पटना: स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर बिहार के पटना जिले का नगर निगम भले ही शहर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने में लगा हुआ हो. लोग शहर को गंदा न करें इसके लिए नाटक के जरिए आम लोगों में जागरूकता फैलाई जा रही है. शहर में आम लोगों द्वारा लगाए गए पोस्टर को भी निगम प्रशासन ने हटवा दिया था. लेकिन नेताजी के पोस्टर शहर की सूरत बिगाड़ने में लए हुए हैं. स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में सुधार कैसे होगा, अब इसको लेकर निगम प्रशासन काफी चिंतित दिख रहा है.
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कई योजनाओं पर चल रहा है काम
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में भी पटना नगर निगम पीछे था. या यूं कहें, केंद्र सरकार द्वारा जो सर्वेक्षण को लेकर रिपोर्ट आई थी उसमें पटना 47 वें नंबर पर था. जिसे नगर निगम की काफी किरकिरी हुई थी. लेकिन 2021 में स्वच्छता सर्वेक्षण सर्वे में पटना बेहतर रैंक ला सके इसके लिए निगम प्रशासन के तरफ से कई सारी योजनाओं पर कार्य किए गए और कई कार्य किए जा रहे हैं.
लोगों को किया जा रहा है जागरूक
साथ ही लोगों के बीच जागरूकता फैलाने को लेकर भी कार्य किए जा रहे हैं. ताकि 2021 में भारत सरकार द्वारा जो सर्वे रिपोर्ट आए, उसमें पटना बेहतर कर सके. लेकिन बिहार की राजधानी पटना की सड़कों पर जिस तरह से राजनीतिक दलों द्वारा पोस्टर लगाए गए हैं, इससे निगम प्रशासन रैंक को लेकर उम्मीद छोड़ दी है कि उनकी रैंक बेहतर हो सकती है. विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा लगाए गए पोस्टर को लेकर जब ईटीवी भारत ने निगम प्रशासन के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो अधिकारियों ने कैमरे के सामने कुछ बोलने से इनकार कर दिया.
सड़क को पोस्टर से पाट देना दुर्भाग्य की बात
स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने बताया कि नगर विकास विभाग से हमें जितना अधिकार मिला है, हम उन अधिकारों को लेकर जितना बन सके कार्रवाई करते हैं. लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि पटना शहर में राजनीतिक दलों द्वारा सड़क किनारे चौराहों पर पोस्टर से पाट दिया जाता है और हम उन पर कुछ कार्रवाई नहीं कर सकते. हमारा शहर स्वच्छता सर्वेक्षण में भाग ले रहा है. ऐसे में सरकार को इन सभी बिंदुओं पर ध्यान देने की जरूरत है. नगर विकास विभाग से वह हमें अधिकार नहीं मिला है, जिससे हम राजनीतिक दलों के ऊपर कोई कार्रवाई करें या उन्हें फाइन करें.
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नगर विकास विभाग होगा जवाबदेह
स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में यदि पटना नगर निगम इस बार फिर फिसड्डी हो जाता है, तो इसका जवाबदेह कौन होगा? इस सवाल को लेकर स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी बताते हैं कि इसका जवाबदेह सिर्फ नगर विकास विभाग ही होगा. क्योंकि जब भी नगर निगम द्वारा कोई कार्य होता है, उसमें यदि कुछ बेहतर हो जाता है तो सरकार उसका श्रेय लेने में जुट जाती है. और यदि कुछ कमी रह जाती है तो निगम प्रशासन पर जवाबदेही मढ़ दी जाती है.