हैदराबाद : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को भद्राचलम से तेलंगाना में दो एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) का वर्चुअल उद्घाटन किया. एक स्कूल कोमाराम भीम आसिफाबाद जिले में और दूसरा महबूबाबाद जिले में बनाया गया है.
केंद्र ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) की 50 प्रतिशत से अधिक आबादी और कम से कम 20,000 आदिवासी व्यक्तियों वाले प्रत्येक ब्लॉक में एक ईएमआरएस स्थापित करने का निर्णय लिया है. कोमाराम भीम आसिफाबाद में ईएमआरएस सिरपुर और महबूबाबाद जिले में ईएमआरएस बय्याराम का निर्माण दिसंबर 2020 में शुरू हुआ था और निर्माण का पहला चरण हाल ही में पूरा हो गया है. वर्तमान में, ये स्कूल कक्षा 6 से 9 तक पढ़ने वाले 448 छात्रों के साथ अन्य सरकारी भवनों से संचालित हो रहे हैं.
कुल मिलाकर, देश भर में ऐसे 740 ईएमआरएस स्थापित किए जाएंगे. ईएमआरएस का उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों में एसटी छात्रों को उच्च प्राथमिक और माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक स्तर की शिक्षा (कक्षा 6 से 12) प्रदान करना है. ईएमआरएस की स्थापना आदिवासी छात्रों को शिक्षा के सर्वोत्तम अवसरों तक पहुंच बनाने के उद्देश्य से की गई है.
प्रत्येक स्कूल में 480 छात्र होंगे, जिसमें 240 लड़कियां और 240 लड़के कक्षा 6 से 10 तक की कक्षा में दो सेक्शन और कक्षा 9 से 12 में तीन सेक्शन होंगे. ईएमआरएस में सुविधाएं नवोदय विद्यालय के बराबर होंगी. तेलंगाना में कुल 23 ईएमआरएस स्थापित किए जाएंगे और 11 स्कूलों का निर्माण पूरा हो चुका है.
इससे पहले, राष्ट्रपति ने भद्राचलम में श्री सीताराम चंद्र स्वामीवरी देवस्थानम का दौरा किया और पूजा-अर्चना की. उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान (पीआरएएसएचएडी) योजना के तहत भद्राचलम मंदिर में पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास की आधारशिला रखी. उन्होंने वनवासी कल्याण परिषद, तेलंगाना द्वारा आयोजित समक्का सरलाम्मा जनजाति पुजारी सम्मेलन का भी उद्घाटन किया.
ये भी पढ़ें : UP: ईसाई धर्म स्वीकार नहीं करने पर सिख की पगड़ी उतार बाल काटे, थाने में हंगामा