नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'गहरे समुद्र मिशन' (Deep Ocean Mission) को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी, जिससे समुद्री संसाधनों की खोज और समुद्री प्रौद्योगिकी के विकास में मदद मिलेगी. इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) उर्वरक पर प्रति बैग 700 रुपये सब्सिडी बढ़ाई, इससे सरकारी खजाने पर 14,775 करोड़ रुपये का बोझ आयेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता की हुई आर्थिक मामलों संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि गहरे समुद्र के तले एक अलग ही दुनिया है. पृथ्वी का 70 प्रतिशत हिस्सा समुद्र है. उसके बारे में अभी बहुत अध्ययन नहीं हुआ है.
उन्होंने बताया कि सीसीईए ने 'गहरे समुद्र संबंधी मिशन' को मंजूरी प्रदान कर दी है. इससे एक तरफ ब्लू इकोनॉमी को मजबूती मिलेगी साथ ही समुद्री संसाधनों की खोज और समुद्री प्रौद्योगिकी के विकास में मदद मिलेगी.
जावड़ेकर ने बताया कि समुद्र में 6000 मीटर नीचे कई प्रकार के खनिज हैं. इन खनिजों के बारे में अध्ययन नहीं हुआ है. इस मिशन के तहत खनिजों के बारे में अध्ययन एवं सर्वेक्षण का काम किया जायेगा.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा जलवायु परिवर्तन एवं समुद्र के जलस्तर के बढ़ने सहित गहरे समुद्र में होने वाले परिवर्तनों के बारे में भी अध्ययन किया जायेगा.
मंत्री ने बताया कि गहरे समुद्र संबंधी मिशन के तहत जैव विविधता के बारे में भी अध्ययन किा जायेगा.
उन्होंने बताया कि इसके तहत समुद्रीय जीव विज्ञान के बारे में जानकारी जुटाने के लिये उन्नत समुद्री स्टेशन (एडवांस मरीन स्टेशन) की स्थापना की जायेगी. इसके अलावा थर्मल एनर्जी का अध्ययन किया जायेगा.
जावड़ेकर ने बताया कि इस बारे में अभी दुनिया के पांच देशों अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान, चीन के पास ही प्रौद्योगिकी. ऐसी प्रौद्योगिकी मुक्त रूप से उपलब्ध नहीं है. ऐसे में इस मिशन से खुद प्रौद्योगिकी के विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा.
सरकार संसद में अंतर्देशीय जहाज विधेयक पेश करेगी
केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि सरकार नदियों में जहाजों की सुरक्षा, पंजीकरण एवं सुगम परिचालन सुनिश्चित करने के लिये संसद में अंतर्देशीय जहाज विधेयक पेश करेगी.
उन्होंने बताया कि नदी में परिचालन करने वाले जहाजों का पंजीकरण एवं परिचालन संबंधी व्यवस्था अभी भारतीय जहाज अधिनियम के दायरे में आती है. यह कानून 1917 में बनाया गया था और काफी पुराना हो गया.
उन्होंने बताया कि उस समय सभी राज्यों के अपने अपने नियमन थे. एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए मंजूरी लेनी पड़ती थी. इससे समस्या पैदा होती थी.
मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने अब तक 4000 किलोमीटर अंतर्देशीय जलमार्ग का विकास किया है. अब इनमें जहाजों की सुरक्षा, पंजीकरण एवं सुगम परिचालन के लिये नया कानून बनाया जायेगा. उन्होंने बताया कि इसके लिये संसद में अंतर्देशीय जहाज विधेयक पेश किया जायेगा.
सरकार ने डीएपी पर सब्सिडी बढ़ाई
मांडविया ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के लिए के महत्वपूर्ण फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने वर्ष 2021-22 के लिए फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों के लिए 'पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दर' के निर्धारण के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी.
सरकार ने डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) उर्वरक पर प्रति बैग 700 रुपये सब्सिडी बढ़ाई, इससे सरकारी खजाने पर 14,775 करोड़ रुपये का बोझ आयेगा. बता दें कि डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) उर्वरक पर प्रति बैग 500 रुपये सब्सिडी थी.
यह भी पढ़ें- पशुपति पारस गलत तरीके से चुने गए, भविष्य में लड़ेंगे कानून लड़ाई : चिराग