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चुनाव बाद हिंसा : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने विस्थापितों को घर भेजने का दिया आदेश

पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों को वापस घर भेजने के लिए हाई कोर्ट ने कदम उठाने को कहा है. अदालत ने ये आदेश जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया.

कलकत्ता उच्च न्यायालय
कलकत्ता उच्च न्यायालय
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Published : Jun 5, 2021, 2:06 AM IST

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा से कथित रूप से विस्थापित हुए लोगों को शिकायत मिलते ही तुरंत उनके घरों को वापस भेजने के लिए कदम उठाएं.

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की वजह से राज्य में विस्थापित हुए लोगों के मुद्दे पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पांच न्यायाधीशों की पीठ ने निर्देश दिया कि प्रभावित लोग गृह सचिव द्वारा जारी ई-मेल पते पर राज्य सरकार से शिकायत कर सकते हैं.

पीठ ने निर्देश में कहा, 'पश्चिम बंगाल राज्य के अलग अलग जिलों संबंधित व्यक्तियों से शिकायत प्राप्त होते ही संबंधित प्राधिकार तुरंत उनके पुनर्वास के लिए उचित कदम उठाए और अदालत को अगली सुनवाई में इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करे.'

पीठ में ये जज शामिल
अदालत इस मामले की सुनवाई 11 जून को करेगी. मामले को सुन रही पीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार शामिल थे.

पढ़ें- सितंबर-अक्टूबर में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, कैसे बचें ?

पीठ ने कहा कि अगर अधिकारी आदेश का अनुपालन में असफल होते हैं तो अदालत को उनकी घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने पड़ेंगे.

(पीटीआई-भाषा)

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा से कथित रूप से विस्थापित हुए लोगों को शिकायत मिलते ही तुरंत उनके घरों को वापस भेजने के लिए कदम उठाएं.

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की वजह से राज्य में विस्थापित हुए लोगों के मुद्दे पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पांच न्यायाधीशों की पीठ ने निर्देश दिया कि प्रभावित लोग गृह सचिव द्वारा जारी ई-मेल पते पर राज्य सरकार से शिकायत कर सकते हैं.

पीठ ने निर्देश में कहा, 'पश्चिम बंगाल राज्य के अलग अलग जिलों संबंधित व्यक्तियों से शिकायत प्राप्त होते ही संबंधित प्राधिकार तुरंत उनके पुनर्वास के लिए उचित कदम उठाए और अदालत को अगली सुनवाई में इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करे.'

पीठ में ये जज शामिल
अदालत इस मामले की सुनवाई 11 जून को करेगी. मामले को सुन रही पीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार शामिल थे.

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पीठ ने कहा कि अगर अधिकारी आदेश का अनुपालन में असफल होते हैं तो अदालत को उनकी घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने पड़ेंगे.

(पीटीआई-भाषा)

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