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दो नेताओं की हत्या के बाद बीजेपी के निशाने पर केरल सरकार

केरल में दो नेताओं की हत्या के बाद सियासत गर्म है. नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर जारी है. बीजेपी समेत तमाम विपक्षी दल केरल सरकार पर हमलावर हैं और पी विजयन सरकार को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं.

bjp on kerala govt
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Published : Dec 19, 2021, 9:06 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल के तटीय अलप्पुझा जिले में दो अलग-अलग पार्टी के नेताओं (sdpi and bjp leader murder in kerala) की हत्या कर दी गई. इनमें एक सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के नेता जबकि दूसरे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता थे. जिसके बाद जिले में धारा 144 लगा दी गई. राज्य में सियासत का दौर शुरू हो गया है और निशाने पर केरल की विजयन सरकार है.

बीजेपी के निशाने पर सरकार

केंद्रीय विदेश और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने भाजपा नेता की हत्या को शर्मनाक करार देते हुए यहां संवाददाताओं से कहा कि अगर एसडीपीआई नेता की हत्या के बाद पुलिस ने उचित कदम उठाए होती तो स्थिति वर्तमान स्तर तक नहीं जाती. उन्होंने कहा कि श्रीनिवास की हत्या एसडीपीआई नेता की हत्या के बाद राज्य सरकार और पुलिस द्वारा एहतियाती या निवारक कदम उठाने में विफलता का परिणाम है. मुरलीधरन ने यह भी कहा कि उन्हें मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा नेता की हत्या के पीछे एसडीपीआई का हाथ है.

उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया कि एसडीपीआई नेता की मौत के पीछे आरएसएस का हाथ था. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में प्रभुत्व के लिए सीपीएम और एसडीपीआई के बीच संघर्ष था और पुलिस को इस संबंध में जांच करनी चाहिए कि कौन इस मामले में भाजपा को फंसाने की कोशिश कर रहा है.

भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि सोशल मीडिया पर आरएसएस की तुलना एसडीपीआई से करने की कोशिश की जा रही है, जो कथित तौर पर इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का राजनीतिक संगठन है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भी पीएफआई का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि राज्य के कई नगर निगमों में माकपा और एसडीपीआई सक्रिय रूप से एक दूसरे का समर्थन कर रहे हैं.

विजयन पर नड्डा ने साधा निशाना

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पार्टी की केरल इकाई के ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) मोर्चा के नेता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या की निंदा करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में केरल अवैध गतिविधियों वाले राज्य में तब्दील होता जा रहा है.

नड्डा ने कहा, ‘‘कट्टरपंथी तत्वों द्वारा की गई ओबीसी मोर्चा के प्रदेश सचिव रंजीत श्रीनिवासन की नृशंस हत्या निंदनीय है. इस प्रकार की कायराना करतूत को सहन नहीं किया जा सकता. केरल मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में गैर-कानूनी राज्य में तब्दील होता जा रहा है. वे अपनी क्रूरता से हमें डरा नहीं सकते.

वार-पलटवार का दौर जारी है

राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को स्थिति का आकलन करना चाहिए और केरल सरकार को बर्खास्त करना चाहिए. उन्होंने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया और दावा किया कि इसके सदस्यों को पाकिस्तान जाना चाहिए क्योंकि वे भारत से अलग होने की मांग कर रहे थे.

दूसरी ओर, कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाले यूडीएफ विपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा और एसडीपीआई दोनों राज्य में अपने लिए एक राजनीतिक जगह बनाने के लिए राज्य में सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा कर रहे हैं और इसलिए राज्य सरकार और केरल के लोगों को ऐसे समूहों से दूर रहना चाहिए.

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि इन समूहों का एजेंडा राज्य को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करना है और वाम सरकार को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

कांग्रेस की केरल इकाई के अध्यक्ष एवं पार्टी सांसद के सुधाकरन ने एक बयान में इस तरह की राजनीतिक हत्याओं के लिए वाम सरकार के एसडीपीआई और आरएसएस के कथित समर्थन को भी जिम्मेदार ठहराया.

मुख्यमंत्री विजयन ने की निंदा

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को इन हत्याओं की निंदा की और कहा कि पुलिस दोषियों और घटना में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए कदम उठाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा के ऐसे जघन्य और अमानवीय कृत्य देश के लिए खतरनाक हैं और लोगों को ऐसे समूहों और उनकी घृणित गतिविधियों से दूर रहना चाहिए.

केरल में एसडीपीआई के प्रदेश सचिव के एस शान पर शनिवार की रात घर लौटते समय बेरहमी से हमला किया गया. शान की पार्टी एसडीपीआई ने आरोप लगाया कि घटना के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का हाथ है.

जल्द होगी आरोपियों की गिरफ्तारी- पुलिस

आईजी हर्षिता अटालूरी ने संवाददाताओं को बताया कि इसके बाद पुलिस ने असामाजिक तत्वों, आम जनता के साथ-साथ भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं सहित लगभग 50 लोगों को हिरासत में लिया है. अधिकारी ने कहा कि हिरासत में लिए गए सभी व्यक्ति अपराधी नहीं हैं और पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि एसडीपीआई नेता पर हमले के तुरंत बाद हरकत में आई पुलिस की ओर से कोई चूक नहीं हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘हम हर घर को सुरक्षा नहीं दे सकते.

उन्होंने कहा कि पुलिस अपराधों के पीछे सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, चाहे वे राजनीतिक लोग हों, असामाजिक तत्व हों या आम लोग हों। उन्होंने कहा कि जिले में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है. अधिकारी ने कहा कि जल्द ही वे हत्याओं के पीछे के मकसद का पता लगा लेंगे.

ये भी पढ़े: केरल में एसडीपीआई नेता और भाजपा पदाधिकारी की हत्या

तिरुवनंतपुरम : केरल के तटीय अलप्पुझा जिले में दो अलग-अलग पार्टी के नेताओं (sdpi and bjp leader murder in kerala) की हत्या कर दी गई. इनमें एक सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के नेता जबकि दूसरे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता थे. जिसके बाद जिले में धारा 144 लगा दी गई. राज्य में सियासत का दौर शुरू हो गया है और निशाने पर केरल की विजयन सरकार है.

बीजेपी के निशाने पर सरकार

केंद्रीय विदेश और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने भाजपा नेता की हत्या को शर्मनाक करार देते हुए यहां संवाददाताओं से कहा कि अगर एसडीपीआई नेता की हत्या के बाद पुलिस ने उचित कदम उठाए होती तो स्थिति वर्तमान स्तर तक नहीं जाती. उन्होंने कहा कि श्रीनिवास की हत्या एसडीपीआई नेता की हत्या के बाद राज्य सरकार और पुलिस द्वारा एहतियाती या निवारक कदम उठाने में विफलता का परिणाम है. मुरलीधरन ने यह भी कहा कि उन्हें मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा नेता की हत्या के पीछे एसडीपीआई का हाथ है.

उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया कि एसडीपीआई नेता की मौत के पीछे आरएसएस का हाथ था. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में प्रभुत्व के लिए सीपीएम और एसडीपीआई के बीच संघर्ष था और पुलिस को इस संबंध में जांच करनी चाहिए कि कौन इस मामले में भाजपा को फंसाने की कोशिश कर रहा है.

भाजपा की केरल इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि सोशल मीडिया पर आरएसएस की तुलना एसडीपीआई से करने की कोशिश की जा रही है, जो कथित तौर पर इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का राजनीतिक संगठन है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भी पीएफआई का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि राज्य के कई नगर निगमों में माकपा और एसडीपीआई सक्रिय रूप से एक दूसरे का समर्थन कर रहे हैं.

विजयन पर नड्डा ने साधा निशाना

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पार्टी की केरल इकाई के ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) मोर्चा के नेता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या की निंदा करते हुए रविवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में केरल अवैध गतिविधियों वाले राज्य में तब्दील होता जा रहा है.

नड्डा ने कहा, ‘‘कट्टरपंथी तत्वों द्वारा की गई ओबीसी मोर्चा के प्रदेश सचिव रंजीत श्रीनिवासन की नृशंस हत्या निंदनीय है. इस प्रकार की कायराना करतूत को सहन नहीं किया जा सकता. केरल मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में गैर-कानूनी राज्य में तब्दील होता जा रहा है. वे अपनी क्रूरता से हमें डरा नहीं सकते.

वार-पलटवार का दौर जारी है

राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को स्थिति का आकलन करना चाहिए और केरल सरकार को बर्खास्त करना चाहिए. उन्होंने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया और दावा किया कि इसके सदस्यों को पाकिस्तान जाना चाहिए क्योंकि वे भारत से अलग होने की मांग कर रहे थे.

दूसरी ओर, कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाले यूडीएफ विपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा और एसडीपीआई दोनों राज्य में अपने लिए एक राजनीतिक जगह बनाने के लिए राज्य में सांप्रदायिक वैमनस्य पैदा कर रहे हैं और इसलिए राज्य सरकार और केरल के लोगों को ऐसे समूहों से दूर रहना चाहिए.

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि इन समूहों का एजेंडा राज्य को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करना है और वाम सरकार को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

कांग्रेस की केरल इकाई के अध्यक्ष एवं पार्टी सांसद के सुधाकरन ने एक बयान में इस तरह की राजनीतिक हत्याओं के लिए वाम सरकार के एसडीपीआई और आरएसएस के कथित समर्थन को भी जिम्मेदार ठहराया.

मुख्यमंत्री विजयन ने की निंदा

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को इन हत्याओं की निंदा की और कहा कि पुलिस दोषियों और घटना में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए कदम उठाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा के ऐसे जघन्य और अमानवीय कृत्य देश के लिए खतरनाक हैं और लोगों को ऐसे समूहों और उनकी घृणित गतिविधियों से दूर रहना चाहिए.

केरल में एसडीपीआई के प्रदेश सचिव के एस शान पर शनिवार की रात घर लौटते समय बेरहमी से हमला किया गया. शान की पार्टी एसडीपीआई ने आरोप लगाया कि घटना के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का हाथ है.

जल्द होगी आरोपियों की गिरफ्तारी- पुलिस

आईजी हर्षिता अटालूरी ने संवाददाताओं को बताया कि इसके बाद पुलिस ने असामाजिक तत्वों, आम जनता के साथ-साथ भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और एसडीपीआई के कार्यकर्ताओं सहित लगभग 50 लोगों को हिरासत में लिया है. अधिकारी ने कहा कि हिरासत में लिए गए सभी व्यक्ति अपराधी नहीं हैं और पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि एसडीपीआई नेता पर हमले के तुरंत बाद हरकत में आई पुलिस की ओर से कोई चूक नहीं हुई है. उन्होंने कहा, ‘‘हम हर घर को सुरक्षा नहीं दे सकते.

उन्होंने कहा कि पुलिस अपराधों के पीछे सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, चाहे वे राजनीतिक लोग हों, असामाजिक तत्व हों या आम लोग हों। उन्होंने कहा कि जिले में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है. अधिकारी ने कहा कि जल्द ही वे हत्याओं के पीछे के मकसद का पता लगा लेंगे.

ये भी पढ़े: केरल में एसडीपीआई नेता और भाजपा पदाधिकारी की हत्या

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