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तीरथ सिंह रावत के वायरल होते बयान पर सियासत गरमाई, कांग्रेस ने घेरा

उत्तराखंड के पूर्व सीएम तीरथ रावत का सोशल मीडिया पर कमीशनखोरी को लेकर दिया बयान वायरल हो गया है, जिससे सियासत तेज हो गई है. उन्होंने अपने बयान में बिना परसेंटेज के काम न होने की बात कही है. जिस पर कांग्रेस भी हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि तीरथ रावत ने जो मुद्दा उठाया है, उसका कर्ताधर्ता कौन है?

तीरथ के बयान पर सियासत गर्म.
तीरथ के बयान पर सियासत गर्म.
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Published : Nov 13, 2022, 6:13 PM IST

Updated : Nov 13, 2022, 9:07 PM IST

देहरादूनः सोशल मीडिया में पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के एक बयान से सूबे में सियासत गर्म हो गई है. उन्होंने विभिन्न विभागों में चल रही कमीशनखोरी को लेकर बयान दिया है. जो काफी सुर्खियों में है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कहीं पर भी बिना परसेंटेज के काम नहीं होता है. वहीं, तीरथ रावत के बयान के बाद कांग्रेस को भी बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है. कांग्रेस ने भी उनके बयान का समर्थन करते हुए सरकार पर निशाना साधा है.

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कहीं भी बिना परसेंटेज के काम नहीं होता है. उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए भी इस बात को कहा था कि उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद हमें कमीशनखोरी को त्याग कर जीरो पर आना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य यह रहा कि जब उत्तर प्रदेश के समय जीरो से लेकर 20 तक परसेंटेज आता था. तब जल निगम, जल संस्थान, पीडब्ल्यूडी विभाग में परसेंटेज की बात सुना करते थे.

तीरथ सिंह रावत के वायरल होते बयान पर सियासत गरमाई.

उत्तराखंड बनने के बाद हमें कमीशन को लेकर जीरो होना चाहिए था, लेकिन इसके ठीक उलट उत्तर प्रदेश के समय जहां 20% कमीशन हुआ करता था, लेकिन उत्तराखंड में हमने 20% से शुरुआत की और यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हमें इस मानसिकता को बदलना होगा. इसके लिए अधिकारी और जनप्रतिनिधि को भी सोचना पड़ेगा. हम अधिकारियों को तो दंडित करते हैं, लेकिन उसके पीछे जो जनप्रतिनिधि बच जाता है. ऐसे में दोनों दोषी हैं.

ये भी पढ़ेंः कांग्रेसियों ने घेरा स्मार्ट सिटी कार्यालय, अफसरों पर लगाया कमीशनखोरी का आरोप

कांग्रेस का हमलाः इधर, तीरथ सिंह रावत के बयान (Tirath Singh Rawat Commission Statement) के बाद कांग्रेस को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है. कांग्रेस का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह स्वीकार किया है कि उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद इन 22 सालों में उत्तराखंड में कमीशनखोरी काफी बढ़ गई है. उत्तराखंड में आम आदमी को छोटे से छोटा काम कराने के लिए भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

कांग्रेस ने उनके बयान का समर्थन करते हुए कहा कि तीरथ सिंह रावत को प्रदेश और शीर्ष नेतृत्व से पहल करनी होगी, ताकि प्रदेश में चल रहे भ्रष्टाचार पर लगाम (Corruption in Uttarakhand) लगाई जा सके. कांग्रेस ने यह भी सवाल उठाया है कि तीरथ सिंह रावत ने जो मुद्दा उठाया है, उसका कर्ताधर्ता कौन है? ऐसे में इस भ्रष्टाचार की जड़ को कौन हटाएगा और कौन मिटाएगा?

देहरादूनः सोशल मीडिया में पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के एक बयान से सूबे में सियासत गर्म हो गई है. उन्होंने विभिन्न विभागों में चल रही कमीशनखोरी को लेकर बयान दिया है. जो काफी सुर्खियों में है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कहीं पर भी बिना परसेंटेज के काम नहीं होता है. वहीं, तीरथ रावत के बयान के बाद कांग्रेस को भी बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है. कांग्रेस ने भी उनके बयान का समर्थन करते हुए सरकार पर निशाना साधा है.

दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कहीं भी बिना परसेंटेज के काम नहीं होता है. उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए भी इस बात को कहा था कि उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद हमें कमीशनखोरी को त्याग कर जीरो पर आना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य यह रहा कि जब उत्तर प्रदेश के समय जीरो से लेकर 20 तक परसेंटेज आता था. तब जल निगम, जल संस्थान, पीडब्ल्यूडी विभाग में परसेंटेज की बात सुना करते थे.

तीरथ सिंह रावत के वायरल होते बयान पर सियासत गरमाई.

उत्तराखंड बनने के बाद हमें कमीशन को लेकर जीरो होना चाहिए था, लेकिन इसके ठीक उलट उत्तर प्रदेश के समय जहां 20% कमीशन हुआ करता था, लेकिन उत्तराखंड में हमने 20% से शुरुआत की और यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हमें इस मानसिकता को बदलना होगा. इसके लिए अधिकारी और जनप्रतिनिधि को भी सोचना पड़ेगा. हम अधिकारियों को तो दंडित करते हैं, लेकिन उसके पीछे जो जनप्रतिनिधि बच जाता है. ऐसे में दोनों दोषी हैं.

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कांग्रेस का हमलाः इधर, तीरथ सिंह रावत के बयान (Tirath Singh Rawat Commission Statement) के बाद कांग्रेस को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है. कांग्रेस का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह स्वीकार किया है कि उत्तर प्रदेश से अलग होने के बाद इन 22 सालों में उत्तराखंड में कमीशनखोरी काफी बढ़ गई है. उत्तराखंड में आम आदमी को छोटे से छोटा काम कराने के लिए भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

कांग्रेस ने उनके बयान का समर्थन करते हुए कहा कि तीरथ सिंह रावत को प्रदेश और शीर्ष नेतृत्व से पहल करनी होगी, ताकि प्रदेश में चल रहे भ्रष्टाचार पर लगाम (Corruption in Uttarakhand) लगाई जा सके. कांग्रेस ने यह भी सवाल उठाया है कि तीरथ सिंह रावत ने जो मुद्दा उठाया है, उसका कर्ताधर्ता कौन है? ऐसे में इस भ्रष्टाचार की जड़ को कौन हटाएगा और कौन मिटाएगा?

Last Updated : Nov 13, 2022, 9:07 PM IST
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