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मुख्यमंत्री नीतीश से 'बिहारी राष्ट्रपति' सुन मैं गदगद हो गया: राष्ट्रपति

रामनाथ कोविंद ने कहा कि बिहारी कहा सुनकर खुशी होती है. विपश्यना पद्धति को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाया है, इसके लिए खासतौर पर सीएम नीतीश कुमार को आभार. बिहार हमेशा इतिहास रचता है. आज बिहार ने इतिहास रचा है.

राष्ट्रपति
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Published : Oct 21, 2021, 2:40 PM IST

Updated : Oct 21, 2021, 3:13 PM IST

पटना : बिहार विधानसभा भवन (Bihar Assembly Bhawan) के शताब्दी समारोह में संबोधन के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने कहा कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने 'बिहार के रहने वाले राष्ट्रपति' के रूप में मुझे संबोधित किया था, जिसे सुनने के बाद मैं अंदर से बहुत खुश हुआ था. 'बिहारी' कहलाने पर मुझे गर्व होता है. राष्ट्रपति ने कहा कि राजेन्द्र प्रसाद की छोड़ी हुई विरासत को संभालने की जिम्मेवारी मेरी है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सचिवालय में कर्मचारी कहते हैं कि जब बिहार से आमंत्रण आए तो आप टालमटोल नहीं करते हैं. मेरा बिहार से राज्यपाल से ही नाता नहीं है, बल्कि और कुछ भी है जिसे मैं ढूंढता रहता हूं.

राष्ट्रपति का संबोधन

उन्होंने कहा कि विपश्यना पद्धति को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाया है, इसके लिए खासतौर पर सीएम नीतीश कुमार को आभार. बिहार हमेशा इतिहास रचता है. आज बिहार ने इतिहास रचा है. बिहार विधानसभा ने 100 साल पूरे किये हैं. देश ने भी आज इतिहास रचा है. 100 करोड़ कोरोना वैक्सीनेशन का इतिहास, अब से कुछ देर पहले रचा गया है.

उन्होंने कहा कि बिहार आता हूं तो अच्‍छा लगता है. बिहार से अलग नाता लगता है. ऐसा लगता है घर आया हूं. बिहार लोकतंत्र की धरती है. यहां वैशाली में लोकतंत्र फला-फूला. इस धरती पर नालंदा, विक्रमशिला जैसे शिक्षण संस्‍थान थे, तो यहां आर्यभट्ट और चाणक्‍य हुए. इस परंपरा को आगे बढ़ाने की जिम्‍मेदारी अब बिहार के लोगों की है.

राष्ट्रपति ने कहा कि यह संयोग नहीं था कि संविधान सभा के अंतरिम अध्‍यक्ष डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्‍हा और स्‍थाई अध्‍यक्ष डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद बिहार के थे. बिहार से ही जयप्रकाश नारायण ने लोकतंत्र को दिशा दी. बिहार की धरती ने समतामूलक समाज की परंपरा स्‍थापित की है. बिहार में नीतीश कुमार ने सबसे लंबे समय तक मुख्‍यमंत्री रहने का कीर्तिमान स्‍थापित किया है.

बिहार विधानसभा भवन का शताब्दी समारोह

वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज बिहार विधानसभा भवन के 100 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने समय दिया इसके लिए उन्हें हृदय से धन्यवाद देता हूं. सीएम नीतीश ने कहा इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विश्व शांति स्तूप के उद्घाटन में 2019 अक्टूबर में भी आए थे.

पढ़ें : तेजस्वी ने जो मछली पकड़ी है, सियासत में कौन सा रंग दिखाएगी वह?

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति कोविंद का रिश्ता यहां से काफी पुराना रहा है. वे बिहार में करीब दो साल तक राज्यपाल रहे. यहीं से इन्हें राष्ट्रपति बनने का मौका मिला. हम तो कहते हैं कि ये 'बिहारी राष्ट्रपति' हैं. ये तो सीधे बिहार के राज्यपाल से राष्ट्रपति बने. हम लोगों को बेहद खुशी होती है. राष्ट्रपति कोविंद अबतक चार बार बिहार आ चुके हैं.

नीतीश कुमार ने बताया कि कि 22 मार्च 2009 से बिहार दिवस के रूप में हम लोगों ने कार्यक्रम मनाना शुरू किया. 2012 में बिहार के 100 साल पूरे होने के बाद जो कार्यक्रम हुआ था, वह बहुत शानदार था. उसके लिए इसके लिए बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति स्वर्गीय ताराकांत झा ने जो मेहनत की थी, उसे हमेशा याद रखा जाना चाहिए. सीएम ने कहा कि हम लोग इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते रहेंगे. अब तो अगली दफा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस तरह के कार्यक्रम में बुलाने की योजना है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1952 की पहली विधानसभा में 331 सदस्‍य थे. स्‍मारिका में आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक विधानसभा की सारी जानकारी नई पीढ़ी के लिए उपलब्‍ध है. शताब्‍दी वर्ष पर बोधि वृक्ष भी लगाया गया. उन्‍होंने बुद्ध स्‍मृति पार्क में लगे वृक्ष के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि तीन जुलाई 2018 से बुद्ध स्‍मृति पार्क में विपशना केंद्र का संचालन किया जा रहा है.

बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार विधानसभा भवन (Bihar Assembly Bhawan) के शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए विधानसभा परिसर पहुंचे. जहां राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका स्वागत किया. राष्ट्रपति ने इस दौरान विधानसभा परिसर में महाबोधि पौधा लगाया. राष्ट्रपति ने शताब्दी स्मृति स्तंभ के निर्माण का भी शिलान्यास किया.

राष्ट्रपति के दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. विधानसभा की ओर जाने वाली सड़कों को पूरी तरह से बंद कर कर दिया गया. राष्ट्रपति जब तक विधानसभा के अंदर रहे, तब तक के लिए हार्डिंग रोड सहित कई सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही बंद कर दी गई थी.

पटना : बिहार विधानसभा भवन (Bihar Assembly Bhawan) के शताब्दी समारोह में संबोधन के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने कहा कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने 'बिहार के रहने वाले राष्ट्रपति' के रूप में मुझे संबोधित किया था, जिसे सुनने के बाद मैं अंदर से बहुत खुश हुआ था. 'बिहारी' कहलाने पर मुझे गर्व होता है. राष्ट्रपति ने कहा कि राजेन्द्र प्रसाद की छोड़ी हुई विरासत को संभालने की जिम्मेवारी मेरी है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सचिवालय में कर्मचारी कहते हैं कि जब बिहार से आमंत्रण आए तो आप टालमटोल नहीं करते हैं. मेरा बिहार से राज्यपाल से ही नाता नहीं है, बल्कि और कुछ भी है जिसे मैं ढूंढता रहता हूं.

राष्ट्रपति का संबोधन

उन्होंने कहा कि विपश्यना पद्धति को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाया है, इसके लिए खासतौर पर सीएम नीतीश कुमार को आभार. बिहार हमेशा इतिहास रचता है. आज बिहार ने इतिहास रचा है. बिहार विधानसभा ने 100 साल पूरे किये हैं. देश ने भी आज इतिहास रचा है. 100 करोड़ कोरोना वैक्सीनेशन का इतिहास, अब से कुछ देर पहले रचा गया है.

उन्होंने कहा कि बिहार आता हूं तो अच्‍छा लगता है. बिहार से अलग नाता लगता है. ऐसा लगता है घर आया हूं. बिहार लोकतंत्र की धरती है. यहां वैशाली में लोकतंत्र फला-फूला. इस धरती पर नालंदा, विक्रमशिला जैसे शिक्षण संस्‍थान थे, तो यहां आर्यभट्ट और चाणक्‍य हुए. इस परंपरा को आगे बढ़ाने की जिम्‍मेदारी अब बिहार के लोगों की है.

राष्ट्रपति ने कहा कि यह संयोग नहीं था कि संविधान सभा के अंतरिम अध्‍यक्ष डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्‍हा और स्‍थाई अध्‍यक्ष डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद बिहार के थे. बिहार से ही जयप्रकाश नारायण ने लोकतंत्र को दिशा दी. बिहार की धरती ने समतामूलक समाज की परंपरा स्‍थापित की है. बिहार में नीतीश कुमार ने सबसे लंबे समय तक मुख्‍यमंत्री रहने का कीर्तिमान स्‍थापित किया है.

बिहार विधानसभा भवन का शताब्दी समारोह

वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज बिहार विधानसभा भवन के 100 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने समय दिया इसके लिए उन्हें हृदय से धन्यवाद देता हूं. सीएम नीतीश ने कहा इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद विश्व शांति स्तूप के उद्घाटन में 2019 अक्टूबर में भी आए थे.

पढ़ें : तेजस्वी ने जो मछली पकड़ी है, सियासत में कौन सा रंग दिखाएगी वह?

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति कोविंद का रिश्ता यहां से काफी पुराना रहा है. वे बिहार में करीब दो साल तक राज्यपाल रहे. यहीं से इन्हें राष्ट्रपति बनने का मौका मिला. हम तो कहते हैं कि ये 'बिहारी राष्ट्रपति' हैं. ये तो सीधे बिहार के राज्यपाल से राष्ट्रपति बने. हम लोगों को बेहद खुशी होती है. राष्ट्रपति कोविंद अबतक चार बार बिहार आ चुके हैं.

नीतीश कुमार ने बताया कि कि 22 मार्च 2009 से बिहार दिवस के रूप में हम लोगों ने कार्यक्रम मनाना शुरू किया. 2012 में बिहार के 100 साल पूरे होने के बाद जो कार्यक्रम हुआ था, वह बहुत शानदार था. उसके लिए इसके लिए बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति स्वर्गीय ताराकांत झा ने जो मेहनत की थी, उसे हमेशा याद रखा जाना चाहिए. सीएम ने कहा कि हम लोग इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते रहेंगे. अब तो अगली दफा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस तरह के कार्यक्रम में बुलाने की योजना है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1952 की पहली विधानसभा में 331 सदस्‍य थे. स्‍मारिका में आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक विधानसभा की सारी जानकारी नई पीढ़ी के लिए उपलब्‍ध है. शताब्‍दी वर्ष पर बोधि वृक्ष भी लगाया गया. उन्‍होंने बुद्ध स्‍मृति पार्क में लगे वृक्ष के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि तीन जुलाई 2018 से बुद्ध स्‍मृति पार्क में विपशना केंद्र का संचालन किया जा रहा है.

बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार विधानसभा भवन (Bihar Assembly Bhawan) के शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए विधानसभा परिसर पहुंचे. जहां राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका स्वागत किया. राष्ट्रपति ने इस दौरान विधानसभा परिसर में महाबोधि पौधा लगाया. राष्ट्रपति ने शताब्दी स्मृति स्तंभ के निर्माण का भी शिलान्यास किया.

राष्ट्रपति के दौरे को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. विधानसभा की ओर जाने वाली सड़कों को पूरी तरह से बंद कर कर दिया गया. राष्ट्रपति जब तक विधानसभा के अंदर रहे, तब तक के लिए हार्डिंग रोड सहित कई सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही बंद कर दी गई थी.

Last Updated : Oct 21, 2021, 3:13 PM IST
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