चूराचंद्रपुर : मणिपुर के चूराचंद्रपुर जिले में चिंगफी बंकर नंबर एक में ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस उपनिरीक्षक की बुधवार दोपहर को गोली मारकर हत्या कर दी गयी. अधिकारियों ने बताया कि दिन में एक और डेढ़ बजे के बीच एक स्नाइपर ने ओंखोमांग नामक पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी. उन्होंने बताया कि इस घटना में गोली लगने से दो और व्यक्ति घायल भी हुए हैं जिनके बारे में विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है.
इससे एक दिन पहले मंगलवार सुबह कांगपोकपी जिले में अज्ञात व्यक्तियों ने गोली मारकर तीन आदिवासियों की हत्या कर दी थी. उससे पहले आठ सितंबर को टेंगनौपाल जिले के पल्लेल में गोलीबारी में तीन व्यक्तियों की जान चली गयी थी तथा 50 से अधिक घायल हो गये थे. मणिपुर में तीन मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है तथा सैंकड़ों अन्य घायल हुए हैं. अनुसूचित जनजाति दर्जे की मैइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ट्राइबल सोलिडरिटी मार्च निकाले जाने के बाद हिंसा फैली थी.
वहीं हिंसाग्रस्त मणिपुर के इंफाल वेस्ट जिले के एक गांव में अज्ञात बंदूकधारियों ने लोगों पर हमला किया और बम फेंके. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि संदेह है कि हमलावर प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों के सदस्य थे. इंफाल वेस्ट जिला कांगपोकपी से सटा है, जहां एक दिन पहले तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी. अधिकारियों के मुताबिक, कौतरुक गांव में मंगलवार देर रात हथियारबंद लोगों ने कम से कम 10 बम फेंके. हालांकि, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.
अधिकारियों ने बताया कि बम फेंके जाने से गांववालों के बीच अफरा-तफरी मच गई. उन्होंने कहा कि इलाके में तैनात भारतीय रिजर्व बटालियन के जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलीबारी की. इससे पहले, कांगपोकपी जिले के खारम वाईफेई जिले के पास मंगलवार सुबह अज्ञात हथियारबंद लोगों ने आदिवासी समुदाय के तीन सदस्यों की हत्या कर दी थी. संदेह है कि हमलावर प्रतिबंध आतंकवादी समूहों के सदस्य थे.
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(पीटीआई-भाषा)