प्रयागराज: संगमनगरी में एक युवक को अपने ही अपहरण का नाटक करके अपने पिता से फिरौती मांगना भारी पड़ गया. फर्जी अपहरण की इस कहानी को सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे. डीसीपी सिटी संतोष कुमार मीणा ने अपहरण की फर्जी घटना का खुलासा करते हुए आरोपी को मीडिया के सामने पेश किया.
प्रयागराज के शिवकुटी इलाके में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभिषेक तिवारी ने शुक्रवार को अंबेडकर नगर में रहने वाले अपने पिता ज्योतिष तिवारी को वाट्सएप कॉल करके बताया कि उसको कुछ लोग काले रंग की कार से उठा लाएं हैं. उन लोगों ने उसे किसी सुनसान इलाके में रखा है. इसके बाद ज्योतिष तिवारी से दो लाख रुपये की मांग की गई. दूसरी बार कॉल करके 2 लाख रुपये न देने पर बेटे को जान से मारने की धमकी भी दी गई. इसके बाद पिता ने प्रयागराज पहुंचकर बेटे का पता लगाने की कोशिश की. लेकिन, कोई जानकारी न मिलने पर उन्होंने पुलिस से शिकायत की.
दिनदहाड़े अपहरण की सूचना पर पुलिस सक्रिय हुई और मामले की जांच में क्राइम ब्रांच को भी लगाया गया. जल्द ही पुलिस मामले को सुलझाने के करीब पहुंच गई. इसके बाद पुलिस सर्विलांस की मदद से अभिषेक तिवारी तक पहुंच गई. फिर अभिषेक ने पुलिस को बताया कि क्यों उसको अपने ही अपहरण का फर्जी ड्रॉमा करना पड़ा और मजबूरी में पिता से 2 लाख की रंगदारी मांगनी पड़ी.
खुद के अपहरण का नाटक करके प्रतापगढ़ जिले में छिपे हुए अभिषेक तिवारी के पास जब पुलिस पहुंची तो वो अकेले मिला. उसके पास कोई अपहरणकर्ता नहीं था. पकड़े जाने के बाद पुलिस को अभिषेक ने बताया कि उसकी दोस्ती फेसबुक पर अंकिता शर्मा नाम की लड़की से हुई. इसके बाद लड़की ने जल्द ही उसका वाट्सएप नंबर लिया और उस पर वीडियो कॉल कर दी. वीडियो कॉल करने वाली लड़की नग्न अवस्था में थी. उसको अचानक देखकर अभिषेक डर गया और कॉल काट दी. लेकिन, तब कुछ समय का वीडियो दूसरी तरफ से रिकॉर्ड किया जा चुका था.
वीडियो को सोशल मीडिया पर वॉयरल करके अभिषेक को बदनाम करने की धमकी दी गई. अभिषेक ने बदनामी के डर से ब्लैकमेलर को 30 हजार रुपये दे दिए. इसके बाद फिर कॉल आई और फोन करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और लगातार पैसे की मांग करने लगे. मजबूरी में अभिषेक ने अपने ही अपहरण की योजना बनाई और खुद ही प्रयागराज से प्रतापगढ़ जाकर पिता को फोनकर अपहरण का ड्रॉमा करते हुए 2 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. पुलिस ने अभिषेक से पूरे मामले की जानकारी हासिल कर ली. इसके साथ ही पुलिस ने उस ब्लैकमेल करने वाले नंबर को ले लिया और उसके खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया.
डीसीपी सिटी संतोष कुमार मीणा ने बताया कि इस तरह से कोई भी ब्लैकमेल करने वाली कॉल से डरे और घबराए नहीं. बल्कि अपने नजदीकी पुलिस थाने में जाकर सूचना दें और उस नंबर से कॉल करके ब्लैकमेल करने वाले को पकड़वाने में पुलिस की मदद करें.
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