करनाल: इंद्री कस्बे के चुरनी गांव में दलित शख्स की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. 7 दिन बीत जाने के बाद भी परिजनों ने मृतक प्रेमचंद का अंतिम संस्कार नहीं किया है. परिजनों ने गांव के ही जमींदार पर 50 वर्षीय प्रेमचंद की हत्या का आरोप लगाया है. मृतक के परिजनों का कहना है कि जबतक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक वो शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. शुक्रवार को परिजनों और दलित समुदाय के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एसपी ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया.
आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग: मृतक के परिजन करनाल के एसपी शशांक कुमार से मिलकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करना चाहते थे, लेकिन ऑफिस में नहीं होने की वजह से वो एसपी से नहीं मिल पाए. अब परिजन इस मांग पर अड़े हैं कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक वो मृतक प्रेमचंद के शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. बता दें कि प्रेमचंद के शव का पोस्टमार्टम हो चुका है. उसका शव सात दिन से करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के मोर्चरी हाउस में ही रखा हुआ है.
मेरे पिता की मौत के 7 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है. जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तब तक हम शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. हमारी एक ही शर्त है और वो है आरोपियों की गिरफ्तारी- राहुल, मृतक प्रेमचंद के बेटे
प्रेमचंद के बेटे राहुल ने ईटीवी भारत पर कहा कि मेरे पिता पिछले 10-11 साल से चुरनी गांव के जमींदार पप्पू जागीरदार के घर नौकरी करते थे. रोजाना की तरह उनके पिता 30 जून को सुबह 6 बजे जमींदार के घर नौकरी पर गए. सुबह 7 बजे के करीब राहुल के पास जमींदार का फोन आया. जिसमें जमींदार ने राहुल को कहा कि उसके पिता को चोट लग गई है. इसको यहां से ले जाओ. जब राहुल अपने पिता को लेने जमींदार के घर पहुंचा, तो उसके पिता बेहोशी हालत में थे.
राहुल ने बताया कि उनके पिता के सिर और शरीर पर चोट के निशान थे. जब राहुल ने जमींदार से उनके पिता को अस्पताल पहुंचाने की बात कही, तब जमींदार ने मना कर दिया. जिसके बाद राहुल किसी अन्य वाहन पर अपने पिता को अस्पताल ले गया. जहां से प्रेमचंद को चंडीगढ़ पीजीआई के लिए रेफर कर दिया गया. इलाज के दौरान उसके पिता की मौत हो गई. राहुल ने बताया कि मरने से पहले उनके पिता को होश आया था. जिसमें उन्होंने राहुल को बताया था कि वो चप्पल पहनकर जमींदार के घर चला गया था. जिसके चलते उन्होंने उसकी पिटाई कर दी.
पुलिस इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कर रही. राउंडअप किए गए आरोपियों को अगर रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाए, तो वो सारी सच्चाई बता देंगे. इन दोनों आरोपियों के साथ एक महिला भी शामिल है. जिसको भी पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है. पुलिस जब तक मामले की निष्पक्ष जांच नहीं करेगी और आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करेगी. तब तक वो शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे- किरण पाल, प्रदेश अध्यक्ष, वाल्मीकि सेवादल
राहुल के मुताबिक उसका पिता प्रेमचंद दलित समुदाय से संबंध रखता था और आरोपी सिख समुदाय से है. इसलिए जमींदार को उनके पिता का चप्पल लेकर घर में आना इतना खला कि उसने प्रेमचंद को बेहोश होने तक पीटा. मृतक के परिजनों के ने पप्पू जागीरदार, उसकी पत्नी और उसके पड़ोसी परमिंदर के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी है. तीनों के खिलाफ परिजनों ने प्रेमचंद की हत्या का मामला दर्ज करवाया है. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया. अब मृतक के परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
इस मामले में पूछताछ के लिए दो लोगों को राउंडअप किया गया है. जांच में जो भी सामने आएगा उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी. पुलिस की तरफ से पीड़ित पक्ष को समझाया जा रहा है कि वो मृतक प्रेमचंद का अंतिम संस्कार कर दें. पुलिस अपनी कार्रवाई निष्पक्ष तरीके से करेगी. मामले में जो भी आरोपी हैं, उनको सख्त से सख्त सजा जरूर मिलेगी.- सुभाष चंद्र, डीएसपी, इंद्री