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आचार्य श्री महाश्रमण की पदयात्रा ने 20 राज्यों को एक विचार, प्रेरणा से जोड़ा: पीएम

पीएम मोदी कहा कि इस पदयात्रा के माध्यम से आचार्य जी ने वसुधैव कुटुंबकम के भारतीय विचार को विस्तार दिया. इस पदयात्रा ने देश के 20 राज्यों को एक विचार और प्रेरणा से जोड़ा है. उन्होंने कहा कि भारत में हजारों वर्षों से ऋषि, मुनी और आचार्यों की एक महान परंपरा की धरती रही है.

पीएम मोदी
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Published : Mar 27, 2022, 6:17 PM IST

Updated : Mar 27, 2022, 8:56 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (रविवार) अहिंसा यात्रा पूरी होने (completion of non-violence journey) पर सभी योगी और आचार्यों को बधाई (PM Narendra Modi congratulated Yogis and Acharyas) दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने अहिंसा यात्रा संपूर्णता समारोह कार्यक्रम के दौरान संबोधित कर कहा कि आचार्य श्री महाश्रमण जी ने सात वर्षों में 18 हजार किलोमीटर की पदयात्रा पूरी की. यह यात्रा दुनिया के तीन देशों की पदयात्रा थी.

पीएम मोदी कहा कि इस पदयात्रा के माध्यम से आचार्य जी ने वसुधैव कुटुंबकम के भारतीय विचार को विस्तार दिया. इस पदयात्रा ने देश के 20 राज्यों को एक विचार और प्रेरणा से जोड़ा है. उन्होंने कहा कि भारत में हजारों वर्षों से ऋषि, मुनी और आचार्यों की एक महान परंपरा की धरती रही है. काल के थपेड़ों ने कैसी भी मुसीबत पेश की हों, लेकिन यह परंपरा वैसी ही चलती रही है. हमारे यहां आचार्य वही बना है. जिसने चरैवेति चरैवेति का मंत्र दिया.

अहिंसा यात्रा में शामिल हुए राजनाथ सिंह

पढ़ें : आचार्य श्री महाश्रमण का दिल्ली में भव्य अभिनंदन, समारोह में पहुंचे सांसद और मेयर

बता दें कि आचार्य श्री महाश्रमण ने नौ नवंबर 2014 को दिल्ली लाल किले से नैतिकता, सद्भावना और नशा मुक्ति के संदेश को व्यापक रूप से प्रसारित करने के लिए पदयात्रा शुरू की थी. भारत के कई राज्यों में और तीन देशों की करीब 52000 किलोमीटर पद यात्रा करते हुए वह दिल्ली में अपनी यात्रा पूरी की है. इस दौरान आचार्य महाश्रमण ने लोगों को नैतिकता और नशा मुक्ति के बारे में बताया.

प्रधानमंत्री मोदी ने श्वेतांबर तेरापंथ कार्यक्रम को संबोधित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार, समाज और आध्यात्मिक शक्ति ने देश में हमेशा समान भूमिका निभाई है. कभी भी यह प्रवृत्ति नहीं रही कि केवल सरकार ही सब कुछ करेगी. एक आधिकारिक बयान के अनुसार मोदी ने जैन संप्रदाय श्वेतांबर तेरापंथ की 'अहिंसा यात्रा' के समापन समारोह में एक वीडियो संदेश में कहा कि देश 'आजादी के अमृत महोत्सव' के दौरान 'सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ सूत्र वाक्य के साथ अपने वादों को प्राप्त करने की दिशा में इस भावना को प्रतिबिंबित कर रहा है. उन्होंने कहा कि श्वेतांबर तेरापंथ ने आध्यात्मिक संकल्प में सुस्ती का त्याग किया है. उन्होंने श्वेतांबर तेरापंथ के साथ अपने लंबे जुड़ाव को भी याद किया. मोदी ने 2014 में लाल किले से हरी झंडी दिखाकर रवाना की गई पदयात्रा के महत्व को रेखांकित किया. और इस संयोग का जिक्र किया कि उन्होंने खुद उसी वर्ष प्रधानमंत्री के रूप में सार्वजनिक सेवा व लोक कल्याण की अपनी यात्रा शुरू की थी.

अहिंसा यात्रा से दुनिया को मिली नई दिशा : राजनाथ सिंह

राजधानी के तालकटोरा स्टेडियम में अहिंसा यात्रा संपन्नता समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पहुंचे. उन्होंने कहा कि पदयात्रा के माध्यम से गांव, शहर और संस्कृति देखने का मौका मिलता है. अहिंसा का संदेश सबसे महत्वपूर्ण है. इन्होंने दुनिया को नई दिशा दी है. इससे व्यापक चेतना जन-जन में आई है. नशा मुक्ति का संकल्प लिया है. जैन धर्म नहीं बल्कि एक विचार है. यह आजादी का अमृत महोत्सव है व संकल्प लेने का वर्ष है.

वहीं, रविवार को कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में हिंसा सुनने और देखने को मिलती है. ऐसे में अहिंसा यात्रा करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जो दूसरों को बचाता है वह वीर है. यात्रा समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी और नेपाल के पूर्व उपराष्ट्रपति परमानंद झा भी पहुंचे. आचार्य महाश्रमण ने कहा कि अहिंसा एक जीवन की नीति है. शास्त्र में कहा गया है कि किसी के साथ कभी भी हिंसा नहीं होनी चाहिए. अहिंसा ऐसा तत्व है, जो जीवन में शांति प्रदान करता है. सबके प्रति सच्ची भावना रखना. नशा मुक्त रहना.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (रविवार) अहिंसा यात्रा पूरी होने (completion of non-violence journey) पर सभी योगी और आचार्यों को बधाई (PM Narendra Modi congratulated Yogis and Acharyas) दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने अहिंसा यात्रा संपूर्णता समारोह कार्यक्रम के दौरान संबोधित कर कहा कि आचार्य श्री महाश्रमण जी ने सात वर्षों में 18 हजार किलोमीटर की पदयात्रा पूरी की. यह यात्रा दुनिया के तीन देशों की पदयात्रा थी.

पीएम मोदी कहा कि इस पदयात्रा के माध्यम से आचार्य जी ने वसुधैव कुटुंबकम के भारतीय विचार को विस्तार दिया. इस पदयात्रा ने देश के 20 राज्यों को एक विचार और प्रेरणा से जोड़ा है. उन्होंने कहा कि भारत में हजारों वर्षों से ऋषि, मुनी और आचार्यों की एक महान परंपरा की धरती रही है. काल के थपेड़ों ने कैसी भी मुसीबत पेश की हों, लेकिन यह परंपरा वैसी ही चलती रही है. हमारे यहां आचार्य वही बना है. जिसने चरैवेति चरैवेति का मंत्र दिया.

अहिंसा यात्रा में शामिल हुए राजनाथ सिंह

पढ़ें : आचार्य श्री महाश्रमण का दिल्ली में भव्य अभिनंदन, समारोह में पहुंचे सांसद और मेयर

बता दें कि आचार्य श्री महाश्रमण ने नौ नवंबर 2014 को दिल्ली लाल किले से नैतिकता, सद्भावना और नशा मुक्ति के संदेश को व्यापक रूप से प्रसारित करने के लिए पदयात्रा शुरू की थी. भारत के कई राज्यों में और तीन देशों की करीब 52000 किलोमीटर पद यात्रा करते हुए वह दिल्ली में अपनी यात्रा पूरी की है. इस दौरान आचार्य महाश्रमण ने लोगों को नैतिकता और नशा मुक्ति के बारे में बताया.

प्रधानमंत्री मोदी ने श्वेतांबर तेरापंथ कार्यक्रम को संबोधित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार, समाज और आध्यात्मिक शक्ति ने देश में हमेशा समान भूमिका निभाई है. कभी भी यह प्रवृत्ति नहीं रही कि केवल सरकार ही सब कुछ करेगी. एक आधिकारिक बयान के अनुसार मोदी ने जैन संप्रदाय श्वेतांबर तेरापंथ की 'अहिंसा यात्रा' के समापन समारोह में एक वीडियो संदेश में कहा कि देश 'आजादी के अमृत महोत्सव' के दौरान 'सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ सूत्र वाक्य के साथ अपने वादों को प्राप्त करने की दिशा में इस भावना को प्रतिबिंबित कर रहा है. उन्होंने कहा कि श्वेतांबर तेरापंथ ने आध्यात्मिक संकल्प में सुस्ती का त्याग किया है. उन्होंने श्वेतांबर तेरापंथ के साथ अपने लंबे जुड़ाव को भी याद किया. मोदी ने 2014 में लाल किले से हरी झंडी दिखाकर रवाना की गई पदयात्रा के महत्व को रेखांकित किया. और इस संयोग का जिक्र किया कि उन्होंने खुद उसी वर्ष प्रधानमंत्री के रूप में सार्वजनिक सेवा व लोक कल्याण की अपनी यात्रा शुरू की थी.

अहिंसा यात्रा से दुनिया को मिली नई दिशा : राजनाथ सिंह

राजधानी के तालकटोरा स्टेडियम में अहिंसा यात्रा संपन्नता समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पहुंचे. उन्होंने कहा कि पदयात्रा के माध्यम से गांव, शहर और संस्कृति देखने का मौका मिलता है. अहिंसा का संदेश सबसे महत्वपूर्ण है. इन्होंने दुनिया को नई दिशा दी है. इससे व्यापक चेतना जन-जन में आई है. नशा मुक्ति का संकल्प लिया है. जैन धर्म नहीं बल्कि एक विचार है. यह आजादी का अमृत महोत्सव है व संकल्प लेने का वर्ष है.

वहीं, रविवार को कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में हिंसा सुनने और देखने को मिलती है. ऐसे में अहिंसा यात्रा करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि जो दूसरों को बचाता है वह वीर है. यात्रा समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी और नेपाल के पूर्व उपराष्ट्रपति परमानंद झा भी पहुंचे. आचार्य महाश्रमण ने कहा कि अहिंसा एक जीवन की नीति है. शास्त्र में कहा गया है कि किसी के साथ कभी भी हिंसा नहीं होनी चाहिए. अहिंसा ऐसा तत्व है, जो जीवन में शांति प्रदान करता है. सबके प्रति सच्ची भावना रखना. नशा मुक्त रहना.

Last Updated : Mar 27, 2022, 8:56 PM IST
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