नई दिल्ली: मोदी उपनाम को लेकर मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसद के रूप में अयोग्य घोषित किए गए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी शुक्रवार को अपने आधिकारिक आवास को खाली कर अपना सारा सामान ले गए. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वह 22 अप्रैल को 12, तुगलक लेन बंगला लोकसभा सचिवालय को सौंप देंगे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मोदी उपनाम से संबंधित मामले में टिप्पणी को लेकर गुजरात की एक अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाई गई थी.
सासंद के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के बाद उनसे 22 अप्रैल तक परिसर खाली करने के लिए कहा गया था. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने 14 अप्रैल को अपने कार्यालय और कुछ निजी सामान को बंगले से स्थानांतरित कर दिया था. सूत्रों की माने तो गांधी ने शुक्रवार शाम को अपने बचे हुए सामान को उस बंगले से हटा लिया. यह बंगला उन्हें एक सांसद के रूप में आवंटित किया गया था. एक ट्रक को उनके सामान के साथ इमारत से बाहर जाते हुए भी देखा गया.
जानकारी के लिए बता दें कि वह करीब दो दशक से इस बंगले में रह रहे थे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपना कार्यालय बदलने के बाद, वह पहले से ही अपनी मां और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ उनके 10, जनपथ स्थित आवास पर रहना शुरू कर चुके हैं. गौरतलब है कि सूरत की एक अदालत ने 23 मार्च को गांधी को मानहानि का दोषी ठहराया था और उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद वह सांसद के रूप में अयोग्य घोषित किए गए थे.
उन्होंने सूरत की सत्र अदालत में मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने सजा को रद्द करने की उनकी अपील को खारिज कर दिया था. पार्टी ने कहा है कि सत्र अदालत के आदेश को अगले हफ्ते गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी. लोकसभा सचिवालय ने अयोग्य ठहराए जाने के अगले दिन राहुल गांधी को नोटिस भेजकर उनसे 22 अप्रैल तक बंगला खाली करने को कहा था.
सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी अपना स्वतंत्र कार्यालय स्थापित करने के लिए जगह की तलाश में हैं. कुछ साल पहले प्रियंका गांधी वाड्रा को भी एसपीजी सुरक्षा कवर हटाए जाने के बाद लोधी एस्टेट स्थित बंगला खाली करने के लिए कहा गया था. राहुल गांधी पहली बार 2004 में उत्तर प्रदेश के अमेठी से सांसद चुने गए और 2019 में उन्होंने वायनाड से लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की थी.