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Gaj Utsav 2023 : हाथियों के गलियारे को निश्चित रूप से निर्बाध रखना होगा : राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने गज उत्सव-2023 के उद्घाटन अवसर पर कहा कि हाथियों के गलियारे को बिना किसी रोक टोक के निर्बाध रूप से जारी रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि मानव-हाथी संघर्ष के लिए मानव ही जिम्मेदार है. राष्ट्रपति ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के 'प्लेटिनम जुबली' समारोह को भी संबोधित किया. पढ़िए पूरी खबर...

President Droupadi Murmu inaugurates Gaj Utsav
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गज उत्सव का उद्घाटन किया
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Published : Apr 7, 2023, 5:08 PM IST

Updated : Apr 7, 2023, 10:02 PM IST

गुवाहाटी : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने हाथियों के साथ करुणापूर्ण व्यवहार करने और उनके (हाथियों के) गलियारों को निर्बाध रखने का लोगों से शुक्रवार को आग्रह किया, ताकि यह वन्य जीव सुगमता से आवाजाही कर सके. मुर्मू ने कहा कि मानव-हाथी संघर्ष (एचईसी) का गहन विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट होता है कि हाथियों के प्राकृतिक मार्गों में रुकावटें हैं और 'मानव इसके लिए जिम्मेदार है.'

राष्ट्रपति ने अपनी असम यात्रा के दूसरे दिन यहां 'गज उत्सव-2023' के उद्घाटन के मौके पर कहा, 'हाथी बुद्धिमान और दयालु जानवर होते हैं और लोगों को उनके साथ करुणापूर्ण व्यवहार करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि एचईसी से निपटना 'प्रोजेक्ट एलीफेंट' का उद्देश्य और चुनौती दोनों है. इस परियोजना के 30 साल पूरे हो रहे हैं. मुर्मू ने कहा, 'हाथियों के मार्गों का संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है क्योंकि ये 'कार्बन सिंक' के रूप में काम कर सकते हैं और लोगों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकते हैं.'

  • Assam | President Droupadi Murmu feeds an elephant at Kaziranga National Park before inaugurating the Gaj Utsav 2023 earlier today. pic.twitter.com/o0LfLewGbz

    — ANI (@ANI) April 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कार्बन सिंक के तहत पेड़-पौधे वायुमंडल से कार्बन यौगिकों को सोखते हैं और उनका भंडारण करते हैं. राष्ट्रपति ने कहा, 'हाथी हमारा राष्ट्रीय विरासत जंतु है और इसकी रक्षा करके हम अपनी राष्ट्रीय धरोहर की रक्षा कर रहे हैं.' हाथी झुंड में रहते हैं और अगर उनमें से किसी पर मुसीबत आती है तो अन्य सदस्य उससे उबरने में उसकी मदद करते हैं. उन्होंने कहा 'यह कुछ ऐसा है जो मनुष्यों को भी सीखना चाहिए.'

ऑस्कर पुरस्कार विजेता लघुफिल्म 'एलिफेंट व्हिस्परर्स' का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय को प्रकृति, पक्षियों और जानवरों से गहरा लगाव है. उन्होंने कहा, 'मुझे भी बचपन से हाथियों से लगाव रहा है और जब मैंने बेली और बोमन (डॉक्यूमेंट्री के पात्र) को अनाथ हाथियों की देखभाल करते देखा, तो मुझे उन पर गर्व महसूस हुआ.' मुर्मू ने कहा, 'जो बात मेरे दिल को छू गई वह ये है कि वे हमेशा नंगे पांव जंगलों में प्रवेश करते थे और आज जब मैंने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में जीप से सफारी की, तो अधिकारियों और गार्ड ने मुझे बताया कि वे भी जंगलों का समान रूप से सम्मान करते हैं.'

  • President Droupadi Murmu inaugurated the Gaj Utsav 2023 at the Kaziranga National Park, Assam. The President said that protecting elephants is an important part of our national responsibility to preserve our national heritage. https://t.co/P5mCP9WZ0v pic.twitter.com/VMNXjZ1jtF

    — President of India (@rashtrapatibhvn) April 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने कहा कि असम में देश में हाथियों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है और पालतू हाथियों की भी काफी संख्या है. मुर्मू ने कहा, 'इसलिए, यह निस्संदेह सही जगह है जहां 'गज उत्सव' आयोजित किया जाना चाहिए...प्रकृति भी उत्सव के अवसरों से जुड़ी हुई है और असम का 'बिहू' पर्व इसका एक उदाहरण है.' इस अवसर पर असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा भी उपस्थित थे.

राष्ट्रपति मुर्मू ने असम पर्वतारोहण संघ के कंचनजंघा अभियान को झंडा दिखाकर रवाना किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने असम पर्वतारोहण संघ की टीम के नेतृत्वकर्ता को राष्ट्रीय ध्वज और बर्फ पर चढ़ने के लिए इस्तेमाल होने वाली कुल्हाड़ी (आईस एक्स बेटन) सौंपकर 'माउंट कंचनजंघा' अभियान 2023 को हरी झंडी दी. असम दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति ने मानस बरूआ की अगुआई वाली सात सदस्यीय टीम को शुभकामनायें दी जो दुनिया के तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत की चढ़ाई का प्रयास करेगी. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि यह अभियान सफल रहेगा और भविष्य में कई पर्वतारोहियों को ऊंचे पर्वतों पर चढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा.'

न्याय सुनिश्चित करने की विशिष्ट पहचान रही है गुवाहाटी उच्च न्यायालय की: मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छह दशक से भी अधिक समय तक सात पूर्वोत्तर राज्यों की अत्यंत संवेदनशीलता और जिम्मेदारी से सेवा करने और क्षेत्र के विविध समुदायों के पारंपरिक कानूनों को बरकरार रखते हुए न्याय सुनिश्चित करने के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय की सराहना की. मुर्मू ने यहां गुवाहाटी उच्च न्यायालय के 'प्लेटिनम जुबली' समारोह में कहा कि यह (उच्च न्यायालय) 1948 में अपनी स्थापना के बाद से अपने काम के लिए भारत के न्यायिक परिदृश्य में एक अद्वितीय स्थान रखता है और इसके अधिकार क्षेत्र में अब भी चार राज्य हैं.

उन्होंने कहा, 'यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय अपने अधिकार क्षेत्र के तहत कुछ राज्यों में चल रहे प्रथागत कानूनों को बरकरार रखता है. स्वदेशी लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए, इस अदालत ने इस क्षेत्र में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लोकाचार को बढ़ाने में मदद की है.' राष्ट्रपति ने कहा कि पूर्वोत्तर को उपयुक्त रूप से 'अष्टलक्ष्मी' कहा गया है, क्योंकि विविध समुदाय इस क्षेत्र में ऐतिहासिक रूप से एक साथ रहते हैं.

  • I congratulate all individuals associated with the Gauhati High Court on the occasion of completion of 75 years of its service to justice and jurisprudence. pic.twitter.com/anz3F4Uvyc

    — President of India (@rashtrapatibhvn) April 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुर्मू ने कहा, 'परिणामस्वरूप, इसमें समृद्ध जातीय और भाषाई विविधता है. ऐसी स्थिति में, संस्थानों को बहुत अधिक संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की आवश्यकता है, क्योंकि अलग-अलग परंपराएं और कानून इस क्षेत्र के लोगों के जीवन को नियंत्रित करते हैं.' उन्होंने कहा कि भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में लागू होने वाले कानून अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन पूरे क्षेत्र का संचालन एक सामान्य उच्च न्यायालय द्वारा किया जाता है.

राष्ट्रपति ने कहा, 'न्याय में सामाजिक और आर्थिक, दोनों प्रकार का न्याय शामिल है. इसे सार्थक बनाना हर पीढ़ी का कर्तव्य बन जाता है. हमारे समय में, हमें पारिस्थितिक न्याय के प्रति संवेदनशील होना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'पर्यावरण के क्षेत्र में आई गिरावट ने दुनिया भर के कई समुदायों के साथ बहुत अन्याय किया है. हमें अन्य प्रजातियों के साथ-साथ संपूर्ण पारिस्थितिकी के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है, क्योंकि समग्र रूप से मानव जाति ने प्रकृति के साथ अभूतपूर्व नुकसान किया है.' उन्होंने कहा कि न्याय सभी के लिए सुलभ होना चाहिए, लेकिन कीमत एक बाधा है, इसलिए नि:शुल्क कानूनी परामर्श की पहुंच का विस्तार करते रहने की आवश्यकता है.

  • President Droupadi Murmu graced the function organised to mark the completion of 75 years of the Gauhati High Court. On the occasion, she also launched a mobile app ‘Bhoroxa’ made for the safety of women and elderly people.https://t.co/DP2R6M5LbK pic.twitter.com/QuZ3HHHj2U

    — President of India (@rashtrapatibhvn) April 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुर्मू ने कहा कि न्याय की भाषा भी एक बाधा है, लेकिन उच्चतर न्यायपालिका ने कई क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले उपलब्ध कराने शुरू कर दिए हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि न्यायिक प्रशासन में प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका ने कई समस्याओं का हल किया है. उन्होंने कहा कि इन समस्याओं ने लंबे समय से व्यवस्था को प्रभावित कर रखा था. मुर्मू ने वकीलों एवं कानून के छात्रों से कानूनी क्षेत्र में तकनीकी समाधान खोजने का आग्रह किया, जो जरूरतमंद गरीबों और पीड़ितों की मदद कर सके.

उन्होंने कहा कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने कई कानूनी दिग्गज पैदा करके अपनी एक अलग पहचान बनाई है और कई ऐतिहासिक फैसले दिये हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि यह भविष्य में भी इसी तरह से लोगों की सेवा करता रहेगा. मुर्मू ने कहा कि 75 साल की अवधि इतिहास में एक मामूली समय जैसा होता है, लेकिन यह वास्तव में व्यक्तियों और उनके द्वारा बनाये गये संस्थानों के लिए एक लंबा समय है. राष्ट्रपति ने संकट में महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए बनाया गया एक मोबाइल ऐप 'भोरोक्सा' की भी शुरुआत की.

ये भी पढ़ें - President In Assam: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची असम के तीन दिवसीय दौरे पर, सुखोई-30 में भरेंगी उड़ान

(पीटीआई-भाषा)

गुवाहाटी : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने हाथियों के साथ करुणापूर्ण व्यवहार करने और उनके (हाथियों के) गलियारों को निर्बाध रखने का लोगों से शुक्रवार को आग्रह किया, ताकि यह वन्य जीव सुगमता से आवाजाही कर सके. मुर्मू ने कहा कि मानव-हाथी संघर्ष (एचईसी) का गहन विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट होता है कि हाथियों के प्राकृतिक मार्गों में रुकावटें हैं और 'मानव इसके लिए जिम्मेदार है.'

राष्ट्रपति ने अपनी असम यात्रा के दूसरे दिन यहां 'गज उत्सव-2023' के उद्घाटन के मौके पर कहा, 'हाथी बुद्धिमान और दयालु जानवर होते हैं और लोगों को उनके साथ करुणापूर्ण व्यवहार करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि एचईसी से निपटना 'प्रोजेक्ट एलीफेंट' का उद्देश्य और चुनौती दोनों है. इस परियोजना के 30 साल पूरे हो रहे हैं. मुर्मू ने कहा, 'हाथियों के मार्गों का संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है क्योंकि ये 'कार्बन सिंक' के रूप में काम कर सकते हैं और लोगों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकते हैं.'

  • Assam | President Droupadi Murmu feeds an elephant at Kaziranga National Park before inaugurating the Gaj Utsav 2023 earlier today. pic.twitter.com/o0LfLewGbz

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कार्बन सिंक के तहत पेड़-पौधे वायुमंडल से कार्बन यौगिकों को सोखते हैं और उनका भंडारण करते हैं. राष्ट्रपति ने कहा, 'हाथी हमारा राष्ट्रीय विरासत जंतु है और इसकी रक्षा करके हम अपनी राष्ट्रीय धरोहर की रक्षा कर रहे हैं.' हाथी झुंड में रहते हैं और अगर उनमें से किसी पर मुसीबत आती है तो अन्य सदस्य उससे उबरने में उसकी मदद करते हैं. उन्होंने कहा 'यह कुछ ऐसा है जो मनुष्यों को भी सीखना चाहिए.'

ऑस्कर पुरस्कार विजेता लघुफिल्म 'एलिफेंट व्हिस्परर्स' का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय को प्रकृति, पक्षियों और जानवरों से गहरा लगाव है. उन्होंने कहा, 'मुझे भी बचपन से हाथियों से लगाव रहा है और जब मैंने बेली और बोमन (डॉक्यूमेंट्री के पात्र) को अनाथ हाथियों की देखभाल करते देखा, तो मुझे उन पर गर्व महसूस हुआ.' मुर्मू ने कहा, 'जो बात मेरे दिल को छू गई वह ये है कि वे हमेशा नंगे पांव जंगलों में प्रवेश करते थे और आज जब मैंने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में जीप से सफारी की, तो अधिकारियों और गार्ड ने मुझे बताया कि वे भी जंगलों का समान रूप से सम्मान करते हैं.'

  • President Droupadi Murmu inaugurated the Gaj Utsav 2023 at the Kaziranga National Park, Assam. The President said that protecting elephants is an important part of our national responsibility to preserve our national heritage. https://t.co/P5mCP9WZ0v pic.twitter.com/VMNXjZ1jtF

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उन्होंने कहा कि असम में देश में हाथियों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है और पालतू हाथियों की भी काफी संख्या है. मुर्मू ने कहा, 'इसलिए, यह निस्संदेह सही जगह है जहां 'गज उत्सव' आयोजित किया जाना चाहिए...प्रकृति भी उत्सव के अवसरों से जुड़ी हुई है और असम का 'बिहू' पर्व इसका एक उदाहरण है.' इस अवसर पर असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा भी उपस्थित थे.

राष्ट्रपति मुर्मू ने असम पर्वतारोहण संघ के कंचनजंघा अभियान को झंडा दिखाकर रवाना किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने असम पर्वतारोहण संघ की टीम के नेतृत्वकर्ता को राष्ट्रीय ध्वज और बर्फ पर चढ़ने के लिए इस्तेमाल होने वाली कुल्हाड़ी (आईस एक्स बेटन) सौंपकर 'माउंट कंचनजंघा' अभियान 2023 को हरी झंडी दी. असम दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति ने मानस बरूआ की अगुआई वाली सात सदस्यीय टीम को शुभकामनायें दी जो दुनिया के तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत की चढ़ाई का प्रयास करेगी. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि यह अभियान सफल रहेगा और भविष्य में कई पर्वतारोहियों को ऊंचे पर्वतों पर चढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगा.'

न्याय सुनिश्चित करने की विशिष्ट पहचान रही है गुवाहाटी उच्च न्यायालय की: मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छह दशक से भी अधिक समय तक सात पूर्वोत्तर राज्यों की अत्यंत संवेदनशीलता और जिम्मेदारी से सेवा करने और क्षेत्र के विविध समुदायों के पारंपरिक कानूनों को बरकरार रखते हुए न्याय सुनिश्चित करने के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय की सराहना की. मुर्मू ने यहां गुवाहाटी उच्च न्यायालय के 'प्लेटिनम जुबली' समारोह में कहा कि यह (उच्च न्यायालय) 1948 में अपनी स्थापना के बाद से अपने काम के लिए भारत के न्यायिक परिदृश्य में एक अद्वितीय स्थान रखता है और इसके अधिकार क्षेत्र में अब भी चार राज्य हैं.

उन्होंने कहा, 'यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय अपने अधिकार क्षेत्र के तहत कुछ राज्यों में चल रहे प्रथागत कानूनों को बरकरार रखता है. स्वदेशी लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए, इस अदालत ने इस क्षेत्र में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लोकाचार को बढ़ाने में मदद की है.' राष्ट्रपति ने कहा कि पूर्वोत्तर को उपयुक्त रूप से 'अष्टलक्ष्मी' कहा गया है, क्योंकि विविध समुदाय इस क्षेत्र में ऐतिहासिक रूप से एक साथ रहते हैं.

  • I congratulate all individuals associated with the Gauhati High Court on the occasion of completion of 75 years of its service to justice and jurisprudence. pic.twitter.com/anz3F4Uvyc

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मुर्मू ने कहा, 'परिणामस्वरूप, इसमें समृद्ध जातीय और भाषाई विविधता है. ऐसी स्थिति में, संस्थानों को बहुत अधिक संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की आवश्यकता है, क्योंकि अलग-अलग परंपराएं और कानून इस क्षेत्र के लोगों के जीवन को नियंत्रित करते हैं.' उन्होंने कहा कि भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में लागू होने वाले कानून अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन पूरे क्षेत्र का संचालन एक सामान्य उच्च न्यायालय द्वारा किया जाता है.

राष्ट्रपति ने कहा, 'न्याय में सामाजिक और आर्थिक, दोनों प्रकार का न्याय शामिल है. इसे सार्थक बनाना हर पीढ़ी का कर्तव्य बन जाता है. हमारे समय में, हमें पारिस्थितिक न्याय के प्रति संवेदनशील होना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'पर्यावरण के क्षेत्र में आई गिरावट ने दुनिया भर के कई समुदायों के साथ बहुत अन्याय किया है. हमें अन्य प्रजातियों के साथ-साथ संपूर्ण पारिस्थितिकी के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता है, क्योंकि समग्र रूप से मानव जाति ने प्रकृति के साथ अभूतपूर्व नुकसान किया है.' उन्होंने कहा कि न्याय सभी के लिए सुलभ होना चाहिए, लेकिन कीमत एक बाधा है, इसलिए नि:शुल्क कानूनी परामर्श की पहुंच का विस्तार करते रहने की आवश्यकता है.

  • President Droupadi Murmu graced the function organised to mark the completion of 75 years of the Gauhati High Court. On the occasion, she also launched a mobile app ‘Bhoroxa’ made for the safety of women and elderly people.https://t.co/DP2R6M5LbK pic.twitter.com/QuZ3HHHj2U

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मुर्मू ने कहा कि न्याय की भाषा भी एक बाधा है, लेकिन उच्चतर न्यायपालिका ने कई क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले उपलब्ध कराने शुरू कर दिए हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि न्यायिक प्रशासन में प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका ने कई समस्याओं का हल किया है. उन्होंने कहा कि इन समस्याओं ने लंबे समय से व्यवस्था को प्रभावित कर रखा था. मुर्मू ने वकीलों एवं कानून के छात्रों से कानूनी क्षेत्र में तकनीकी समाधान खोजने का आग्रह किया, जो जरूरतमंद गरीबों और पीड़ितों की मदद कर सके.

उन्होंने कहा कि गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने कई कानूनी दिग्गज पैदा करके अपनी एक अलग पहचान बनाई है और कई ऐतिहासिक फैसले दिये हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि यह भविष्य में भी इसी तरह से लोगों की सेवा करता रहेगा. मुर्मू ने कहा कि 75 साल की अवधि इतिहास में एक मामूली समय जैसा होता है, लेकिन यह वास्तव में व्यक्तियों और उनके द्वारा बनाये गये संस्थानों के लिए एक लंबा समय है. राष्ट्रपति ने संकट में महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए बनाया गया एक मोबाइल ऐप 'भोरोक्सा' की भी शुरुआत की.

ये भी पढ़ें - President In Assam: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहुंची असम के तीन दिवसीय दौरे पर, सुखोई-30 में भरेंगी उड़ान

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Apr 7, 2023, 10:02 PM IST
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