शिमला: पहाड़ों पर बीते दिन जम कर बर्फबारी हुई. इस बर्फबारी में जहां सड़के बंद हो गई हैं, वहीं कालका शिमला ट्रेन बर्फबारी में भी चलती रही. कालका शिमला ट्रैक पर बर्फबारी में काफी मनमोहक नजारा देखते को मिलता है. बीते दिन हुई बर्फबारी में कालका-शिमला हेरिटेज ट्रैक (Kalka Shimla heritage track) भी बर्फ से ढक गया, इसका नजारा इतना मनमोहक था कि इस फोटो देख देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुद को रोक नहीं पाए और उन्होंने सोशल मीडिया पर रेलवे ट्रैक पर पड़ी बर्फ की फोटो (PM shared Kalka Shimla track photo) शेयर की.
इन तस्वीरों को शेयर करने के साथ ही पीएम मोदी ने लिखा है कि 'कालका-शिमला रेलवे ट्रैक की कुछ लुभावनी झलक, क्या ये तस्वीरें खूबसूरत नहीं लगतीं?' रेलवे ट्रैक पर ताजी बर्फबारी की यह तस्वीरें बहुत ज्यादा खूबसूरत नजर आ रही हैं. पीएम मोदी के कालका-शिमला रेल ट्रैक की तस्वीरें शेयर करने के बाद अन्य लोग भी इन तस्वीरों को खूब शेयर कर रहे हैं.
118 साल पुराना है कालका शिमला रेलवे मार्ग- कालका-शिमला रेलवे मार्ग 118 साल पुराना है. 9 नवंबर 1903 को कालका- शिमला रेल मार्ग की शुरूआत हुई थी. यह रेलमार्ग उत्तर रेलवे के अंबाला डिवीजन के अंतर्गत आता है. 1896 में इस रेल मार्ग को बनाने का कार्य दिल्ली-अंबाला कंपनी को सौंपा गया था. रेलमार्ग कालका स्टेशन (656 मीटर) से शिमला (2,076 मीटर) तक जाता है. 96 किलो मीटर लंबे इस रेलमार्ग पर 18 स्टेशन हैं. साल 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इस मार्ग से यात्रा की थी.
103 सुरंगों से ट्रेन को गुजरते देख रोमांचित हो उठते हैं यात्री- कालका-शिमला रेलवे लाइन पर 103 सुरंगें हैं, जो इस सफर को काफी रोमांचक बना देती हैं. बड़ोग रेलवे स्टेशन पर 33 नंबर बड़ोग सुरंग सबसे लंबी है, जिसकी लंबाई 1143.61 मीटर है, सुरंग क्रॉस करने में टॉय ट्रेन 2.5 मिनट का समय लेती है. रेलमार्ग पर 869 छोटे-बड़े पुल हैं जिस पर सफर और भी रोमांचक हो जाता है. कालका-शिमला रेलमार्ग को नैरोगेज लाइन कहते हैं. इसमें पटरी की चौड़ाई दो फीट छह इंच है.
साल 2008 में यूनेस्को ने दिया था वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा- कालका-शिमला रेलवे लाइन को यूनेस्को ने जुलाई 2008 में इसे वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया था. इसी रूट पर कनोह रेलवे स्टेशन पर ऐतिहासिक आर्च गैलरी पुल 1898 में बना था. शिमला जाते हुए यह पुल 64.76 किमी. पर मौजूद है. आर्च शैली में निर्मित चार मंजिला पुल में 34 मेहराबें हैं.
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