया था. वहीं चीन ने गलत रिपोर्ट का इस्तेमाल यह साबित करने के लिए किया कि यह एक कबूलनामा था और भारत के मंत्री भी जानते हैं कि भारत ने उल्लंघन किया था.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने केन्द्रीय मंत्री वीके सिंह के खिलाफ दायर उस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत की आधिकारिक स्थिति पर टिप्पणी कर उन्होंने अपनी शपथ का उल्लंघन किया है.

न्यायालय ने कहा, 'अगर मंत्री सही नहीं है, तो प्रधानमंत्री इस संबंध में कार्रवाई करेंगे, अदालत कुछ नहीं कर सकती.' प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की एक पीठ ने इस टिप्पणी के साथ ही तमिलनाडु के निवासी याचिकाकर्ता चंद्रशेखरन रामासामी की याचिका खारिज कर दी। रामासामी खुद को एक वैज्ञानिक बताते हैं.

पीठ ने कहा, 'अगर आपको किसी मंत्री का बयान पसंद नहीं आया, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप याचिका दायर कर उसे बयान वापस लेने के लिए कहेंगे. अगर मंत्री सहीं नहीं है, तो प्रधानमंत्री इस संबंध में कार्रवाई करेंगे, अदालत कुछ नहीं कर सकती.'

ये भी पढ़ें - कुत्ते को पीटकर मार डालने के मामले में केरल हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, कार्रवाई में तेजी के दिए निर्देश

पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आप वैज्ञानिक हैं, 'इसलिए आपको अपनी क्षमता का उपयोग देश के लिए कुछ करने के लिए करना चाहिए। हम याचिका खारिज कर रहे हैं.' याचिका में केन्द्र को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि वह यह घोषणा करे कि केन्द्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत की स्थिति के संबंध में कथित टिप्पणी कर अपनी शपथ का उल्लंघन किया है.

बता दें कि फरवरी 2021 में वापस, सिंह ने कहा था कि भारत ने एलएसी में कम से कम 50 बार उल्लंघन किया है यदि चीनियों ने इसे 10 बार किया है क्योंकि दोनों देशों के लिए धारणा अलग है. मंत्री ने कहा था कि उन्हें गलत तरीके से, संदर्भ से बाहर उद्धृत किया गया था और बाद में अपना पूरा बयान दिया था. वहीं चीन ने गलत रिपोर्ट का इस्तेमाल यह साबित करने के लिए किया कि यह एक कबूलनामा था और भारत के मंत्री भी जानते हैं कि भारत ने उल्लंघन किया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.