नई दिल्ली : जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि जनसंख्या नियंत्रण किसी जाति या समुदाय के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक चुनौती है और सभी को मिल कर इसका समाधान निकालना होगा. यहां ईटीवी भारत की पत्रकार से चर्चा में बातचीत के दौरान कहा, "जनसंख्या विस्फोट मजहब की नहीं, मुल्क की मुसीबत है. मजहब को सुरक्षा कवच बनाकर इस मुसीबत को और बढ़ाना ना देश के हित में है और ना ही समाज के हित में."
पूर्व केंद्रीय मंत्री संयुक्त राष्ट्र संघ की उस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2023 में भारत दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा. नकवी ने कहा कि जनसंख्या विस्फोट को कोई भी देश या व्यवस्था ना तो नजरअंदाज कर सकती है और ना ही उसे बर्दाश्त कर सकती है. उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण जाति व समुदाय के लिए नहीं बल्कि देश के लिए एक चुनौती है और हम सब को मिल कर इसके समाधान का रास्ता चुनना होगा. दुनिया के तमाम देशों द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के प्रभावी उपायों के सकारात्मक परिणाम आये हैं. उन देशों के लोगों द्वारा जनसंख्या नियंत्रण में सरकारों और व्यवस्था को पूरा साथ दिया गया है.
इस सवाल पर कि जनसंख्या नियंत्रण पर मुख्यमंत्री के दिए गए बयान के बाद एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और कई तमाम विपक्षी दलों ने इसकी आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि जनसंख्या विस्फोट कहीं नहीं है और उस पर नियंत्रण करना लोकतंत्र में सही नहीं है. इस पर नकवी ने कहा कि कुछ लोग अल्लाह की मेहरबानी के बहाने, अनलिमिटेड परेशानी के ठिकाने बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पर जरूरत है लोगों को जागरूक करने की. कोई भी कानून बने उससे ज्यादा जरूरी है, बड़ी सोच की और बड़ी सोच से ही लोगों को जागरूक किया जा सकता है. जरूरत है सभी राजनीतिक दलों के बीच आम राय बनाने की. जहां तक सवाल है यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट का, वह एक संवैधानिक व्यवस्था है और उस पर सरकार को निर्णय लेना है.