ETV Bharat / bharat

प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद पंप पर लगा NSA, PDA ने भी घर पर चलाया था बुलडोजर

प्रयागराज हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद पंप की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. गौरतलब है कि अब पुलिस ने जावेद पर एनएसए(NSA) लगाया है.

आरोपी जावेद पंप
आरोपी जावेद पंप
author img

By

Published : Jul 17, 2022, 10:03 AM IST

प्रयागराज : जिले में बीते 10 जून को अटाला इलाके में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद पंप पर एनएसए(NSA) लगाया गया है. डीएम संजय कुमार खत्री की संस्तुती के बाद पुलिस ने जेल में बंद जावेद पंप के खिलाफ दर्ज केस में NSA की धारा भी जोड़ दी है. अब जावेद पंप पर दर्ज NSA सहित अन्य धाराओं पर पुलिस कार्रवाई करेगी. बता दें कि प्रयागराज के अटाला इलाके में हुई हिंसा के दूसरे दिन पुलिस ने मुख्य आरोपी जावेद पंप को गिरफ्तार करके नैनी सेन्ट्रल जेल भेज दिया था. नैनी जेल भेजने के बाद पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर ही जावेद की जेल को बदलते हुए उसे देवरिया जेल भेज दिया गया था.

गौरतलब है कि पुलिस की तरफ से जावेद पर एनएसए लगाने के आदेश की कॉपी उसे जेल में ही रिसीव करवाई गई है. जावेद पर पत्थरबाजी आगजनी और हिंसा की घटना की साजिश रचने के साथ ही कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

12 जून को ढ़हाया गया था जावेद पंप का आलीशान मकान
प्रयागराज में 10 जून को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी जावेद पंप के खिलाफ साक्ष्य एकत्रित कर लिए थे. जिसके बाद घटना के दूसरे ही दिन उसके अवैध घर को पीडीए के बुलडोजरों ने ढ़हा दिया था. घर को ढ़हाने से पहले खाली करने के दौरान भी पुलिस को उसके घर से अवैध तमंचा पिस्टल के साथ ही भड़काऊ दस्तावेज भी मिले थे. इसके साथ ही पीडीए घटना के दूसरे आरोपियों के अवैध कब्जों की जानकारी भी जुटाने में लगी हुई है.

एसएसपी प्रयागराज की तरफ से जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप के खिलाफ एनएसए लगाए जाने संस्तुती करने के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजी गई थी. जिसमें पुलिस की तरफ से जानकारी दी गई थी कि 10 जून को जुमे की नमाज के बाद जावेद मोहम्मद उर्फ पंप द्वारा अपने महत्वपूर्ण सहयोगियों के साथ योजनाबद्ध तरीके से अन्य उपद्रवी तत्वों को एकत्र कर धार्मिक विद्वेष फैलाने के उद्देश्य से उत्तेजनात्मक, धार्मिक नारेबाजी करते हुए पुलिस बल के साथ मारपीट, पत्थरबाजी, वाहनों में आगजनी, तोड़फोड़ व लूट आदि की घटना करवाई थी. जिसके बाद डीएम ने जावेद पंप पर एनएसए लगाए जाने की मंजूरी दी है. जिसके बाद उस आदेश की कॉपी को जेल अधीक्षक देवरिया के माध्यम से जावेद पंप को रिसीव करवाया गया है.

NSA लगने के बाद जमानत की राह हुयी मुश्किल
घटना के मुख्य आरोपी जावेद पंप की गिरफ्तारी के बाद से ही उसकी जमानत के लिए जिला अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने के लिये तैयारी पूरी का जा चुकी है. इस बीच जावेद को जिला अदालत से लेकर हाइकोर्ट तक से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है, लेकिन अब एनएसए लग जाने के बाद उसकी जमानत की राह और भी मुश्किल होती दिख रही है. क्योंकि एनएसए यानी की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई होने के बाद कोर्ट से जल्दी जमानत मिलना आसान नहीं रहता है. इस तरह के मामलों में शुरुआती 3 से 6 महीनों तक जमानत मिलना काफी मुश्किल हो जाता है. पुलिसिया कार्रवाई के बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर ये समय और भी बढ़ सकता है. इस वजह से एनएसए लगने के बाद अब जावेद पंप की जेल से बाहर आने का ख्वाब फिलहाल सच होता नहीं दिख रहा है. कानून के जानकारों की मानें तो साल 2022 में जावेद पंप का जेल से बाहर निकलना मुश्किल है.

इसे पढ़ें- प्रयागराज हिंसा: पांचों अभियुक्तों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित

प्रयागराज : जिले में बीते 10 जून को अटाला इलाके में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद पंप पर एनएसए(NSA) लगाया गया है. डीएम संजय कुमार खत्री की संस्तुती के बाद पुलिस ने जेल में बंद जावेद पंप के खिलाफ दर्ज केस में NSA की धारा भी जोड़ दी है. अब जावेद पंप पर दर्ज NSA सहित अन्य धाराओं पर पुलिस कार्रवाई करेगी. बता दें कि प्रयागराज के अटाला इलाके में हुई हिंसा के दूसरे दिन पुलिस ने मुख्य आरोपी जावेद पंप को गिरफ्तार करके नैनी सेन्ट्रल जेल भेज दिया था. नैनी जेल भेजने के बाद पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर ही जावेद की जेल को बदलते हुए उसे देवरिया जेल भेज दिया गया था.

गौरतलब है कि पुलिस की तरफ से जावेद पर एनएसए लगाने के आदेश की कॉपी उसे जेल में ही रिसीव करवाई गई है. जावेद पर पत्थरबाजी आगजनी और हिंसा की घटना की साजिश रचने के साथ ही कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

12 जून को ढ़हाया गया था जावेद पंप का आलीशान मकान
प्रयागराज में 10 जून को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी जावेद पंप के खिलाफ साक्ष्य एकत्रित कर लिए थे. जिसके बाद घटना के दूसरे ही दिन उसके अवैध घर को पीडीए के बुलडोजरों ने ढ़हा दिया था. घर को ढ़हाने से पहले खाली करने के दौरान भी पुलिस को उसके घर से अवैध तमंचा पिस्टल के साथ ही भड़काऊ दस्तावेज भी मिले थे. इसके साथ ही पीडीए घटना के दूसरे आरोपियों के अवैध कब्जों की जानकारी भी जुटाने में लगी हुई है.

एसएसपी प्रयागराज की तरफ से जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप के खिलाफ एनएसए लगाए जाने संस्तुती करने के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजी गई थी. जिसमें पुलिस की तरफ से जानकारी दी गई थी कि 10 जून को जुमे की नमाज के बाद जावेद मोहम्मद उर्फ पंप द्वारा अपने महत्वपूर्ण सहयोगियों के साथ योजनाबद्ध तरीके से अन्य उपद्रवी तत्वों को एकत्र कर धार्मिक विद्वेष फैलाने के उद्देश्य से उत्तेजनात्मक, धार्मिक नारेबाजी करते हुए पुलिस बल के साथ मारपीट, पत्थरबाजी, वाहनों में आगजनी, तोड़फोड़ व लूट आदि की घटना करवाई थी. जिसके बाद डीएम ने जावेद पंप पर एनएसए लगाए जाने की मंजूरी दी है. जिसके बाद उस आदेश की कॉपी को जेल अधीक्षक देवरिया के माध्यम से जावेद पंप को रिसीव करवाया गया है.

NSA लगने के बाद जमानत की राह हुयी मुश्किल
घटना के मुख्य आरोपी जावेद पंप की गिरफ्तारी के बाद से ही उसकी जमानत के लिए जिला अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने के लिये तैयारी पूरी का जा चुकी है. इस बीच जावेद को जिला अदालत से लेकर हाइकोर्ट तक से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है, लेकिन अब एनएसए लग जाने के बाद उसकी जमानत की राह और भी मुश्किल होती दिख रही है. क्योंकि एनएसए यानी की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई होने के बाद कोर्ट से जल्दी जमानत मिलना आसान नहीं रहता है. इस तरह के मामलों में शुरुआती 3 से 6 महीनों तक जमानत मिलना काफी मुश्किल हो जाता है. पुलिसिया कार्रवाई के बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर ये समय और भी बढ़ सकता है. इस वजह से एनएसए लगने के बाद अब जावेद पंप की जेल से बाहर आने का ख्वाब फिलहाल सच होता नहीं दिख रहा है. कानून के जानकारों की मानें तो साल 2022 में जावेद पंप का जेल से बाहर निकलना मुश्किल है.

इसे पढ़ें- प्रयागराज हिंसा: पांचों अभियुक्तों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.