नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने शनिवार को दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 52 दिव्यांग लोगों को अपने-अपने क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया, जिनमें 66 वर्षीय मृदु राम गोयल भी शामिल हैं, जो 'एक्सेस ऑडिट' के विशेषज्ञ हैं. व्हील चेयर के सहारे चलने वाले गोयल ने लखनऊ के सरकारी भवनों में 'रैंप के निर्माण' से जुड़े मामलों को उठाया था. गोयल चलने-फिरने के लिहाज से 81 फीसदी अशक्त हैं.
'एक्सेस ऑडिट' का अभिप्राय किसी भवन या परिवेश या सेवा से जुड़े मानकों के पालन संबंधी आकलन से है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह दिव्यांगजनों के लिए सुगम है या नहीं. राष्ट्रपति ने दिव्यांग जनों के सशक्तीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर वर्ष 2021 और 2022 के लिए ये पुरस्कार प्रदान किए. पुरस्कार पाने वालीं 29 वर्षीय विद्या ने बच्चों के लिए दुनिया की सबसे किफायती इलेक्ट्रॉनिक ब्रेल पुस्तक तैयार की है. दृष्टि बाधित विद्या ने डिजिटल सोसाइटी में परास्नातक किया है और उन्होंने विजन इम्पावर (वीई) की वर्ष 2017 में स्थापना की.
पुरस्कार पाने वाले अन्य लोगों में पूजा ओझा भी शामिल हैं, जो चलने-फिरने के लिहाज से 80 फीसदी अक्षम हैं. एक पैरा कैनो खिलाड़ी के रूप में ओझा ने थाईलैंड, हंगरी, जापान और कनाडा में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. इसी तरह 25 वर्षीय अतुल जायसवाल जन्म से सुनने में 100 फीसदी असमर्थ हैं, लेकिन उन्हें खेल में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया गया. तैंतीस वर्षीय डॉ. वैभव भंडारी जन्म से 'मस्कुलर डिस्ट्रॉफी' (82 फीसदी) से पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें उनके सामाजिक कार्य के लिए सम्मानित किया गया है.
चलने फिरने के लिहाज से 72 फीसदी असमर्थ वैष्णवी को दिव्यांग लोगों के सशक्तीकरण और उनके कौशल विकास के लिए किए गए उनके कार्य के लिए सम्मानित किया गया. जन्म से 95 फीसदी दृष्टि बाधित 49 साल के सोमपुरा हिमांशु जयंतीलाल को 'श्रेष्ठ दिव्यांगजन' वर्ग में व्यक्तिगत उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार-2021 प्रदान किया गया. संगठनों में अमर ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, बलवंत राय मेहता विद्या भवन और एक्सेंचर सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को दिव्यांग लोगों के लिए काम करने के आधार पर पुरस्कृत किया गया.
महाराष्ट्र के अकोला जिले की जिला परिषद को भी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अधिकारियों ने कहा कि इस जिला परिषद ने दिव्यांग जनों के सशक्तीकरण की योजनाओं पर प्रभावी अमल करके यह पुरस्कार हासिल किया.अकोला जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौरभ कटियार ने यह पुरस्कार दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रपति के हाथों प्राप्त किया.
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(पीटीआई-भाषा)