नई दिल्ली : एक ओर फिल्म द कश्मीर फाइल्स कमाई में नए रेकॉर्ड बना रही है, वहीं इस पर राजनीति भी गरमा रही है. जब मंगलवार को हुई भाजपा संसदीय दल की बैठक में भी पीएम मोदी ने फिल्म द कश्मीर फाइल्स की तारीफ की तो कांग्रेस ने भी इसी बहाने बीजेपी पर हमला बोल दिया.
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कश्मीरियों के पलायन को लेकर प्रधानमंत्री से पूछा कि जब 1990 में कश्मीरी पंडित आतंक और बर्बरता के साये में पलायन के लिए मजबूर हुए तब बीजेपी के 85 सांसद क्या कर रहे थे? बीजेपी के सांसदों के समर्थन से केंद्र की वी.पी.सिंह सरकार चल रही थी. तब मुख्यमंत्री को हटाकर उनके बिठाए राज्यपाल ने सुरक्षा देने की बजाय पंडितों को पलायन के लिए क्यों उकसाया?
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
जब कश्मीरी पंडित पलायन को मजबूर थे…
जब आपके समर्थन से दिल्ली की सरकार चल रही थी
जब CM को हटाकर आपके नेता श्री जगमोहन गवर्नर थे और उन्होंने जुम्मेवारी से पल्ला झाड़ लिया था…
जब भाजपा और अडवाणी जी “रथ यात्रा” में व्यस्त थे..
उस रथ यात्रा के संचालक-इवेंट मैनेजर मोदी जी थे।
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) March 15, 2022
जब कश्मीरी पंडित पलायन को मजबूर थे…
जब आपके समर्थन से दिल्ली की सरकार चल रही थी
जब CM को हटाकर आपके नेता श्री जगमोहन गवर्नर थे और उन्होंने जुम्मेवारी से पल्ला झाड़ लिया था…
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जब कश्मीरी पंडित पलायन को मजबूर थे…
जब आपके समर्थन से दिल्ली की सरकार चल रही थी
जब CM को हटाकर आपके नेता श्री जगमोहन गवर्नर थे और उन्होंने जुम्मेवारी से पल्ला झाड़ लिया था…
जब भाजपा और अडवाणी जी “रथ यात्रा” में व्यस्त थे..
उस रथ यात्रा के संचालक-इवेंट मैनेजर मोदी जी थे।
रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में कहा कि क्या देश के पीएम, बापू के आदर्शों से लेकर कश्मीरी पंडितों के दर्द तक सब कुछ फ़िल्मों के जिम्मे छोड़ देना चाहते हैं? तथ्यों और सच्चाई से मुंह फेरे मोदी सरकार को आख़िर कब अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होगा? आख़िर कब तक केवल झूठ-नफ़रत-बंटवारे में ही राजनीतिक अवसर तलाशते रहेंगे?
सुरजेवाला ने आरएसएस पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी का पितृ संगठन 1925 में गठन से लेकर 1947 तक देश के स्वतंत्रता आंदोलन और बापू के खिलाफ़ खड़ा रहा. 'असहयोग आंदोलन' हो, 'सविनय अवज्ञा' हो या 'भारत छोड़ो' का देशव्यापी आंदोलन हो…हर बार अंग्रेजों के साथ खड़े रहे. जब देश आज़ाद हुआ तो पहले दिन से 'बांटो और राज करो' अपना लिया.
उन्होंने तब कांग्रेस की ओर से लिए गए स्टैंड के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट किया कि जब 1990 में भाजपा समर्थित सरकार में जब कश्मीरी पंडितों का उत्पीड़न और पलायन हो रहा था तब राजीव गांधी ने संसद का घेराव किया, उनकी आवाज़ उठाई थी. मगर भाजपा ने इस त्रासदी को मौन समर्थन दिया, राजनीतिक फ़ायदे के लिए 'रथ यात्रा' निकालते रहे.
उन्होंने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का मुद्दा उठाते हुए पूछा कि 8 सालों में मोदी सरकार ने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए क्या किया? कश्मीर में फ़िर से हालात बद्तर हुए, हिंसा बढ़ी और हज़ारों कश्मीरियों को पलायन करना पड़ा. जब कश्मीरी पंडितों के लिए कुछ नहीं कर सके तो " फ़िल्म" दिखाने में जुट गए?
उन्होंने कश्मीरी पंडितों के लिए यूपीए सरकार में किए गए काम को गिनवाते हुए मोदी सरकार से तुलना की. उन्होंने दावा किया कि UPA सरकार के दौरान 10 साल में 4241 आतंकी मारे गए. PM पैकेज में 3000 लोगों को नौकरी दी गई और 5911 ट्रांजिट आवास बनाए गए. जबकि मोदी सरकार के 8 साल में 1419 आतंकी मारे गए और सिर्फ 520 लोगों को नौकरी दी गई. इस अवधि में 1000 ट्रांज़िट आवास बनाए. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सिर्फ़ घाव हरा कर फ़ायदा उठाने की कोशिश कर रही है.